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बुनियादी ढाँचे का विकास

संदर्भ 

  • ‘अवसंरचना’ को उन सुविधाओं के रूप में परिभाषित किया गया है, जो आधुनिक मानव जीवन को सहज बनाने में सहायक सिद्ध होती हैं। अवसंरचनाएँ दो प्रकार की होती हैं- भौतिक और सामाजिक। 
  • भौतिक बुनियादी ढाँचे के विकास को तीव्र आर्थिक विकास के लिये महत्त्वपूर्ण माना जाता है। भौतिक बुनियादी ढाँचे पर खर्च करने से लेन-देन की लागत और अन्य इनपुट लागत कम हो जाती है, व्यापार गतिविधियों का विकास होता है, नए बाज़ार के विकल्प उपलब्ध होते हैं, उत्पादकता बढ़ती है और रोज़गार के अवसरों में वृद्धि होती है, जो एक राष्ट्र के आर्थिक विकास में योगदान देता है। एक अर्थव्यवस्था में मानव संसाधनों के विकास के लिये शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं पर व्यय से सामाजिक बुनियादी ढाँचे का विकास महत्त्वपूर्ण होता है।

अवसंरचना विकास और आर्थिक विकास

आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22 के अनुसार, वर्ष 2024-25 तक 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की जीडीपी प्राप्त करने के लिये भारत को इन वर्षों में बुनियादी ढाँचे पर लगभग 1.4 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर खर्च करने की आवश्यकता है (भारत सरकार, 2022)।

केंद्रीय बजट 2022-23: बुनियादी ढाँचे से संबंधित मुख्य बिंदु 

  • वर्ष 2022-23 का केंद्रीय बजट ऐसे निर्णायक समय पर पेश किया गया जब एक ओर अर्थव्यवस्था कोविड-19 महामारी से उबरने की कोशिश कर रही है, वहीं दूसरी ओर, देश प्रगतिशील भारत की संस्कृति एवं उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास के उपलक्ष्य में ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ मना रहा है। केंद्रीय बजट 2022-23 आगामी 25 वर्षों की रूपरेखा प्रस्तुत करता है, जिसे सरकार द्वारा अमृत काल के रूप में चिह्नित किया गया है।
  • बजट दस्तावेज़ ने चार प्राथमिकताओं की पहचान की है- 1. पीएम गति शक्ति के माध्यम से बुनियादी ढाँचे का विकास, 2. व्यापार के लिये अनुकूल वातावरण बनाने के माध्यम से उत्पादकता में वृद्धि तथा कौशल विकास, 3. कृषि के विकास के माध्यम से अधिक समावेशी विकास व रोज़गार 4. सार्वजनिक क्षेत्र के माध्यम से निवेश का वित्तपोषण, निजी क्षेत्र की सक्रिय भागीदारी के साथ (भारत सरकार 2022)।

भौतिक बुनियादी ढाँचे की पहल का विकास

  • केंद्रीय बजट 2022-23 में बुनियादी ढाँचे के विकास के लिये प्रधानमंत्री गति शक्ति कार्यक्रम की पहचान की गई है। प्रधानमंत्री गति शक्ति 7 इंजनों के माध्यम से अर्थव्यवस्था के भौतिक बुनियादी ढाँचे को बढ़ावा देने की एक पहल है, ये हैं- (1) सड़कें, (2) रेलवे, (3) हवाई अड्डे/विमानन (4) बंदरगाह, (5) जन परिवहन, (6) जलमार्ग, और (7) रसद अवसंरचना। प्रधानमंत्री गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान (एन.एम.पी.) को अक्तूबर 2021 में मंजूरी मिली। इस योजना का उद्देश्य विभिन्न आर्थिक क्षेत्रों के लिये मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी प्रदान करना और लोगों, वस्तुओं एवं सेवाओं की निर्बाध आवाजाही के लिये बुनियादी ढाँचे को समग्र रूप से एकीकृत करना है। 
  • गति शक्ति का उद्देश्य भारतमाला, सागरमाला, अंतर्देशीय जलमार्ग, उड़ान इत्यादि जैसी बुनियादी ढाँचा कनेक्टिविटी परियोजनाओं की एकीकृत योजना और समन्वित कार्यान्वयन के लिये 16 मंत्रालयों को एक साथ लाना है। इससे आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलने, विदेशी निवेश में वृद्धि होने और ​​रोज़गार के नए अवसर उपन्न होने की संभावना है।

