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उर्वरक एवं मृदा स्वास्थ्य पर नैरोबी घोषणा

(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3 : आपदा प्रबंधन : मृदा क्षरण एवं इससे संबंधित विषय)

संदर्भ 

केन्या में आयोजित दूसरे अफ्रीका उर्वरक एवं मृदा स्वास्थ्य शिखर सम्मेलन में अफ़्रीकी राज्य प्रमुखों ने ‘लिसेन टू द सॉइल’ (Listen to the Soil) थीम के तहत उर्वरक एवं मृदा स्वास्थ्य पर नैरोबी घोषणा को अपनाया।

नैरोबी घोषणा के प्रमुख बिंदु   

घरेलू उर्वरक उत्पादन को बढ़ावा 

  • स्थानीयता पर बल : इस घोषणा के तहत घरेलू उर्वरक उत्पादन को प्राथमिकता देने और कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए अगले 10 वर्षों में इसे तीन गुना करने की प्रतिबद्धता जताई गई है।
    • इसे स्थानीय उत्पादन को प्राथमिकता देने और स्थानीय रूप से उपलब्ध कच्चे माल का उपयोग करके खनिज उर्वरकों के मिश्रण के माध्यम से साकार किया जाएगा। 
  • अनुसंधान एवं विकास पर जोर : राष्ट्र प्रमुखों ने जिम्बाब्वे के हरारे में स्थित अफ्रीकी उर्वरक विकास केंद्र को पुनर्जीवित करने के माध्यम से जैविक व अकार्बनिक उर्वरकों के उपयोग पर अनुसंधान एवं विकास को मजबूत करने पर भी प्रतिबद्धता जताई।

उर्वरक खपत में वृद्धि के प्रयास 

  • शिखर सम्मेलन में यह स्वीकार किया गया कि हाल के वैश्विक उर्वरक संकट ने अफ्रीका को प्रतिकूल रूप से प्रभावित किया है। इससे वर्ष 2022 में उर्वरक खपत में साल-दर-साल 25% की गिरावट आई है।
  • इस शिखर सम्मेलन के अनुसार, वर्ष 2006 में पहले शिखर सम्मेलन में अबूजा घोषणा को अपनाने के बाद से पूरे महाद्वीप में उर्वरक खपत औसतन 8 किग्रा./हेक्टेयर से बढ़कर केवल 18 किग्रा./हेक्टेयर हो पाई है जो इस घोषणा में निर्धारित लक्ष्य (50 किग्रा/हेक्टेयर) से आधे से भी कम है।

निवेश पर बल 

  • सम्मेलन में सहयोगात्मक अनुसंधान एवं विकास, क्षमता निर्माण के साथ-साथ क्रॉस-कंट्री लर्निंग और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने के साथ-साथ उर्वरक उत्पादन के लिए देशों एवं महाद्वीप की क्षमता बढ़ाने के लिए निवेश पूलिंग का आह्वान किया।
  • पोषक तत्वों के उपयोग की दक्षता और जलवायु परिवर्तन के लचीलेपन को बढ़ाने के लिए एकीकृत मृदा एवं जल संसाधन प्रबंधन के हिस्से के रूप में सिंचाई में निवेश को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया। 

बहुहितधारक साझेदारी पर बल

अफ्रीका में उर्वरक व टिकाऊ मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन के लिए नीतियों, वित्त, अनुसंधान एवं विकास के साथ-साथ बाजारों को चलाने तथा क्षमता निर्माण के लिए बहु-हितधारक भागीदारी और निवेश का उपयोग करना शामिल है।

विशिष्ट फसलों की उर्वरक आवश्यकता

फसल-विशिष्ट उर्वरकों के उपयोग के महत्व को भी दोहराया जाना चाहिए क्योंकि प्रत्येक फसल अद्वितीय होती है और विभिन्न स्तरों पर मृदा से पोषक तत्व का निष्कर्षण करती है।

सब्सिडी को युक्तिसंगत बनाना 

नेताओं ने वर्तमान उर्वरक सब्सिडी कार्यक्रमों को पुनर्जीवित करने सहित नवीन प्रोत्साहन तंत्र के माध्यम से वर्ष 2034 तक भूमि क्षरण को उलटने और कम-से-कम 30% क्षरित मृदा के स्वास्थ्य को बहाल करने के लिए प्रतिबद्धता जताई।

अफ्रीका उर्वरक वित्तपोषण तंत्र 

  • नेताओं ने जैविक एवं अकार्बनिक उर्वरकों के उत्पादन, खरीद एवं वितरण व मृदा स्वास्थ्य हस्तक्षेप में सुधार के लिए अफ्रीका उर्वरक वित्तपोषण तंत्र को पूरी तरह से चालू करने की प्रतिबद्धता जताई।
    • इसकी मेजबानी अफ्रीकी विकास बैंक द्वारा की जाती है।

अफ्रीका में मृदा क्षरण 

वर्तमान में अफ़्रीका में तीव्र मृदा क्षरण के कारण मरुस्थलीकरण एवं बाढ़ जैसी चरम मौसमी घटनाएँ हो रहीं हैं। जलवायु परिवर्तन से अफ़्रीका के कृषि उत्पादकता में तीव्र गिरावट दर्ज की गई है। 

मृदा क्षरण रोकने के प्रयास 

  •  अफ्रीकी देशों में मृदा स्वास्थ्य के मुद्दों को संबोधित करने के लिए अफ्रीकी संघ द्वारा अफ्रीका के लिए मृदा पहल (Soil Initiative for Africa : SIA) और अफ्रीका उर्वरक एवं मृदा स्वास्थ्य कार्य योजना विकसित की है। 
  • अफ्रीका के लिए मृदा पहल एजेंडा 2063 के साथ संरेखित एक दीर्घकालिक रूपरेखा है जबकि कार्य योजना की अवधि 10-वर्ष है।
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