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IAS Foundation New Batch, Starting from 27th Aug 2024, 06:30 PM | Optional Subject History / Geography | Call: 9555124124

भारत में ओरंगुटान का अवैध व्यापार 

प्रारंभिक परीक्षा – ओरंगुटान

सन्दर्भ 

  • हाल ही में चेन्नई में एक सब-इंस्पेक्टर सहित चार पुलिस कर्मियों को ओरंगुटान तस्करी में शामिल लोगों के एक समूह को छोड़ देने के कारण निलंबित कर दिया गया।

ओरंगुटान

Orangutan

  • ओरंगुटान केवल बोर्नियो और सुमात्रा के द्वीपों पर जंगलों में पाए जाते हैं।
  • ये पेड़ों पर रहने वाला सबसे भारी जानवर हैं।
  • वर्तमान समय में ऑरंगुटान की 3 प्रजातियां पाई जाती हैं -
    • बोर्नियन ओरंगुटान (पोंगो पाइग्मेयस)
    • सुमात्रन ओरंगुटन (पोंगो एबेली)
    • तपनौली ऑरंगुटन (पोंगो तपनुलिएन्सिस)
  • ओरंगुटन्स की भुजाएं उनके शरीर से अधिक लंबी होती हैं।
  • वे लीची, मैंगोस्टीन और अंजीर जैसे जंगली फलों को खाते हैं और पेड़ों के छिद्रों से पानी पीते हैं।
  • ओरंगुटान लगभग 50 साल तक जीवित रहते हैं, लेकिन उनकी प्रजनन दर अपेक्षाकृत कम होती है क्योंकि मादा प्रत्येक 5-10 वर्ष में केवल एक बार ओरंगुटान को जन्म देती हैं। 
  • वनों की कटाई और शिकार ओरंगुटान के लिए सबसे बड़े खतरे हैं।
  • इन्हें IUCN की रेडलिस्ट में गंभीर रूप से संकटग्रस्त (critically endangered) के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। 
  • ओरंगुटान, वन्य जीवों एवं वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (CITES) के परिशिष्ट - I में शामिल हैं।
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