(प्रारंभिक परीक्षा के लिये – प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण एवं ग्रामीण क्षेत्र से सम्बंधित अन्य योजनायें)
(मुख्य परीक्षा के लिये, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2: सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप, केंद्र एवं राज्यों द्वारा जनसंख्या के अति संवेदनशील वर्गों के लिये चलायी जा रही कल्याणकारी योजनाएँ और इनका कार्य-निष्पादन)
सन्दर्भ
- केंद्र सरकार द्वारा पेश किये गए आंकड़ों के अनुसार प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत मंजूर किये गए 2.46 करोड़ आवासों में से 29 सितंबर, 2022 तक कुल 2 करोड़ आवासों का निर्माण पूरा किया जा चुका है।
- ग्रामीण क्षेत्र में इस योजना के तहत कुल निर्मित आवासों में से 69 प्रतिशत आवास या तो पूर्ण रूप से या संयुक्त रूप से महिलाओं के स्वामित्व में है।
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण
- 2022 तक ‘सभी के लिये आवास’ के उद्देश्य को प्राप्त करने हेतु प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण की शुरूआत 2016 में की गयी थी।
- इस योजना की शुरुआत पूर्ववर्ती इंदिरा आवास योजना की पुनर्गठित योजना के रूप में की गयी थी।
- ग्रामीण विकास मंत्रालय इस योजना के लिये नोडल मंत्रालय है।
- इस योजना का लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्र में आवासहीन या कच्चे घरों में रहने वाले परिवारों को बुनियादी सुविधाओं के साथ पक्के घर उपलब्ध करना है।
- इसके लाभार्थी अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति से संबंधित लोग, मुक्त बंधुआ मज़दूर और गैर-एससी/एसटी वर्ग, विधवा महिलाएँ, रक्षाकर्मियों के परिजन, पूर्व सैनिक तथा अर्द्धसैनिक बलों के सेवानिवृत्त सदस्य, विकलांग व्यक्ति तथा अल्पसंख्यक वर्ग के व्यक्ति हैं।
- इस योजना के तहत लाभार्थियों का चयन 2011 की सामाजिक आर्थिक जनगणना से किया जाता है।
- ग्राम सभा एवं जिओ टैगिंग के द्वारा लाभार्थियों का सत्यापन भी किया जाता है।
- इस योजना के तहत कुल व्यय का बँटवारा मैदानी राज्यों में केंद्र तथा राज्य सरकार के बीच 60:40 के अनुपात में किया जाता है।
- जबकि पहाड़ी तथा पूर्वोत्तर के राज्यों में व्यय का अनुपात केंद्र एवं राज्य सरकार के बीच 90:10 का है।
महत्वपूर्ण बिंदु
- इस योजना के तहत आवास के न्यूनतम इकाई क्षेत्रफल को 20 वर्गमीटर से बढ़ा कर 25 वर्गमीटर कर दिया गया है।
- इस योजना के तहत लाभार्थियों को मैदानी राज्यों में 1.20 लाख रुपए तथा पहाड़ी राज्यों में 1.30 लाख रूपए प्रदान किये जाते है।
- पात्र लाभार्थियों को घर उपलब्ध कराने पर ध्यान केंद्रित करने के अलावा, पीएमएवाई- जी अन्य सरकारी योजनाओं के माध्यम से भी घरों की बुनियादी जरूरतों को भी पूरा करता है। योजना के लाभार्थी मनरेगा से 90-95 श्रम दिन के अकुशल श्रम का भी हकदार है।
- शौचालय के निर्माण के लिए स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण को आवास योजना से जोड़ने के माध्यम से भी मदद ली जाएगी। पीएमएवाई-जी के लाभार्थी को विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों के तहत पाइप से पेयजल, बिजली कनेक्शन, एलपीजी गैस कनेक्शन आदि भी मिल सकता है।
- वह परिवार जो सामाजिक आर्थिक और जाति जनगणना-2011 के तहत निर्दिष्ट मानकों के अनुसार पी.एम.ए.वाई.- जी. के तहत सहायता पाने के पात्र हैं किंतु पात्र लाभार्थियों की सूची में उनके नाम शामिल नहीं हैं, उन पात्र परिवारों की एक अतिरिक्त सूची बनाने के लिये मोबाइल ऐप्लिकेशन ‘आवास+’ का उपयोग करके राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के माध्यम से ग्रामीण विकास मंत्रालय ने एक अभियान भी चलाया था।