(प्रारंभिक परीक्षा- राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ, विभिन्न क्षेत्रों में की गई पहल)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3 : भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास तथा रोज़गार से संबंधित विषय)
संदर्भ
हाल ही में, गुजरात ने पर्यटन नीति की घोषणा की है, जिसमें MICE पर्यटन पर विशेष ज़ोर दिया गया है। इसका उद्देश्य निवेश और आजीविका के अवसरों पर ध्यान देने के साथ राज्य को देश के अग्रणी पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना है। यह नीति गुजरात को ‘MICE पर्यटन’ का केंद्र बनाना चाहती है। गुजरात की नई पर्यटन नीति 1 जनवरी, 2021 से 31 मार्च, 2025 तक के लिये घोषित की गई है।
क्या है MICE पर्यटन?
‘बैठकों, प्रोत्साहनों, सम्मेलनों और प्रदर्शनियों’ का ही संक्षिप्त नाम MICE (Meetings, Incentives, Conferences and Exhibitions) है। वास्तव में यह बिजनेस टूरिज्म का एक रूप है, जो घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों को किसी गंतव्य की ओर आकर्षित करता है। MICE पर्यटन की अवधारणा वैश्वीकरण और आर्थिक सुधारों का परिणाम है।
नीति में MICE पर्यटन को आकर्षित करने का प्रस्ताव
- गुजरात सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय आयोजनों को प्रोत्साहित करने के लिये रात भर रुकने वाले प्रति विदेशी प्रतिभागियों के लिये कार्यक्रम आयोजकों को 5,000 रुपये की सहायता की घोषणा की है, जिसकी ऊपरी सीमा 5 लाख रुपए है।
- घरेलू आयोजनों के लिये इस नीति में 2 लाख रुपए प्रति इवेंट की वित्तीय सहायता का वादा किया गया है। हालाँकि, इस वित्तीय सहायता के लिये प्रति वर्ष प्रति आयोजक तीन आयोजनों की ऊपरी सीमा निर्धारित की गई है।
- गुजरात के लिये बड़े व महत्त्वपूर्ण राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों के आयोजन स्थल के रूप में उभरने के लिये विशाल सम्मेलन केंद्रों की आवश्यकता है। इस नीति में बड़े सम्मेलन केंद्रों के निर्माण के लिये विशेष प्रोत्साहन का वादा किया गया है, जिसमें पात्र पूँजी निवेश पर 15% पूँजीगत सब्सिडी शामिल है।
- साथ ही, सरकार ने आवश्यकता पड़ने पर पट्टे (Lease) पर भूमि देने का भी वादा किया है।
वर्तमान में गुजरात में MICE गंतव्य
- गाँधीनगर में महात्मा मंदिर सम्मेलन और प्रदर्शनी केंद्र एक प्रमुख स्थल है, जिसे ‘वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक निवेश शिखर सम्मेलन’ के आयोजन स्थल के रूप में निर्मित किया गया था।
- इस परिसर में स्थित नमक के टीले के आकार में निर्मित दांडी कुटीर गाँधीजी को समर्पित एक मल्टीमीडिया संग्रहालय है। यह किसी एक व्यक्ति को समर्पित विश्व का सबसे बड़ा संग्रहालय है। यहाँ पिछले वर्ष फरवरी में प्रवासी वन्यजीव प्रजातियों के संरक्षण के लिये (CMS COP13) 13वीं यू.एन. अभिसमय का आयोजन किया गया था।
- इसके अतिरिक्त केंद्रीय गुजरात के नर्मदा ज़िले में केवडिया के पास टेंट सिटी को एक आदर्श सम्मेलन स्थल के रूप में प्रस्तुत किया गया है। यहाँ पिछले वर्ष राष्ट्रीय स्तर के अधिकारियों का सम्मलेन आयोजित किया गया था। कच्छ के व्हाइट डेजर्ट में धोर्डो टेंट सिटी भी एक प्रमुख स्थल है।
MICE पर्यटन पर विशेष ध्यान दिये जाने का कारण
- आज के समय में MICE इवेंट प्रमुख पर्यटन जनरेटर हैं और इस क्षेत्र में गुजरात के लिये बहुत संभावनाएँ हैं। इस नीति का लक्ष्य गुजरात को देश के शीर्ष पाँच MICE पर्यटन स्थलों में से एक बनाना है।
- गुजरात में MICE कार्यक्रमों के आयोजन और सम्मेलन केंद्रों के निर्माण को प्रोत्साहित करके MICE पर्यटन क्षमता में अंतराल को भरने की कोशिश की जा रही है।
- व्यवस्थापक अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रमों के लिये आये हुए आगंतुकों को कुछ अतिरिक्त दिनों के लिये रोककर गुजरात के पर्यटन के आकर्षक केंद्रों तक जाने के लिये प्रोत्साहित कर सकते हैं।
गुजरात के प्रमुख पर्यटन स्थल
- गुजरात में प्रमुख पर्यटन स्थलों में विश्व की सबसे ऊँची प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफयूनिटी’, एशियाई शेरों का एकमात्र आवास ‘गिर’, एशिया का सबसे लंबा ‘गिरनार रोपवे’ तथा भारत का पहला यूनेस्को विश्व विरासत शहर ‘अहमदाबाद’ शामिल हैं।
- इसके अतिरिक्त गुजरात में विश्व का सबसे पहला ज्ञात गोदी (Dock) और भारत का पहला बंदरगाह शहर (Port City) ‘लोथल’, सिंधु घाटी की शहरी सभ्यता का एक प्रदर्शन स्थल ‘धोलावीरा’ के साथ-साथ भारत के 'ब्लू फ्लैग' समुद्र तटों में से एक ‘शिवराजपुर’ तथा अहमदाबाद में साबरमती रिवरफ्रंट से केवडिया में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी तक भारत की पहली सीप्लेन सेवा प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं।
MICE का भविष्य
- सिंगापुर के पर्यटन राजस्व का लगभग एक-तिहाई हिस्सा MICE पर्यटन से आता है और हाल के वर्षों में भारत एक बड़े MICE डेस्टिनेशन के रूप में विकसित हुआ है। अभी भारत अंतर्राष्ट्रीय बैठकों में से केवल 4% की मेजबानी करता है।
- गौरतलब है कि वैश्विक रूप से MICE कार्यक्रमों के लिये प्रत्येक वर्ष लगभग 50 मिलियन यात्राएँ की जाती हैं।
- MICE पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये भारत को जापान की तरह MICE पर्यटन के अनुसंधान और नवाचार में अधिक निवेश करना चाहिये। विदित है कि जापान MICE पर्यटन के मामले में एशिया-प्रशांत क्षेत्र में प्रथम और भारत पाँचवें स्थान पर है।