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 परमाणु हथियार और भारत

प्रारम्भिक परीक्षा – परमाणु हथियार
मुख्य परीक्षा – सामान्य अध्ययन, पेपर-

संदर्भ 

  • भारत के पास परमाणु हथियार  होने से भारत को रणनीतिक निर्णय लेने की शक्ति और स्वायत्तता मिली है।
  • परमाणु हथियारों के उपयोग के जोखिम को कम करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ काम करने के लिए भारत हमेशा से प्रतिबद्ध रहा है।

Nuclear

प्रमुख बिंदु 

  • परमाणु हथियार बेहद शक्तिशाली विस्फोटक होता है।
  • परमाणु बम नाभिकीय संलयन एवं विखंडन के सिद्धांत पर कार्य करते हैं।
  • परमाणु बम को  यूरेनियम या प्लूटोनियम के परमाणु विखंडन (Fission) से ही शक्ति प्राप्त होती है।
  • परमाणु हथियारों के इस्तेमाल से बड़ी मात्रा में रेडिएशन निलकता है, जिसका असर बहुत लंबे समय तक रहता है।
  • स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट के अनुसार रूस, अमेरिका, चीन, फ्रांस, ब्रिटेन, भारत, पाकिस्तान, इजरायल और उत्तर कोरिया के पास परमाणु हथियार हैं।
  • अगस्त 1945 में जापान पर परमाणु बमबारी के तुरंत बाद अमेरिका और यूएसएसआर के बीच परमाणु हथियारों की होड़ शुरू हो गई, जिसे शीत युद्ध कहा जाता है।
  •  संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सभी स्थायी सदस्यों ने परमाणु हथियारों का परीक्षण किया  जैसे -1945 में अमेरिका, 1949 में यूएसएसआर, 1952 में यूके, 1960 में फ्रांस और 1964 में चीन ने परमाणु हथियार का परीक्षण किया।

भारत परमाणु शक्ति की प्राप्ति : प्रारंभिक वर्ष

  • आज़ादी के बाद  प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने परमाणु ऊर्जा पर दोहरी मंशा वाली रणनीति अपनाई।
  • उन्होंने 1950 में यह स्पष्ट कर दिया था कि  वे परमाणु बम के खिलाफ है फिर भी नेहरू ने डॉ. होमी जे भाभा को भारत के परमाणु कार्यक्रम का नेतृत्व सौंपा।
  • वे  शांतिपूर्ण उद्देश्यों के साथ ही आवश्यकता पड़ने पर इसे हथियारों के रूप में भी प्रयोग करने की बात कही।
  • भाभा और नेहरू की मान्यता थी कि परमाणु प्रौद्योगिकी भारत को आधुनिकता और प्रमुख शक्ति का दर्जा  प्रदान कर सकती है।
  • परमाणु विज्ञान और प्रौद्योगिकी में महारत हासिल करके भारत अपने हालिया औपनिवेशिक अतीत से आगे जा सकता है।
  • आजादी के तुरंत बाद भारत पहले पाकिस्तान और 1962 में चीन से हार के बाद भारत की स्थिति अधिक चुनौतीपूर्ण हो गई। साथ ही , 1964 में चीन ने पहला परमाणु बम परीक्षण किया। 
  • भारत के दोनों पड़ोसी देश लगातार अपनी सेना की क्षमता में विस्तार कर रहे थे।

इंदिरा से लेकर वाजपेयी तक

  • 1970 के दशक तक आते-आते भारत परमाणु शक्ति बनने के मुहाने पर आ चुका था। 
  • इंदिरा गांधी की सरकार इस मुद्दे पर नेहरू के समय  से चली आ रही है हथियारों की होड़ वाली नैतिकता की नीति का त्याग कर दिया ।
  • 18 मई ,1974 में भारत का पहला परमाणु परीक्षण प्रधानमंत्री  इंदिरा गांधी  ने परमाणु हथियार बनाने की  क्षमता का प्रदर्शन 'स्माइलिंग बुद्धा' के नाम से किया।
  • लेकिन अंतर्राष्ट्रीय विरोध और आंतरिक प्रतिरोध के कारण  परमाणु शस्त्रागार बनाने और तैनात करने की प्रक्रिया धीमी हो गई।
  • अक्टूबर 1985 में जब राजीव गांधी अमेरिकी राष्ट्रपति  रीगन से मिले तो अमेरिकी राष्ट्रपति ने बताया की  पाकिस्तान पहले ही बम बना चुका है।
  • 1989 में राजीव गाँधी  ने रक्षा सचिव  को बम विकसित करने की मंजूरी दे दी। 
  •  1991 के बाद के सरकारों ने परमाणु कार्यक्रम को आगे बढ़ाया।
  • प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 1998 में  परमाणु परीक्षण किया गया  जिसे ऑपरेशन शक्ति नाम दिया गया था। 
  • पोखरण में परीक्षण के बाद प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी ने कहाकि ये परिक्षण  किसी को डराने के लिए नहीं किया गया। 

वर्तमान और भविष्य

  • पोखरण-द्वितीय के बाद भारतीय नेतृत्व ने परमाणु परीक्षण के राजनीतिक उपयोगिता का लाभ  उठाया।
  • अंतर्राष्ट्रीय आलोचना और प्रतिबंधों के बावजूद  भारत को  निर्णय लेने में  रणनीतिक स्वायत्तता मिला।
  • इसके बाद भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी में अगले कदम की नींव रखी गयी साथ ही भारत-अमेरिका परमाणु समझौते हुआ जिसने रणनीतिक साझेदारी का मार्ग प्रशस्त किया जिसमें अब उच्च-स्तरीय प्रौद्योगिकी सहयोग भी  शामिल है, जैसे - कृत्रिम बुद्धि इत्यादि।
  • 2019 की बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान भारतीय सैन्य जेट सीमा पार कर पाकिस्तान में घुस गए, लेकिन लड़ाई हवा में रही और पारंपरिक हथियारों का इस्तेमाल किया गया।
  • 2023  में हिरोशिमा में जी7 शिखर सम्मेलन से पहले, जापान के प्रधानमंत्री  ने परमाणु हथियारों को दुनिया से समाप्त करने की इच्छा व्यक्त की।
  •  भारत के प्रतिबद्धता के कारण  जी7 की बैठक  (हिरोशिमा) में आमंत्रित किया गया था। 
  • भारत ने परमाणु हथियारों के उपयोग के जोखिम को कम करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की है।

भारत का परमाणु सिद्धांत क्या है?

  • परमाणु बम की क्षमता हासिल करने के बाद भारत दुनिया को समझाने में कामयाब रहा कि वह इसका इस्तेमाल पहले नहीं करेगा और न ही हथियारों की होड़ में शामिल होने का उसका कोई इरादा है।
  • साल 2003 में भारत ने आधिकारिक तौर पर परमाणु सिद्धांत जारी किया जिसमें 'नो फर्स्ट नीति'  कही गई है।

भारत के पास अभी कितने परमाणु बम हैं?

  • अमेरिका की एक एजेंसी के अनुसार  भारत के पास अभी 160 परमाणु बम हैं।
  •  भारत अब भूमि, वायु और समुद्र से परमाणु बम दागने की क्षमता हासिल कर चुका है। सैन्य भाषा में इसे 'परमाणु ट्रायड क्षमता' कहते हैं।
  •  भारत के पास इस समय अग्नि, पृथ्वी और के-सीरीज़ बैलिस्टिक मिसाइलें हैं।

प्रश्न : निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए 

  1. 1974 में भारत ने पहला परमाणु परीक्षण किया
  2. परमाणु बम में प्रयोग होने वाला पदार्थ यूरेनियम और  प्लूटोनियम होता है।

उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं ?

(a) केवल कथन 1 

(b) केवल कथन 2 

(c) कथन 1 और कथन 2 

(d) न तो 1, न ही 2 

उत्तर:  (c)

मुख्य परीक्षा प्रश्न : संयुक्त राष्ट्र  परमाणु हथियार निषेध संधि क्या है ? परमाणु हथियारों के उपयोग पर भारतीय नीति पर चर्चा कीजिए। 

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