प्रारम्भिक परीक्षा – कोच्चि-लक्षद्वीप पनडुब्बी ओएफसी (KLI) परियोजना मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर- 3 |
चर्चा में क्यों
- प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 03 जनवरी 2024 को लक्षद्वीप के कावारत्ती में प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, जल सहित कई क्षेत्रों को कवर करने वाली 1,150 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं की घोषणा की।
प्रमुख बिंदु :-
- लक्षद्वीप के विकास के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कोच्चि-लक्षद्वीप द्वीप समूह पनडुब्बी ऑप्टिकल फाइबर कनेक्शन (केएलआई-एसओएफसी) परियोजना का उद्घाटन किया।
कोच्चि-लक्षद्वीप द्वीप समूह सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर कनेक्शन परियोजना:-
- इस परियोजना के माध्यम से स्वतंत्रता के पश्चात् पहली बार लक्षद्वीप को सबमरीन ऑप्टिक फाइबर केबल से जोड़ा जाएगा।
- यह परियोजना लक्षद्वीप द्वीप में इंटरनेट स्पीड में वृद्धि, जिससे तेज और अधिक विश्वसनीय इंटरनेट सेवाएं, टेलीमेडिसिन, ई-गवर्नेंस, शैक्षिक पहल, डिजिटल बैंकिंग, डिजिटल मुद्रा उपयोग, डिजिटल साक्षरता आदि सुविधा प्रदान किया जा सकेगा।
- यह लक्षद्वीप के लोगों के लिए 100 गुना तेज इंटरनेट सुनिश्चित करेगी।
- यह परियोजना लक्षद्वीप को लॉजिस्टिक हब के रूप में विकसित करने सहायक होगी।
- कोच्चि-लक्षद्वीप द्वीप समूह सबमरीन केबल (KLI) परियोजना में मुख्यभूमि (कोच्चि) से 11लक्षद्वीप द्वीप समूह अर्थात् कावारत्ती, अगत्ती, अमिनी, कदमत, चेटलेट, कल्पेनी, मिनिकॉय, एंड्रोथ, किल्टान, बंगाराम और बितरा तक पनडुब्बी केबल कनेक्टिविटी का विस्तार किया गया है।
- यह परियोजना यूनिवर्सल सर्विसेज ऑब्लिगेशन फंड (USOF), दूरसंचार विभाग द्वारा वित्त पोषित है।
- भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) कोच्चि-लक्षद्वीप द्वीप समूह सबमरीन केबल (KLI) परियोजना की निष्पादन एजेंसी थी।
- यह काम ग्लोबल ओपन टेंडरिंग प्रक्रिया के माध्यम से मेसर्स एनईसी कॉर्पोरेशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को सौंपा गया था।
परियोजना से संबंधित प्रमुख गतिविधियां :-
- परियोजना से संबंधित प्रमुख गतिविधियों में समुद्री मार्ग सर्वेक्षण, पनडुब्बी केबल बिछाना, सीएलएस स्टेशनों का सिविल निर्माण, अंतिम टर्मिनलों (एसएलटीई) की स्थापना, परीक्षण और कमीशनिंग शामिल हैं।
केएलआई परियोजना की मुख्य विशेषताएं:-
- केएलआई परियोजना की कुल लिंक दूरी 1,868 किलोमीटर है।
- परियोजना की कुल लागत 1072 करोड़ रुपये है।
केएलआई परियोजना का लाभ:-
- यह परियोजना 'डिजिटल इंडिया' और ' राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन' के उद्देश्य को प्राप्त करने और लक्षद्वीप द्वीप समूह में भारत सरकार की विभिन्न ई-गवर्नेंस परियोजनाओं को शुरू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी ।
- ई-गवर्नेंस, पर्यटन , शिक्षा, स्वास्थ्य, वाणिज्य और उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। इससे द्वीप में लोगों के जीवन स्तर में और सुधार करने में भी मदद मिलेगी और इन क्षेत्रों में समग्र सामाजिक और आर्थिक विकास में तेजी आएगी।
- लक्षद्वीप द्वीप समूह की आबादी को हाई स्पीड वायरलाइन ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान की जाएगी।
- हाई स्पीड ब्रॉडबैंड FTTH और 5G/4G मोबाइल नेटवर्क के जरिए उपलब्ध कराया जाएगा ।
- इस परियोजना के तहत बनाई गई बैंडविड्थ लक्षद्वीप द्वीप समूह में अपनी दूरसंचार सेवाओं को मजबूत करने के लिए सभी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) के लिए उपलब्ध होगी।
प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न:- स्वतंत्रता के पश्चात् पहली बार किस द्वीप को सबमरीन ऑप्टिक फाइबर केबल से जोड़ा जाएगा?
(a) अंडमान और निकोबार द्वीप
(b) अब्दुल कलाम द्वीप
(c) लक्षद्वीप
(d) पंबन द्वीप
उत्तर: (c)
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