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उदारीकृत विप्रेषण योजनाएँ

(प्रारंभिक परीक्षा : भारतीय अर्थव्यवस्था)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र-3 : आर्थिक विकास एवं धनप्रेषण संबंधित मुद्दे)

संदर्भ 

सरकार क्रेडिट कार्ड से होने वाले खर्च को पुन: ‘उदारीकृत विप्रेषण योजना’ (Liberalised Remittance Scheme : LRS) के अंतर्गत लाने पर विचार कर रही है। यह योजना भारतीय निवासियों के लिए विदेशों से या विदेशों में धन विप्रेषित करने में सरलता लाने के लिए प्रारंभ की गयी है।

क्या हैं उदारीकृत विप्रेषण योजना (Liberalised Remittance Scheme : LRS)

  • फेमा की धारा-5 के अनुसार भारत में निवासी व्यक्ति केंद्र सरकार द्वारा जिन लेनदेनों के लिए विदेशी मुद्रा का आहरण (Drawal) प्रतिबंधित किया गया है, को छोड़कर किसी भी चालू खाता लेनदेन के लिए विदेशी मुद्रा खरीदने अथवा बेचने के लिए स्वतंत्र है।
  • यह योजना रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) ने 4 फरवरी, 2004 को 25,000 डॉलर की सीमा के साथ प्रारंभ की थी। बाद में मौजूदा मैक्रो एवं माइक्रो आर्थिक स्थितियों के अनुरूप एल.आर.एस. सीमा को विभिन चरणों में संशोधित किया गया। 
    • विदित है कि वर्ष  2004 से पूर्व भारत से दूसरे देशों में धन हस्तांतरण का कार्य विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (Foreign Exchange Management Act,1999) के तहत गंभीर प्रतिबंधों के साथ होता था।
  • वर्तमान में उदारीकृत विप्रेषण योजना के तहत अवयस्क सहित सभी निवासी व्यक्ति को स्वीकार्य चालू तथा पूंजी खाता लेनदेन के लिए अथवा दोनों के लिये संयुक्त रूप में प्रति वित्तीय वर्ष 2,50,000 अमेरिकी डॉलर तक की राशि मुक्त रूप से विप्रेषित करने के लिए अनुमति दी गयी है। 
    • यह योजना कॉर्पोरेट्स, साझेदारी फ़र्म, हिन्दू अविभक्त परिवार (HUF), न्यासों आदि के लिए उपलब्ध नहीं है।
  • व्यक्तिगत निवासी को उसके द्वारा प्राधिकृत व्यक्तियों के माध्यम से एल.आर.एस. के अंतर्गत किए गए सभी लेनदेन के लिए स्थायी खाता संख्या (पैन नंबर) प्रदान करना अनिवार्य है। साथ ही, किसी भी मुक्त रूप से परिवर्तनीय विदेशी मुद्रा में विप्रेषण किए जा सकते हैं।

क्रेडिट कार्ड से होने वाला व्यय एवं एल.आर.एस. : टाइमलाइन

  • वित्त मंत्रालय ने मई 2023 में क्रेडिट कार्ड से होने वाले खर्च को एल.आर.एस. सीमा के अंतर्गत ला दिया था और टी.सी.एस. की दर भी बढ़ा दी थी। 
  • हालांकि, बैंकों को अपनी आवश्यक आईटी प्रणालियों को सुचारू बनाने के लिए जून में क्रेडिट कार्ड के जरिए विदेशों में खर्च पर रोक लगा दी गयी थी।
  • जुलाई 2024 में सरकार एल.आर.एस. के हिस्से के रूप में क्रेडिट कार्ड से खर्च को फिर से शुरू कर सकती है।

