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नागरिकता अधिनियम 1955 की धारा 6ए

प्रारंभिक परीक्षा – नागरिकता अधिनियम 1955
मुख्य परीक्षा : सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र 2 – सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय

सन्दर्भ 

  • हाल ही में, भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली एक संविधान पीठ ने कहा कि वह निर्धारित करेगी कि नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 6ए किसी भी "संवैधानिक दुर्बलता" से ग्रस्त है या नहीं।
  • सुप्रीम कोर्ट में नागरिकता प्रदान करने में धारा 6ए की भेदभावपूर्ण प्रकृति को चुनौती देने वाली याचिकाएँ दायर की गई हैं। 
    • याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि धारा 6ए के प्रावधान संविधान के अनुच्छेद 6 का उल्लंघन करते हैं, जिसमें अप्रवासियों को नागरिकता देने की कट-ऑफ तारीख 19 जुलाई 1948 निर्धारित की गयी है। 

धारा 6ए

  • धारा 6ए को 'असम समझौते' नामक समझौता ज्ञापन के आगे बढ़ाने के लिए 1985 में किए गए एक संशोधन के माध्यम नागरिकता अधिनियम, 1955 में शामिल किया गया था।
  • असम समझौता केंद्र सरकार, असम सरकार और अखिल असम छात्र संघ के बीच असमिया संस्कृति, विरासत, भाषाई और सामाजिक पहचान को संरक्षित करने के लिए एक त्रिपक्षीय समझौता था।
    • यह समझौता ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (एएएसयू) द्वारा राज्य से अवैध प्रवासियों की पहचान करने और उन्हें निर्वासित करने के लिए चलाये गये आंदोलन के बाद अस्तित्व में आया था।
  • धारा 6ए के अनुसार, 1 जनवरी, 1966 से पहले असम में प्रवेश करने वाले और राज्य में सामान्य रूप से रहने वाले विदेशियों को मतदान के अधिकार सहित भारतीय नागरिकों के सभी अधिकार और दायित्व प्राप्त होंगे।
  • 1 जनवरी, 1966 और 25 मार्च, 1971 के बीच असम में प्रवेश करने वाले और राज्य में सामान्य रूप से रहने वाले विदेशियों को पंजीकरण करने की अनुमति दी जाएगी।
    • पंजीकरण के बाद, ऐसे व्यक्तियों के पास भारत के नागरिक के समान अधिकार और दायित्व होंगे, लेकिन ये 10 वर्ष की अवधि के लिए किसी भी मतदाता सूची में शामिल होने के पात्र नहीं होंगे।

नागरिकता अधिनियम 1955

citizenship-act

  • नागरिकता अधिनियम, 1955 भारतीय नागरिकता के अधिग्रहण और समाप्ति का प्रावधान करता है।
  • इसके अंतर्गत नागरिकता प्राप्त करने के पाँच तरीकों को निर्धारित किया गया है।
    • जन्म
    • वंश
    • पंजीकरण
    • देशीयकरण
    • क्षेत्र का समावेशन
  • नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा-9 में किसी व्यक्ति की नागरिकता को समाप्त करने से संबंधित करने के तीन तरीकों को निर्धारित किया गया है।
    • स्वेच्छा से अपनी नागरिकता का त्याग।
    • स्वेच्छा से किसी और देश की नागरिकता ग्रहण करने पर भारतीय नागरिकता स्वयं ही समाप्त।
    • भारत सरकार को निम्नलिखित शर्तों के आधार पर अपने नागरिकों की नागरिकता समाप्त करने का अधिकार है –
      • लगातार 7 वर्षों से भारत से बाहर रह रहा हो।
      • अवैध तरीक़े से भारतीय नागरिकता प्राप्त की थी। 
      • देश विरोधी गतिविधियों में शामिल हो।
      • भारतीय संविधान का अनादर करे।
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