सड़क परिवहन

  • 63.71 लाख किमी. (वर्ष 2019 तक) का भारतीय सड़क नेटवर्क दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा सड़क नेटवर्क है। केंद्रीय बजट 2022-23 का उद्देश्य एक्सप्रेसवे के लिये मास्टर प्लान तैयार करना और 2022-23 में 25,000 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों को पूरा करना है।
  • पिछले 20 वर्षों में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, ग्रामीण क्षेत्रों में पर्याप्त संपर्क मार्गों की कमी की समस्या को दूर करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। केंद्रीय बजट 2022-23 में उक्त योजना के लिये 19,000 करोड़ रुपए आवंटित किये गए हैं, जो केंद्रीय बजट 2021-22 के तहत आवंटित बजट से 36% अधिक है।

रेलवे परिवहन

  • 68,102 रूट किलोमीटर से अधिक के साथ भारतीय रेलवे एकल प्रबंधन के तहत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा नेटवर्क है। भारतीय रेलवे ने ‘कवच’ (KAWACH) नाम की टक्कर रोधी तकनीक को अपनाया और स्वदेशी रूप से विकसित किया है। केंद्रीय बजट 2022-23 का लक्ष्य 2,000 किमी. रेल नेटवर्क को स्वदेश निर्मित विश्वस्तरीय प्रौद्योगिकी कवच ​​के तहत कवर करना है।
  • केंद्रीय बजट 2022-23 ने अगले तीन वर्षों में 400 नई पीढ़ी की वंदे भारत ट्रेनों को बेहतर दक्षता के साथ जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके साथ ही अगले तीन वर्षों के दौरान 100 प्रधानमंत्री गति शक्ति कार्गो टर्मिनलों को विकसित करने का लक्ष्य भी रखा गया है। रेलवे के माध्यम से कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने हेतु बजट का लक्ष्य ‘एक स्टेशन-एक उत्पाद’ मॉडल विकसित करना है।

नागरिक उड्डयन

भारत सरकार की क्षेत्रीय संपर्क योजना (RCS) के हिस्से के रूप में क्रियान्वित उड़ान योजना (UDAN Scheme) के माध्यम से क्षेत्रीय हवाई अड्डों का विकास एक सराहनीय कदम है, जो उभरते क्षेत्रीय बाज़ारों को जोड़ने में मददगार साबित  करेगा। उड़ान के तहत, आर.सी.एस. उड़ानों के संचालन के लिये 12 वाटर एयरोड्रोम और 36 हेलीपैड सहित 153 आर.सी.एस. हवाई अड्डों की पहचान की गई है। 

जलमार्ग

विश्व स्तरीय मेगा पोर्ट, ट्रांसशिपमेंट हब विकसित करने और बुनियादी ढाँचे के आधुनिकीकरण को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से मार्च 2021 में ‘मैरीटाइम इंडिया विजन 2030’ जारी किया गया है। इसे वैश्विक समुद्री क्षेत्र में भारत को आगे बढ़ाने के लिये एक फ्रेमवर्क माना जाता है।

लॉजिस्टिक इंफ्रास्ट्रक्चर

केंद्रीय बजट 2022-23 ने लॉजिस्टिक क्षेत्र पर बल दिया है और वर्ष 2022-23 में पीपीपी के माध्यम से चार मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स पार्कों की योजना प्रस्तुत की गई है।

भूमि संसाधन प्रबंधन

केंद्रीय बजट में राष्ट्रीय सामान्य दस्तावेज़ पंजीकरण प्रणाली (एन.जी.डी.आर.एस.) को ‘एक राष्ट्र एक पंजीकरण सॉफ्टवेयर’ के साथ जोड़ने का प्रस्ताव किया गया है। यह पहल एकसमान पंजीकरण प्रक्रिया को बढ़ावा देगी।

