New
GS Foundation (P+M) - Delhi: 26 Feb, 11:00 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 15 Feb, 10:30 AM Call Our Course Coordinator: 9555124124 GS Foundation (P+M) - Delhi: 26 Feb, 11:00 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 15 Feb, 10:30 AM Call Our Course Coordinator: 9555124124

कोंगु नाडु और विभाजन की राजनीति

(प्रारंभिक परीक्षा- राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 1 व 2 : संघीय ढाँचे से संबंधित विषय एवं चुनौतियाँ, संघीय ढाँचे से संबंधित विषय एवं चुनौतियाँ)

संदर्भ 

हाल ही में, एल मुरुगन को केंद्र सरकार में मंत्री बनाया गया है। इनके निवास स्थान के रूप में तमिलनाडु के एक विशेष क्षेत्र 'कोंगु नाडु' का अप्रत्यक्ष उल्लेख किया जा रहा है। इससे राज्य के पश्चिमी हिस्से में एक क्षेत्र के लिये अनौपचारिक नाम 'कोंगु नाडु' को लेकर बहस प्रारंभ हो गई है। इसे लाभ के लिये विभाजन की राजनीति माना जा रहा है।

कहाँ है कोंगु नाडु?

  • 'कोंगु नाडु' न ही विशेष रुप से स्थापित कोई क्षेत्र है, न ही किसी क्षेत्र को औपचारिक रूप से दिया गया नाम है। यह पश्चिमी तमिलनाडु के हिस्से के लिये आमतौर पर प्रयोग किया जाने वाला नाम है। इसे तमिल साहित्य में प्राचीन तमिलनाडु के पाँच क्षेत्रों में से एक के रूप में संदर्भित किया गया था। संगम साहित्य में एक अलग क्षेत्र के रूप में 'कोंगु नाडु' का उल्लेख है।
  • वर्तमान तमिलनाडु राज्य में इस शब्द का प्रयोग अनौपचारिक रूप से एक ऐसे क्षेत्र को संदर्भित करने के लिये किया जाता है, जिसमें नीलगिरी, कोयंबटूर, तिरुपुर, इरोड, करूर, नमक्कल और सलेम ज़िले शामिल हैं। साथ ही, इसमें डिंडगुल ज़िले के ओड्डनछत्रम तथा वेदसंदूर और धर्मपुरी ज़िले का पप्पीरेड्डीपट्टी शामिल हैं। यह नाम एक ओ.बी.सी. समुदाय ‘कोंगु वेल्लाला गौंडर’ से लिया गया है, जिनकी इन ज़िलों में महत्त्वपूर्ण उपस्थिति है।
  • इस क्षेत्र में नमक्कल, सलेम, तिरुपुर और कोयंबटूर में प्रमुख व्यवसाय एवं औद्योगिक केंद्र शामिल हैं। हाल के दिनों में यह क्षेत्र अन्नाद्रमुक का गढ़ बनकर उभरा  है और यहाँ पर भाजपा का सीमित प्रभाव है।

kongu-nadu

विवाद का प्रारंभ 

  • हाल ही में, भाजपा द्वारा जारी की गई मंत्रियों की नई सूची में प्रत्येक मंत्री को राज्य और विशेष स्थान के साथ प्रोफाइल किया गया है। एल. मुरुगन को ‘कोंगु नाडु, तमिलनाडु’ के रूप में संदर्भित किया गया है।
  • तेलंगाना या उत्तराखंड के विपरीत, तमिलनाडु के आधुनिक राजनीतिक इतिहास में अलग ‘कोंगु नाडु’ के बारे में कभी कोई माँग या चर्चा नहीं हुई है। अत: इसमें किसी राजनीतिक या सामाजिक संदर्भ का अभाव है। हालाँकि, कई लोग इसे तमिलनाडु सरकार के ‘मधिया अरासु’ (संघ सरकार) के बजाय ‘ओंड्रिया अरासु’ (केंद्र सरकार) शब्द का उपयोग करने के प्रतिवाद के रूप में देख रहे हैं।
  • हालाँकि, सरकार के साथ-साथ लोगों ने भी तमिलनाडु को विभाजित करने का विरोध किया है। विदित है कि उत्तराखंड और तेलंगाना के निर्माण का प्रारंभ भी क्षेत्रीय माँग के साथ शुरू हुआ था।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR