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नागालैंड नगरपालिका विधेयक,2023

प्रारंभिक परीक्षा-  नागालैंड नगरपालिका विधेयक, 74 वां संविधान संशोधन अधिनियम, शहरी स्थानीय शासन की संरचना
मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन, पेपर- 2

संदर्भ-

  • 9 नवंबर,2023 को नागालैंड विधानसभा ने शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने की मांग करने वाला नागालैंड नगरपालिका विधेयक,2023 को सर्वसम्मति से पारित कर दिया। इससे  एक विवादास्पद मुद्दा सुलझ गया और राज्य में दो दशक के बाद नगर निगम चुनाव का रास्ता साफ हो गया। 

मुख्य बिंदु-

  • सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार यूएलबी में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान बरकरार रखा गया है। 
  • ‘होहो’ आदिवासी निकाय ने भी अब इसे स्वीकार कर लिया है, जिन्होंने पहले इस तरह के आरक्षण का विरोध किया था
  • राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) जल्द ही नगरपालिका चुनावों के तारीखों की घोषणा करेगा।
  • नागालैंड नगरपालिका विधेयक 2023 ने नगर निकायों में अध्यक्ष पद के लिए महिला आरक्षण को समाप्त और करों, भूमि एवं भवनों से संबंधित प्रावधानों को भी बाहर रखा गया है।
  • इससे पूर्व नागालैंड नगरपालिका अधिनियम 2001 को वापस ले लिया गया। 
  • नागालैंड नगरपालिका अधिनियम 2001 के कुछ प्रावधानों पर आदिवासी ‘होहो’ द्वारा गंभीर आपत्ति जताई गई थी क्योंकि ये प्रावधान अनुच्छेद 371 (ए) का उल्लंघन करते थे।
  • राज्य में नगर निगम चुनाव आखिरी बार 2004 में हुए थे।
  • नागालैंड विधानसभा, 2023 में विधानसभा के लिए पहली बार चुनी गईं दो महिलाओं में से एक हेकानी जखालू ने इसे एक भावनात्मक क्षण बताया।

शहरी स्थानीय निकाय-

  • 74 वें संविधान संशोधन अधिनियम,1992 द्वारा शहरी स्थानीय निकायों को संवैधानिक दर्जा दिया गया. इस संविधान संशोधन द्वारा संविधान में भाग IXA और 12वीं अनुसूची जोड़ी  गई। नगरपालिकाओं  के बारे में प्रावधान अनु. 243(त) से 243(य छ) तक किए गए हैं।
  • भारत के प्रत्येक राज्य का अपना नगरपालिका अधिनियम है, जो उस राज्य में यूएलबी के कामकाज के लिए कानूनी ढांचा प्रदान करता है। ये अधिनियम यूएलबी की संरचना और संरचना, शक्तियों और कार्यों को निर्दिष्ट करते हैं, और उन्हें कैसे प्रशासित और वित्तपोषित किया जाएगा।

भारत में शहरी स्थानीय शासन की संरचना-

  • भारत में निम्नलिखित शहरी स्थानीय निकाय (यूएलबी) हैं-
  1. नगर निगम: ये सबसे बड़े यूएलबी हैं, जो दस लाख से अधिक आबादी वाले महानगरीय शहरों के मामलों के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार हैं। वे मेयर-इन-काउंसिल प्रणाली द्वारा शासित होते हैं, जिसमें मेयर प्रमुख होता है और उसकी सहायता के लिए डिप्टी मेयर होता है।
  2. नगर परिषदें: ये मध्यवर्ती यूएलबी हैं, जो दस लाख से कम आबादी वाले शहरों के मामलों के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार हैं। वे प्रेसिडेंट-इन-काउंसिल प्रणाली द्वारा शासित होते हैं, जिसमें अध्यक्ष प्रमुख होता है और उसकी सहायता के लिए उपाध्यक्ष होता है।
  3. नगर पंचायतें: ये छोटी यूएलबी हैं, जो 100,000 से कम आबादी वाले कस्बों के मामलों के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार हैं। वे एक चेयरपर्सन-इन-काउंसिल प्रणाली द्वारा शासित होते हैं, जिसमें एक अध्यक्ष प्रमुख होता है और उसकी सहायता के लिए एक उपाध्यक्ष होता है।
  4. अधिसूचित क्षेत्र समिति:तेज़ी से विकसित हो रहे क़स्बों और बुनियादी सुविधाओं से वंचित क़स्बों के लिये अधिसूचित क्षेत्र समितियों (Notified area committees) का गठन किया जाता है।अधिसूचित क्षेत्र समिति के सभी सदस्य राज्य सरकार द्वारा मनोनीत किये जाते हैं।
  5. नगर क्षेत्र समिति:नगर क्षेत्र समिति (Town Area Committee) छोटे शहरों में पाई जाती है।इसके पास स्ट्रीट लाइटिंग, ड्रेनेज रोड और कंजर्वेंसी जैसे न्यूनतम अधिकार होते हैं।
  6. छावनी बोर्ड: छावनी बोर्ड (Cantonment Board) आमतौर पर छावनी क्षेत्र में रहने वाले नागरिक आबादी के लिये स्थापित किया जाता है।इसे केंद्र सरकार द्वारा गठित और संचालित किया जाता है।
  7. टाउनशिप:किसी संयंत्र या प्लांट के पास स्थापित कॉलोनियों में रहने वाले कर्मचारियों और श्रमिकों को बुनियादी सुविधाएँ प्रदान करने के लिये टाउनशिप के रूप में शहरी सरकार स्थापित की जाती है।इसका कोई निर्वाचित सदस्य नहीं होता और यह नौकरशाही संरचना का ही विस्तार होता है।
  8. पोर्ट ट्रस्ट:पोर्ट ट्रस्ट (Port trusts) मुंबई, चेन्नई, कोलकाता जैसे बंदरगाह क्षेत्रों में स्थापित किये गए हैं।यह बंदरगाह का प्रबंधन और देखभाल करता है।यह उस क्षेत्र में रहने वाले लोगों को बुनियादी नागरिक सुविधाएँ भी प्रदान करता है।
  9. विशेष प्रयोजन एजेंसी:विशेष प्रयोजन एजेंसियाँ (Special Purpose Agency) नगर निगमों या नगरपालिकाओं से संबंधित निर्दिष्ट गतिविधियों या विशिष्ट कार्यों को पूरा करती हैं।

प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रश्न-

प्रश्न- नागालैंड नगरपालिका विधेयक,2023 के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।

  1. शहरी निकायों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है।
  2. नगर निकायों में अध्यक्ष पद के लिए महिला आरक्षण को समाप्त कर दिया गया है।
  3. करों, भूमि एवं भवनों से संबंधित प्रावधानों को इस विधेयक से बाहर रखा गया है।

उपर्युक्त में से कितना/कितने कथन सही है/हैं?

(a) केवल एक

(b) केवल दो

(c) सभी तीनों

(d) कोई नहीं

उत्तर- (c)

मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न-

प्रश्न- भारत में शहरी स्थानीय शासन के संरचना की विवेचना कीजिए?

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