प्रारंभिक परीक्षा- समसामयिकी, ग्रेट लीप फॉरवर्ड मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन, पेपर- 1 |
संदर्भ-
- 26 दिसंबर, 1923 को जनवादी गणतंत्र चीन के संस्थापक माओत्से तुंग की 130वां जन्मोत्सव जयंती समारोह मनाई गई।
मुख्य बिंदु-
- चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) हर 10 साल में माओ की जन्मोत्सव मनाती है।
- इस अवसर पर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने माओत्से तुंग के विचार को "अमूल्य आध्यात्मिक संपदा" बताया
- श्री जिनपिंग के अनुसार, माओत्से तुंग कम्युनिस्ट पार्टी की मार्गदर्शक भावना बने रहेंगे।
- माओ के बाद लगातार तीसरे पांच साल के कार्यकाल के लिए सत्ता में बने रहने वाले श्री जिनपिंग एकमात्र सीपीसी नेता हैं।
- माओ की तरह जिनपिंग पास भी "कोर लीडर" की उपाधि है, जिसका अर्थ है कि वह पार्टी के बाकी नेताओं से ऊपर हैं और जीवन भर सत्ता में बने रहेंगे।
- माओ के विचार उनकी रेड बुक में शामिल हैं।
माओत्से तुंग के बारे में-
- माओत्से तुंग का जन्म 26 दिसंबर, 1893 तथा मृत्यु 9 सितंबर 1976 को हुआ था।
- माओ चीनी क्रान्तिकारी, राजनैतिक विचारक और साम्यवादी (कम्युनिस्ट) दल के नेता थे, जिनके नेतृत्व में चीन की क्रांति सफल हुई।
- वर्ष, 1949 में उन्होंने जनवादी गणतंत्र चीन की स्थापना की और मृत्युपर्यन्त (वर्ष, 1976) तक चीन का नेतृत्व किया।
- मार्क्सवादी-लेनिनवादी विचारधारा को सैनिक रणनीति में जोड़कर उन्होंनें जिस सिद्धान्त को जन्म दिया उसे माओवाद के नाम से जाना जाता है।
- माओ के 'ग्रेट लीप फॉरवर्ड' (Great Leap Forward) और 'सांस्कृतिक क्रांति' नामक सामाजिक तथा राजनीतिक कार्यक्रमों के कारण गंभीर अकाल की स्थिति उत्पन्न हुई।
- टाइम पत्रिका के अनुसार 20 वीं सदी के 100 सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों में माओ आते हैं।
प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रश्न-
प्रश्न- माओत्से तुंग के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- हाल ही में माओत्से तुंग की 100वां जन्मोत्सव समारोह मनाई गई।
- चीन की कम्युनिस्ट पार्टी प्रत्येक वर्ष माओ की जयंती मनाती है।
- टाइम पत्रिका के अनुसार 20 वीं सदी के 100 सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों में माओ आते हैं।
नीचे दिए गए कूट की सहायता से सही उत्तर का चयन कीजिए।
(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 2
(c) केवल 3 और 4
(d) केवल 3
उत्तर- (d)
मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न-
प्रश्न- मार्क्सवादी-लेनिनवादी विचारधारा को सैनिक रणनीति में जोड़कर माओ ने जिस सिद्धान्त को जन्म दिया उसे माओवाद के नाम से जाना जाता है। विवेचना कीजिए।
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स्रोत- indian express