प्रारंभिक परीक्षा – डाक मतपत्र मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर-2 |
चर्चा में क्यों
1 मार्च,2024 को सरकार ने 85 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों को डाक मतपत्र से मतदान करने की सुविधा देने के लिए को चुनावी नियमों में संशोधन किया।
![Postal-ballot](https://www.sanskritiias.com/uploaded_files/images//Postal-ballot.jpg)
प्रमुख बिंदु
- केंद्र सरकार ने चुनाव आयोग से विचार-विमर्श करने के बाद चुनाव संचालन नियम (1961) में संशोधन किया है।
- सरकार ने ये बदलाव पिछले 11 विधानसभा चुनावों में बुजुर्गों के वोटिंग पैटर्न को देखते हुए किया है।
- चुनाव आयोग ने उन 11 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की थी, जहां चुनाव हुए थे।
- इस बैठक में पता चला कि 80 साल से ऊपर के मतदाताओं में से सिर्फ 2-3% बुजुर्गों ने ही पोस्टल बैलेट का विकल्प चुना था, बाकी लोगों ने वोट डालने के लिए मतदान केंद्र पर आने का विकल्प चुना था।
- चुनाव संचालन नियमों के नियम 27A के अनुसार 80 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों, विकलांग व्यक्तियों, चुनाव ड्यूटी में तैनात कर्मियों और सेना के कर्मचारियों के लिए डाक मतपत्र की सुविधा प्रदान की गई है।
- कोविड-19 महामारी के दौरान, यह सुविधा वर्ष 2020 में बिहार विधानसभा चुनाव से शुरू होकर, कोरोनोवायरस से संक्रमित या संदिग्ध लोगों के लिए बढ़ा दी गई थी।
- बिहार चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने 65 वर्ष से ऊपर के लोगों के लिए डाक मतपत्र सुविधा का विस्तार करने की सिफारिश की थी।
- 23 अगस्त, 2023 को कानून मंत्रालय ने फिर से नियम में संशोधन कर पात्रता को 65 साल से बढ़ाकर 80 साल कर दिया।
- अब 85 साल या इससे अधिक उम्र के लोग पोस्टल बैलट के चलते बिना पोलिंग बूथ जाए वोट डाल सकते हैं।
- देश भर में 80 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों की कुल संख्या 1.75 करोड़ है, जिनमें 80-85 वर्ष की आयु वालों की संख्या 98 लाख है।
डाक मतदान (Postal Ballot):
- एक डाक मत पत्र होता है।
- चुनावों में इसका इस्तेमाल उन लोगों के द्वारा किया जाता है जो कि नौकरी के कारण अपने चुनाव क्षेत्र में मतदान नहीं कर पाते हैं।
- जब ये लोग डाक मत पत्र की मदद से वोट डालते हैं तो इन्हें सेवा मतदाता (Service voters) या अनुपस्थित मतदाता (absentee voters) भी कहा जाता है।
- चुनाव आयोग पहले ही चुनावी क्षेत्र में डाक मतदान करने वालों की संख्या को निर्धारित कर लेता है।
- इसलिए केवल उन्हीं लोगों को डाक मत पत्र भेजा जाता है।
- इसे Electronically Transmitted Postal Ballot System (ETPBS) भी कहा जाता है।
- मतदाता द्वारा अपनी पसंद के उम्मीदवार को वोट देकर इस Postal ballot को डाक या इलेक्ट्रॉनिक तरीके से वापस चुनाव आयोग के सक्षम अधिकारी को लौटा दिया जाता है।
पोस्टल बैलट का उपयोग:
- इस नई व्यवस्था के तहत खाली पोस्टल बैलट को सेना और सुरक्षा बलों को इलेक्ट्रिक तौर पर भेजा जाता है।
- जिन इलाकों में इलेक्ट्रिक तरीके से पोस्टल बैलट नहीं भेजा जा सकता है वहां पर डाक के माध्यम से पोस्टल बैलट भेजा जाता है।
Postal Ballot का इस्तेमाल करने वाले लोगों में शामिल हैं;
- सैनिक
- चुनाव ड्यूटी में तैनात कर्मचारी
- देश के बाहर कार्यरत सरकारी अधिकारी
- प्रिवेंटिव डिटेंशन में रहने वाले लोग (कैदियों को वोट डालने का अधिकार नहीं होता है)
- 80 वर्ष से अधिक की उम्र के वोटर (रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है)
- दिव्यांग व्यक्ति (रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है)
नोट: वोटर, जिस चुनाव क्षेत्र में वोट डालने के लिए योग्य है उसका वोट उसी क्षेत्र की मतगणना में गिना जाता है
कब से हुई शुरूआत (When Postal ballot Started in India)
- पोस्टल बैलेट की शुरुआत वर्ष 1877 में ऑस्ट्रेलिया में हुई थी।
- इसे कई देशों जैसे इटली, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, स्पेन, स्विट्ज़रलैंड और यूनाइटेड किंगडम में भी इस्तेमाल किया जाता है।
- भारतीय चुनाव आयोग ने चुनाव नियामावली, 1961 के नियम 23 में संशोधन करके इन लोगों को चुनावों में डाक मत पत्र की सहायता से वोट डालने की सुविधा के लिए 21 अक्टूबर 2016 को नोटिफिकेशन जारी किया गया था।
- जब भी किसी चुनाव में वोटों की गणना शुरू होती है तो सबसे पहले पोस्टल बैलेट की गिनती शुरू होगी।
- इसके बाद ईवीएम (EVM) में दर्ज वोटों की गिनती होगी।
- पोस्टल बैलेट की संख्या कम होती है और ये पेपर वाले मत पत्र होते हैं इसलिए इन्हें गिना जाना आसान होता है।
प्रश्न: निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- 1 मार्च,2024 को सरकार ने 85 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों को डाक मतपत्र से मतदान करने की सुविधा देने के लिए को चुनावी नियमों में संशोधन किया।
- चुनाव संचालन नियमों के नियम 27A के अनुसार 85 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों, विकलांग व्यक्तियों, चुनाव ड्यूटी में तैनात कर्मियों और सेना के कर्मचारियों के लिए डाक मतपत्र की सुविधा प्रदान की गई है।
- पोस्टल बैलेट की शुरुआत वर्ष 1877 में ऑस्ट्रेलिया में हुई थी
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं ?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीनों
(d) कोई भी नहीं
उत्तर: (c)
मुख्य परीक्षा प्रश्न : डाक मतपत्र में मतदान आयु में किए गए संशोधनों का मतदान व्यवहार पर प्रभाव का मूल्यांकन कीजिए।
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स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस