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न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और उचित और लाभकारी मूल्य (FRP) 

प्रारंभिक परीक्षा: FRP, MSP, CACP, CCEA, C2+50%  आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955
मुख्य परीक्षा: सामान्य अध्ययन, पेपर-3 (न्यूनतम समर्थन मूल्य से संबंधित विषय)

चर्चा में क्यों:

  • 21 फरवरी, 2024 को आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (CCEA) ने चीनी सीजन 2024-25 के लिए FRP घोषित किया है।
  • वर्तमान में जारी आन्दोलन में किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए क़ानून बनाने और MSP के लिए स्वामीनाथन आयोग द्वारा सुझाए गए फ़ॉर्मूले ‘C2+50%’ को लागू करने की मांग कर रहे हैं।

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प्रमुख बिंदु:

  • समिति ने चीनी सीजन 2024-25 के लिए उचित और लाभकारी मूल्य (FRP)   340/क्विंटल घोषित किया।
  • यह वर्तमान सीजन 2023-24 के लिए गन्ने की FRP 315 रु/क्विंटल से लगभग 8% अधिक है। 
  • संशोधित FRP 1 अक्टूबर, 2024 से लागू होगी।

उचित और लाभकारी मूल्य (FRP) के बारे में: 

  • FRP वह न्यूनतम मूल्य है, जिस पर चीनी मिलों को किसानों से गन्ना खरीदना होता है।
  • यह गन्ना उद्योग के पुनर्गठन से संबंधित रंगराजन समिति की रिपोर्ट पर आधारित है।
  • इसका भुगतान आवश्यक वस्तु अधिनियम (EAC), 1955 के तहत जारी गन्ना नियंत्रण आदेश, 1966 द्वारा नियंत्रित होता है।
    • चीनी मिलों द्वारा गन्ना खरीदने की तिथि से 14 दिनों के भीतर इसका भुगतान करना होता है।
    • भुगतान में देरी पर 15% प्रतिवर्ष तक ब्याज लग सकता है। 
  • वर्ष  2009 से पहले गन्ने के लिए वैधानिक न्यूनतम मूल्य (SMP) दिया जाता था 
  • 22 अक्टूबर, 2009 को गन्ना नियंत्रण आदेश, 1966 में संशोधन वैधानिक न्यूनतम मूल्य (SMP) को FRP में बदल दिया गया

 कैसे होता है FRP का निर्धारण ?

  • प्रत्येक वर्ष FRP के लिए सिफारिश कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP) करता है
    • CACP, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय का एक संबद्ध कार्यालय है।
  • आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) द्वारा इसका मूल्य घोषित किया जाता है, जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री द्वारा की जाती है।
  • FRP मूल रूप से गन्ने से प्राप्त चीनी (चीनी रिकवरी) पर आधारित होता है।
  • इसके अलावा भी कुछ अन्य मानकों को भी इसके लिए आधार बनाया जाता है; जैसे-
    • गन्ने की उत्पादन लागत
    • उपभोक्ताओं को उचित मूल्य पर चीनी की उपलब्धता
    • चीनी उत्पादकों द्वारा बेची गई चीनी का मूल्य
    • गन्ने से उत्पादित चीनी की मात्रा
    • गन्ने से उप-उत्पादों की बिक्री से प्राप्त आय (गुड़ और खोई) 
    • गन्ना उत्पादकों के लिए जोखिम व मुनाफा 

चीनी रिकवरी रेट

  • इस अर्थ गन्ने से मिलने वाली चीनी से होता है।   
  • अधिक रिकवरी रेट का मतलब फसल से ज्यादा चीनी प्राप्त होती है और कम रिकवरी रेट से फसल से कम चीनी प्राप्त होती है।   
  • ज्यादा रिकवरी रेट वाली फसल को ज्यादा कीमत मिलती है। 
  • FRP निर्धारण में यह एक महत्वपूर्ण आधार होता है।

न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP):