बुनियादी ढाँचे के लिये क्षमता निर्माण

वर्ष 2021 में गठित क्षमता निर्माण आयोग का उद्देश्य पीएम गति शक्ति बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं की योजना, डिज़ाइन, वित्तपोषण और कार्यान्वयन प्रबंधन हेतु केंद्रीय मंत्रालयों, राज्य सरकारों और उनकी उप-संस्थाओं के कौशल उन्नयन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाना है।

सामाजिक बुनियादी ढाँचे का विकास

  • आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम: जनवरी 2018 में प्रधानमंत्री ने आकांक्षी ज़िलों के बदलाव कार्यक्रम की शुरुआत की। इसका उद्देश्य देश के कुछ अविकसित ज़िलों में से कुछ को शीघ्र और प्रभावी ढंग से बदलना है। स्वास्थ्य और पोषण; शिक्षा; कृषि और जल संसाधन; वित्तीय समावेशन और कौशल विकास; और बुनियादी ढाँचे, जिनका मानव विकास सूचकांक पर प्रभाव पड़ता है, के समग्र संकेतकों के आधार पर नीति आयोग द्वारा ज़िलों की पहचान की गई है। केंद्रीय बजट में आकांक्षी ज़िलों के पिछड़े हुए ब्लॉकों के विकास के लिये आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम की घोषणा की गई है।
  • बजट में राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य परिवेश को शुरू करने का प्रस्ताव किया गया है। इसमें गुणवत्ता परामर्श के लिये राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की भी घोषणा की गई है। बजट में 2 लाख आंगनबाड़ियों को सक्षम आंगनबाड़ी के रूप में अपग्रेड करने का भी प्रस्ताव किया गया है। सक्षम आंगनवाड़ी नई पीढ़ी की आंगनवाड़ी होंगी। 

शैक्षिक बुनियादी ढाँचे का विकास

  • ऑनलाइन लर्निंग के अनुभव को और बेहतर बनाने के लिये बजट में ‘वन क्लास वन टीवी चैनल’ कार्यक्रम की घोषणा की गई है, जिसे 200 टीवी चैनलों तक विस्तारित किया जाएगा। इस पहल से सभी राज्यों को कक्षा 1 से 12 तक क्षेत्रीय भाषाओं में पूरक शिक्षा प्रदान करने में सक्षम बनाने का प्रयास किया जाएगा।
  • बजट में विश्व स्तरीय गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ-साथ एक ‘डिजिटल विश्वविद्यालय’ स्थापित करने का भी प्रस्ताव है। बजट में प्रबंधन, फिनटेक, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित के पाठ्यक्रम प्रदान करने के लिये (घरेलू विनियमन से मुक्त) भारत में विश्व स्तरीय विदेशी विश्वविद्यालयों की स्थापना के लिये मार्ग प्रशस्त करने का भी प्रस्ताव है।

 पूर्वोत्तर के लिये विशेष बुनियादी ढाँचा विकास पहल

पीएम-डिवाइन नामक पहल के अंतर्गत पीएम गति शक्ति योजना में निहित बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं को वित्तपोषित करने और उन्हें लागू करने की योजना बनाई गई है। इससे पूर्वोत्तर के आठ राज्यों- असम, मेघालय, मणिपुर, मिजोरम, नगालैंड, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में विशेष रूप से युवाओं और महिलाओं के लिये आजीविका के अधिक अवसर उत्पन्न होने की उम्मीद है। यह पहल विभिन्न केंद्रीय और राज्य प्रायोजित योजनाओं के मध्य विद्यमान अंतर को भरने की दिशा में एक अहम भूमिका निभाएगी।

बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं का वित्तपोषण

  • देश भर में विश्व स्तरीय बुनियादी ढाँचा प्रदान करने और नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने के लिये वर्ष 2020 में राष्ट्रीय बुनियादी ढाँचा पाइपलाइन (एन.आई.पी.) शुरू की गई।
  • ‘पूंजी निवेश के लिये राज्यों को वित्तीय सहायता की योजना’ के लिये आवंटन को बढ़ाकर 1 लाख करोड़ रुपए कर दिया गया है। 50 वर्षों के लिये ब्याज मुक्त इन ऋणों का उपयोग पीएम गति शक्ति योजना के कार्यान्वयन और राज्यों के लिये अन्य उत्पादक पूंजी निवेश के लिये किये जाने की उम्मीद है।
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