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राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन

(प्रारंभिक परीक्षा- आर्थिक और सामाजिक विकास, मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3 : भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास तथा रोज़गार से संबंधित विषय, उदारीकरण का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव)

संदर्भ

केंद्र सरकार ने चार वर्ष के लिये अनुमानित 6 लाख करोड़ के ‘राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन’ (NMP) की घोषणा की है।

परिचय

  • केंद्रीय बजट 2021-22 में स्थायी अवसंरचना निर्माण के वित्तपोषण के लिये वर्तमान में संचालित की जा रही सार्वजनिक अवसंरचना परिसंपत्तियों के मुद्रीकरण की पहचान एक प्रमुख साधन के रूप में की गई है।
  • इसके लिये बजट में ब्राउनफील्ड अवसंरचना परिसंपत्तियों के संदर्भ में 'राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन’ (NMP) तैयार करने का प्रावधान किया गया है।
  • नीति आयोग ने अवसंरचना से जुड़े मंत्रालयों के परामर्श से एन.एम.पी. पर रिपोर्ट तैयार की है।

उद्देश्य

  • निजी क्षेत्र को शामिल करके ‘ब्राउनफील्ड परियोजनाओं’ में मूल्यों को अनलॉक करना।
  • निजी क्षेत्र को केवल राजस्व अधिकार हस्तांतरित करना न की स्वामित्व अधिकार।
  • पूरे देश में बुनियादी ढाँचे के विकास के लिये एन.एम.पी. का उपयोग करना।
  • एन.एम.पी. के तहत मुद्रीकरण के लिये एक स्पष्ट ढाँचा प्रदान करना।

मुद्रीकरण

  • मुद्रीकरण (Monetisation) के अंतर्गत सरकार सामान्यतः ‘अग्रिम धनराशि, राजस्व हिस्सेदारी तथा निवेश प्रतिबद्धता’ के बदले में एक निर्दिष्ट अवधि के लिये ‘निजी क्षेत्र’ को राजस्व अधिकार हस्तांतरित कर देती है।
  • उदाहरणार्थ, ‘रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट’ (REITs) और ‘अवसंरचना निवेश ट्रस्ट’ (InvITs), सड़क और विद्युत क्षेत्रों में संपत्ति का मुद्रीकरण करने में प्रयोग की जाने वाली प्रमुख संरचनाएँ हैं।
  • ये शेयर बाज़ारों में भी सूचीबद्ध होते हैं तथा निवेशकों को द्वितीयक बाज़ार के माध्यम से तरलता भी प्रदान करते हैं।
  • ‘सार्वजनिक निजी भागीदारी’ के माध्यम से अन्य मुद्रीकरण मॉडल निम्नलिखित हैं-
  1. ऑपरेट मेनटेन ट्रांसफर (OMT)
  2. टोल ऑपरेट ट्रांसफर (TOT)
  3. ऑपरेशन, मेनटेन एंड डेवलपमेंट (OMD)
  • ओ.एम.टी. और टी.ओ.टी का उपयोग सड़क एवं राजमार्ग क्षेत्र में किया जा रहा है, वहीं ओ.एम.डी. का उपयोग एअरपोर्ट के विकास में किया जा रहा है।
  • सरकार का कहना है कि एन.एम.पी. ‘ब्राउनफील्ड परियोजनाओं’ के लिये प्रस्तावित है, जहाँ पहले निवेश किया जा चुका है। अर्थात् ऐसी संपत्ति जो पूरी तरह मुद्रीकृत नहीं है या कम मुद्रीकृत है।
  • इन संपत्तियों में निजी भागीदारी से बेहतर मुद्रीकरण और बुनियादी ढाँचे का निर्माण सुनिश्चित हो सकेगा।