  • यह वह न्यूनतम मूल्य है, जिस पर सरकार किसानों से फसल खरीदती है।   
  • यह किसानों को दी जाने वाले एक गारंटी की तरह होती है, जिसमें तय किया जाता है कि बाजार में किसानों की फसल किस दाम पर बिकेगी।
  • बाजार में फसलों की कीमत गिरने के बाद भी सरकार किसानों को तय कीमत पर ही फसलें खरीदती है।  
  • यह फसल की बुआई के दौरान ही तय कर दी जाती है।
  • इसका उद्देश्य फसल की कीमत में उतार-चढ़ाव के बीच किसानों को नुकसान से बचाना है।

 MSP के तहत आने वाली फसलें:

  • कृषि मंत्रालय खरीफ, रबी सीजन समेत अन्य सीजन की फसलों के साथ ही कमर्शियल फसलों पर MSP लागू करता है। 
  • वर्तमान में देश के किसानों से खरीदी जाने वाली 23 फसलों पर MSP लागू की गई है। 
  • इन 23 फसलों में से-
    • 7 अनाज: ज्वार, बाजरा, धान, मक्का, गेहूं, जौ और रागी 
    • 5 दालें: मूंग, अरहर, चना, उड़द और मसूर
    • 7 तिलहन: सोयाबीन, कुसुम, मूंगफली, तोरिया-सरसों, तिल, सूरजमुखी और नाइजर बीज  
    • 3 कमर्शियल फसलें: कपास, खोपरा और कच्चा जूट
    • गन्ना के लिए MSP के स्थान पर FRP का उपयोग किया जाता है।

MSP का निर्धारण:

  • केंद्र सरकार ने किसानों की फसलों को उचित कीमत दिए जाने के उद्देश्य से वर्ष 1965 में कृषि लागत और मूल्य आयोग यानी CACP का गठन किया था।
  • यह प्रत्येक वर्ष रबी और खरीफ फसलों के लिए MSP तय करती है।
  • पहली बार वर्ष 1966-67 में MSP दर लागू की गई थी।  
  • CACP इसकी अनुशंसा निम्न बिंदुओं के आधार पर करती है- 
    • फसल की उत्पाद की लागत  
    • आगत मूल्यों में परिवर्तन
    •  बाजार में मौजूदा कीमत
    • मांग और आपूर्ति की स्थिति
    • अंतरराष्ट्रीय मूल्य स्थिति 

C2+50% फार्मूला:

  • यह MSP निर्धारण में C2 के साथ उसका 50% अतिरिक्त राशि देने की बात करता है।
  • इसकी स‍िफार‍िश स्वामीनाथन आयोग ने की थी।

फसल की उत्पाद की लागत:

  • कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (CACP) द्वारा तीन प्रकार की उत्पादन लागतों का अनुमान लगाया जाता है।
  • A2 में फसल में आई किसान की लागत शामिल होती है; जैसे- बीज, खाद, कीटनाशनक, मजदूरी, फ्यूल आदि। 
  • A2+FL में A2 के साथ खेत में परिवार के सदस्यों द्वारा किए गए कार्य का मूल्य शामिल होता है। 
  • C2 में A2+FL के साथ खुद की जमीन का किराया और अचल संपत्ति पर देय ब्याज आदि शामिल होता है।
  • वर्तमान में MSP निर्धारण के लिए A2+FL फार्मूले का प्रयोग किया जाता है।

प्रश्न:- निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

  1. MSP के लिए सिफारिश कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP) करता है।    
  2. वर्तमान में MSP निर्धारण के लिए A2+FL फार्मूले का प्रयोग किया जाता है।
  3. गन्ना के लिए FRP के स्थान पर MSP का उपयोग किया जाता है।

उपर्युक्त में से कितना/कितने कथन सही है/हैं?

(a) केवल एक

(b) केवल दो

(c) सभी  तीनों

(d) कोई नहीं

उत्तर- (b)

मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न: उचित और लाभकारी मूल्य (FRP) से क्या अभिप्राय है और यह न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से किस प्रकार भिन्न है?

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