योजना के तहत प्रतिबंधित मदें 

  • इस योजना के तहत निम्नलिखित के लिए विप्रेषण की सुविधा उपलब्ध नहीं है :
    1.  विदेशी मुद्रा प्रबंध (चालू खाता लेनदेन) विनियमावली, 2000 की अनुसूची-। के तहत विशेष रूप से निषिद्ध किसी भी प्रयोजन (जैसे- लॉटरी टिकट खरीदने/ जुए में दांव लगाने, निषिद्ध पत्रिकाओं की खरीद, आदि) अथवा अनुसूची-॥ के तहत प्रतिबंधित किसी भी मद के लिए विप्रेषण
      (पारदेशीय विनिमय गृहों (Overseas Exchanges)/ पारदेशीय प्रतिपक्ष (Overseas Counterparty) को मार्जिन अथवा मार्जिन कॉल के लिए भारत से विप्रेषण
    2. (पारदेशीय द्वितीयक बाजार में भारतीय कंपनियों द्वारा जारी विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बांडों की खरीद के लिए विप्रेषण
    3. विदेशों में विदेशी मुद्रा की ट्रेडिंग के लिए विप्रेषण
    4. पूंजी खाता लेनदेनों के लिए यह योजना उन देशों के लिए उपलब्ध नहीं है जिनकी पहचान वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (FATF) ने समय-समय पर ‘असहयोगी देशों एवं क्षेत्राधिकारों’ के रूप में की है।
    5. जिन व्यक्तियों या संस्थाओं की पहचान आतंकवाद से जुड़ी गतिविधियों में शामिल होने के कारण बेहद जोखिम वालों के रूप में की गई हो तथा जिसके बारे में रिज़र्व बैंक ने बैंकों को अलग से सूचित किया हो उन्हें प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से विप्रेषण भेजने की अनुमति भी नहीं है।
    6. एक निवासी द्वारा दूसरे निवासी को एल.आर.एस. के तहत विदेश में रखे गए विदेशी मुद्रा खाते में क्रेडिट के लिए विदेशी मुद्रा में उपहार देना।

LRS के लिए स्रोत पर संगृहीत कर (TCS) की दर

  • स्रोत पर संगृहीत कर वह राशि है जो विक्रेता द्वारा बिक्री के समय क्रेता से एकत्र की जाती है, ताकि उसे कर प्राधिकारियों के पास जमा किया जा सके।
  • बजट 2023 में एल.आर.एस. के तहत विदेशी प्रेषण के लिए टी.सी.एस. दर को 5% से बढ़ाकर 20% कर दिया गया है। इसमें अंतर्राष्ट्रीय यात्रा, विदेश में पैसा भेजना और अन्य प्रेषण शामिल हैं।
  • यह नई दर 1 अक्तूबर, 2023 से लागू हुई, जिसने एल.आर.एस. पर टी.सी.एस. लागू करने के लिए 7 लाख रुपए की सीमा को हटा दिया।
    • हालाँकि, ये परिवर्तन शिक्षा और चिकित्सा व्यय के मामले में लागू नहीं होंगे।

भारत में उदारीकृत धनप्रेषण योजना के लाभ

  • निवेश पोर्टफोलियो में विविधता : एल.आर.एस. व्यक्तियों को स्टॉक, बांड, म्यूचुअल फंड और रियल एस्टेट जैसी विदेशी परिसंपत्तियों में निवेश करके अपने निवेश पोर्टफोलियो में विविधता की अनुमति देता है।
  • विदेशी शिक्षा : यह छात्रों को विदेशी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने का अवसर व व्यक्तियों को शिक्षा से संबंधित व्यय, जैसे- ट्यूशन फीस, रहने का खर्च और किताबों के लिए पैसे भेजने में सक्षम बनाता है। 
  • चिकित्सा उपचार : यह व्यक्तियों को भारत के बाहर चिकित्सा उपचार के लिए धन भेजने की अनुमति देता है। 
  • यात्रा : एल.आर.एस. व्यक्तियों को यात्रा से संबंधित व्यय, जैसे- टिकट, होटल बुकिंग और अन्य खर्चों के लिए धन भेजने में सक्षम बनाता है।
  • स्टार्ट-अप की अनुमति : यह विदेशी व्यवसायों, स्टार्ट-अप और संयुक्त उद्यमों में निवेश करने की अनुमति देता है। 
  • उपहार एवं दान : यह योजना व्यक्तियों को भारत के बाहर अपने परिवार के सदस्यों या धर्मार्थ संगठनों को धन उपहार या दान करने में सक्षम बनाता है।

निष्कर्ष

क्रेडिट कार्ड के ज़रिए विदेश में पैसे खर्च करना अभी उदारीकृत धन प्रेषण योजना की सीमा के अंतर्गत नहीं आता है, लेकिन निकट भविष्य में इसमें बदलाव हो सकता है और अगर ऐसा होता है तो क्रेडिट कार्ड उपयोगकर्ताओं को स्रोत पर कर संग्रह (TCS) पर 20% का भुगतान करना पड़ सकता है।

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