सरकार की योजना

  • मुद्रीकरण में शामिल सड़क, रेलवे और विद्युत क्षेत्र की संपत्तियों की मुद्रीकरण में कुल हिस्सेदारी 66 प्रतिशत होगी।
  • मुद्रीकरण के शेष हिस्से में दूरसंचार, खनन, विमानन, बंदरगाहों, प्राकृतिक गैस व पेट्रोलियम पाइपलाइन, गोदाम तथा स्टेडियम जैसे क्षेत्र शामिल होंगे।
  • चरणबद्ध रूप से संचालित इस योजना का पहला चरण चालू वित्त वर्ष में रोलआउट किया जाएगा। पहले चरण का मौद्रिक मूल्य कुल योजना के 15 प्रतिशत या 0.88 लाख करोड़ होगा।
  • एन.एम.पी. दिसंबर 2019 में घोषित 100 लाख करोड़ की ‘राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन’ के साथ संचालित की जाएगी।
  • अवसंरचना का विकास मुद्रीकरण से अनिवार्य रूप से जुड़ा हुआ है, इसे ध्यान में रखते हुए एन.एम.पी. के लिये समय नियत किया गया है।
  • एन.एम.पी. भी ‘राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन’ (NIP) की शेष अवधि के साथ ही समाप्त हो जाएगी।
  • चार वर्ष की अवधि अर्थात् वित्त वर्ष 2022-25 के दौरान एन.एम.पी. के अंतर्गत कुल संपत्ति का अनुमानित मूल्य 6.0 लाख करोड़ है। 
  • उक्त अनुमानित मूल्य केंद्र द्वारा घोषित एन.आई.पी. के अंतर्गत प्रस्तावित परिव्यय (43 लाख करोड़) का 14 प्रतिशत है।  

संपत्तियों का विवरण

  • एन.एम.पी. सूची में निम्नलिखित संपत्तियाँ शामिल हैं-
  1. 26,700 कि.मी. सड़कें, रेलवे स्टेशन, ट्रेन संचालन तथा ट्रैक;
  2. 2,8608 कि.मी. विद्युत पारेषण लाइनें;
  3. 6 गीगावॉट जलविद्युत और सौर ऊर्जा संपत्ति; 
  4. 2.86 लाख कि.मी. फाइबर संपत्ति; 
  5. 14,917 दूरसंचार टावर;
  6. 8,154 कि.मी. प्राकृतिक गैस पाइपलाइन; 
  7. 3,930 कि.मी. पेट्रोलियम उत्पाद पाइपलाइनें।
  • सड़क क्षेत्र में सरकार पहले ही 17,000 करोड़ के 1,400 कि.मी. राष्ट्रीय राजमार्गों का मुद्रीकरण कर चुकी है।
  • अन्य पाँच संपत्तियों को ‘पावरग्रिड इनविट’ (PowerGrid InvIT) के माध्यम से 7,700 करोड़ जुटाकर मुद्रीकृत किया गया है।
  • इसके अतिरिक्त, 15 रेलवे स्टेशन, 25 एअरपोर्ट, 160 कोयला खनन परियोजनाएँ, 9 प्रमुख बंदरगाहों की 31 परियोजनाएँ, 210 लाख मीट्रिक टन वेयरहाउसिंग संपत्ति, 2 राष्ट्रीय स्टेडियम तथा 2 क्षेत्रीय केंद्रों का मुद्रीकरण किया जाएगा।
  • विभिन्न सरकारी कॉलोनियों के पुनर्विकास और आई.टी.डी.सी. होटलों सहित आतिथ्य संपत्ति से 15,000 करोड़ सृजित होने की उम्मीद है।

PowerGrid_InvIT

चुनौतियाँ

  • एन.एम.पी. रोडमैप को प्रभावित करने वाली प्रमुख चुनौतियों में शामिल हैं-
  1. विभिन्न संपत्तियों की राजस्व क्षमताओं की पहचान;
  2. गैस और पेट्रोलियम पाइपलाइन नेटवर्क में क्षमता उपयोग का स्तर;
  3. विवाद समाधान तंत्र का अभाव; 
  4. विद्युत क्षेत्र की संपत्तियों में विनियमित टैरिफ; 
  5. राष्ट्रीय राजमार्गों के चार लेन से कम होने के कारण निवेशकों की कम रुचि।
  • सरकार ने एन.एम.पी. ढाँचे में इन चुनौतियों का समाधान करने की कोशिश की है लेकिन योजना का क्रियान्वयन इसकी सफलता की कुंजी है।
  • एयर इंडिया और बी.पी.सी.एल. सहित अन्य सरकारी कंपनियों के निजीकरण की धीमी गति और ट्रेनों में हाल में शुरू की गई पी.पी.पी. पहल में कम उत्साहजनक बोलियों से संकेत मिलता है कि निजी निवेशकों को आकर्षित करना इतना आसान नहीं है।
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