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नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (NRF)

प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा के लिए - नेशनल रिसर्च फाउंडेशन, राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020
सामान्य अध्ययन  - पेपर,2 

चर्चा में क्यों-

  • केंद्रीय मंत्रिमंडल ने संसद में 'नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (NRF) विधेयक' पेश करने की मंजूरी दे दी है, जिससे विज्ञान और प्रौद्योगिकी में फंडिंग पर बहस प्रारंभ हो गई है।

NRF क्या है?

  • 'राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020' में NRF के स्थापना की सिफारिश की गई थी।
  • NRF का उद्देश्य शोधकर्ताओं, विभिन्न सरकारी निकायों और निजी क्षेत्रों के बीच एक समन्वय एजेंसी के रूप में कार्य करना है, जिससे निजी क्षेत्रों को अनुसंधान की मुख्य धारा में लाया जा सके।
  • व्यक्तियों को अनुसंधान अनुदान प्रदान करने के अलावा, NRF भारत के विश्वविद्यालयों, विशेष रूप से राज्य विश्वविद्यालयों में अनुसंधान को बढ़ावा देने, आधारभूत ढांचा  विकसित करने और अन्य सुविधा प्रदान करने की योजना बनाएगा।

NRF की फंडिंग कैसे होगी-

  • NRF को पांच वर्षों के लिए ₹50,000 करोड़ का बजट प्रदान किया जाएगा , जिसमें 28% (₹14,000 करोड़) सरकार और 72% (₹36,000 करोड़) निजी क्षेत्र की भागीदारी होगी । 
  • NRF ड्राफ्ट में सरकार की हिस्सेदारी अंततः बढ़ाकर ₹20,000 करोड़ प्रति वर्ष करने का प्रस्ताव है। 
  • सरकार द्वारा ₹4,000 करोड़ का प्रावधान मौजूदा 'विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड' के बजट से किया जाएगा, क्योंकि इसे NRF के तहत शामिल किया जा रहा है । इसलिए, सरकार ने NRF के लिए अगले पांच वर्षों में अतिरिक्त 10,000 करोड़ रुपये निर्धारित किए हैं।
  • हालाँकि, देश के सकल घरेलू व्यय  की क्षमता के अनुसार 'अनुसंधान और विकास (GERD)' पर यह वृद्धि बहुत कम लगती है।
  • यह व्यय अमेरिका और चीन जैसी अन्य बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की  तुलना में बहुत कम है (GERD के 2% से कम)
  • अंतिम उपलब्ध आँकड़ों (2017-18) के अनुसार, भारत का GERD ₹1,13,825 करोड़ था।
  • भारत की जीडीपी अमेरिका और चीन की तुलना में क्रमशः 7.6 और 5.1 गुना कम थी, उसी अवधि के दौरान भारत का GERD इन दोनों देशों की तुलना में लगभग 24 गुना कम था और पिछले पांच वर्षों में यह अंतर और भी बढ़ गया है।

NRF वैज्ञानिक अनुसंधान को कैसे सुविधाजनक बना सकता है-

  • सबसे पहले, अनुसंधान अनुदान के लिए आवेदन करने और धन प्राप्त करने के बीच का समय न्यूनतम होना चाहिए, अधिकतम छह महीने के भीतर। हालांकि NRF ड्रॉफ्ट में उल्लेख किया गया है कि सहकर्मी-समीक्षा प्रक्रिया छह महीने के भीतर पूरी हो जाएगी, वित्तीय मंजूरी लंबित होने के कारण धन जारी करने में समय लग सकता है।
  • दूसरा, NRF को हार्ड कॉपी में कागजात के ढेर भेजे बिना सभी कागजी कार्रवाई को डिजिटल रूप से  किया जाना चाहिए। 
  • तीसरा, सभी वित्त संबंधी प्रश्न, कागजी कार्रवाई, अनुमोदन और स्वीकृति NRF और विश्वविद्यालय/अनुसंधान संस्थान के वित्त विभाग के बीच होनी चाहिए, जिससे वैज्ञानिक अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित कर सकें।
  • चौथा, NRF को 'सामान्य वित्तीय नियमों' (GFR) और सरकार के '-मार्केटप्लेस' (GEM) के उपयोग से दूर स्पष्ट वित्तीय  दिशा निर्देशों की आवश्यकता है। वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए पैसा खर्च करने के लिए स्वतंत्र दिशा निर्देशों की आवश्यकता होती है, जो वैज्ञानिकों को जवाबदेह बनाते हुए लचीलापन प्रदान करता है।
  • अंततः, धन जारी करने का समय निश्चित होनी चाहिए । यद्यपि NRF मसौदे में धन के समय पर वितरण का उल्लेख है, लेकिन इसे सुविधाजनक बनाने और लागू करने के लिए एक तंत्र की आवश्यकता है।
  • यद्यपि NRF में निजी क्षेत्र की भागीदारी एक महत्वपूर्ण और स्वागत योग्य कदम है, किंतु  यह स्पष्ट नहीं है कि सरकार निजी क्षेत्रों  से ₹36,000 करोड़ कैसे जुटाएगी। किंतु NRF इसे सुविधाजनक बनाने के लिए एक विधायी मार्ग का वर्णन करता है, जिसमें एक अधिक विस्तृत योजना और 'एस्क्रो खातों'(escrow accounts) के समान तंत्र की स्थापना वैज्ञानिक समुदाय को आश्वस्त करेगी।

आगे की राह-

  • प्रस्तावित NRF काफी हद तक अमेरिका के 'नेशनल साइंस फाउंडेशन' के अनुरूप तैयार किया गया है। यह जर्मन, यू.के., स्विस, नॉर्वेजियन, दक्षिण कोरियाई और सिंगापुर के विज्ञान एजेंसियों के भी कुछ सर्वोत्तम विचारों को शामिल करता है । 
  • भले ही NRF ड्राफ्ट आलोचनात्मक सोच, रचनात्मकता और नवाचार को आगे लाने पर चर्चा करता है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि NRF संस्थानों में किस प्रकार  पारदर्शी तरीके से अनुसंधान , वित्त पोषण  और समन्वय करेगा।
  • NRF की सफलता इस बात में निहित होगी कि सरकार कैसे नियम तय करती है और उन्हें लागू करती है, जो पहले से मौजूद नियमों से अलग हो।

प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रश्न-

प्रश्न- 'नेशनल रिसर्च फाउंडेशन' के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए –

  1. इसकी स्थापना 'राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020' के सिफारिश के तहत की  गई थी।
  2. इसका वित्त पोषण सार्वजनिक और निजी भागीदारी के तहत किया जाएगा ।
  3. इसमें सरकार की भागीदारी 72% तथा निजी क्षेत्र की भागीदारी 28% होगी ।

उपर्युक्त में से कितना/कितने कथन सत्य है/हैं ?

(a) केवल एक

(b) केवल दो 

(c) सभी तीनों 

(d) कोई नहीं 

उत्तर- (b)

मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न - 'राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020' में प्रस्तावित 'नेशनल रिसर्च फाउंडेशन' सार्वजनिक-निजी भागीदारी के मध्यम से किस प्रकार विज्ञान एवं अनुसंधान को बढ़ावा देगा ? समीक्षा कीजिए।

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