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गेहूं की नई किस्म (पीबीडब्ल्यू आरएस-1) 

चर्चा में क्यों- 

 पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) ने डायबिटीज एवं मोटापे को नियंत्रण में रखने के लिए गेहूं की एक नई किस्म (पीबीडब्ल्यू आरएस1) विकसित की है। इस किस्म को पादप प्रजनन और आनुवंशिकी विभाग के गेहूं प्रजनकों की एक टीम द्वारा 10 वर्षों की अवधि में विकसित किया गया है।

परिचय- 

  • लुधियाना स्थित संस्थान, जिसने हरित क्रांति के दौरान उच्च उपज वाले गेंहूँ की किस्मों को विकसित करके भारत की खाद्यान्न सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वहीं अब इसने उच्च अमाइलोज स्टार्च सामग्री के साथ गेहूं की एक नई किस्म तैयार की है। जो टाइप -2 डायबिटीज, मोटापे और हृदय रोगों के जोखिम को कम करने के लिए जानी जाती है। 
  • इसे पीबीडब्ल्यू आरएस1 कहा जाता है, आरएस प्रतिरोधी स्टार्च का संक्षिप्त रूप है।

इस गेहूं से बनी चपाती खाने के फायदे –

  • ग्लूकोज के स्तर में तत्काल और तेजी से वृद्धि नहीं होती है।
  • ग्लूकोज रक्तप्रवाह में बहुत धीरे-धीरे स्त्रावित होता है।
  • ये उच्च एमाइलोज़ और प्रतिरोधी स्टार्च  सुनिश्चित करते हैं।
  • पाचन धीरे-धीरे होता है, तृप्ति देर तक बनी रहती है।
  • इसकी दो चपाती सामान्य गेंहूँ की चार चपाती के बराबर ऊर्जा रखती है। 
  • इसमें कुल स्टार्च गेहूं की अन्य किस्मों के 66-70 प्रतिशत के समान है।
  • साथ ही इसमें 30.3 प्रतिशत प्रतिरोधी स्टार्च सामग्री है। 
  • इसके साबुत अनाज के आटे से बनी चपाती और बिस्कुट में भी कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है। जो स्टार्च की कम पाचन क्षमता से जुड़ा हुआ है।
  • कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स मोटापा और डायबिटीज सहित आहार संबंधी बीमारियों के प्रसार को कम करता है।
  • इसके आटे से बनी चपाती और बिस्कुट का स्वाद सामान्य गेहूं जैसा ही होता है।

 इससे पहले, पीएयू ने दो किस्में जारी की थीं-

  • उच्च जस्ता सामग्री के साथ पीबीडब्ल्यू जेएन 1
  • पीबीडब्ल्यू 

इसके आटे की चपाती में प्रीमियम गुणवत्ता थी, जो लम्बे समय तक ताजा रहती थी। लेकिन किसी में भी पीबीडब्ल्यू आरएस1 जैसी विशेषताएं नहीं थीं।

पीबीडब्ल्यू आरएस1 में कमियां-

पीबीडब्ल्यू आरएस1 में एक कमी है इसकी उत्पादकता। पीएयू के क्षेत्रीय परीक्षणों में इस किस्म से औसत अनाज उपज 43.18 क्विंटल प्रति हेक्टेयर दर्ज की गई है। जो पंजाब की औसत उपज 48 क्विंटल से कम है। अन्य किस्मों में तो कई किसान 60 क्विंटल या इससे अधिक उपज ले रहे हैं।

निष्कर्ष-

पोषण सुरक्षा शुरू करने की दिशा में एक शुरुआत की जानी चाहिए। पीबीडब्ल्यू आरएस1 आटे में "उच्च औषधीय और पोषण मूल्य" वाले उत्पाद हैं। यह उचित विपणन के साथ, गेहूं खरीदारों से "उच्च कीमत प्राप्त" कर सकता है।  

प्रश्न:- निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए- 

कथन-1:-  गेंहूँ पीबीडब्ल्यू आरएस-1 के आटे से बनी चपाती खाने से ग्लूकोज के स्तर में तत्काल और तेजी से वृद्धि नहीं होती है।
कथन-2:-  गेंहूँ पीबीडब्ल्यू आरएस-1 उच्च एमाइ लोज़ और प्रतिरोधी स्टार्च  सुनिश्चित करते हैं।

(a) कथन-1 और कथन-2 दोनों सही हैं तथा कथन-2, कथन-1 की सही व्याख्या है 

(b) कथन-1 और कथन-2 दोनों सही हैं तथा कथन-2, कथन-1 की सही व्याख्या नहीं है 

(c) कथन-1 सही है किन्तु कथन-2 गलत है

(d) कथन-1 गलत है किन्तु कथन-2 सही है

उत्तर:- (a)

मुख्य परीक्षा प्रश्न:-  गेहूं की नई किस्म पीबीडब्ल्यू आरएस-1 पोषण सुरक्षा का बेहतर विकल्प हो सकता है। परीक्षण करें।

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