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फिनटेक क्षेत्र के लिए स्व-विनियामक ढाँचा

चर्चा में क्यों?

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने फिनटेक क्षेत्र के प्रतिष्ठानों द्वारा बेहतर स्व-शासन के अनुपालन के लिए  फिनटेक स्व-नियामक संगठन (Self-regulatory organizations for Fin-tech sector : SRO-FT) को मान्यता देने के लिए अंतिम रूपरेखा जारी की है।

फिनटेक स्व-नियामक संगठन के बारे में

  • फिनटेक स्व-नियामक संगठन (SRO-FT) फिनटेक क्षेत्र के लिए प्रस्तावित एक स्व-नियामक निकाय को संदर्भित करता है। 
    • यह एक गैर-सरकारी संगठन है जो उद्योग जगत, नियामक और अन्य के बीच सेतु का काम करता है।  
    • पेमेंट्स काउंसिल ऑफ इंडिया, फिनटेक एसोसिएशन फॉर कंज्यूमर एम्पावरमेंट, डिजिटल लेंडर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया जैसे संगठन SRO-FT के लिए आवेदन करने की दौड़ में अग्रणी निकाय हैं। 
  • उद्देश्य : इसका उद्देश्य “उद्योग मानकों और दिशा-निर्देशों को स्थापित करना” है।  

SRO-FT के कार्य एवं उत्तरदायित्व 

मानक निर्धारण

  • पारदर्शिता, प्रकटीकरण, डेटा गोपनीयता आदि के लिए उद्योग मानक और प्रौद्योगिकी मानक निर्धारित करना।
  • फिनटेक क्षेत्र के लिए मानकीकृत दस्तावेज़ बनाना, वैधानिक और नियामक आवश्यकताओं का अनुपालन सुनिश्चित करना।
  • जिम्मेदार विज्ञापनों और बाजार मानकों के लिए आचार संहिता विकसित करना।
  • सदस्यों द्वारा नियमों के उल्लंघन और कदाचार के परिणामों को निर्दिष्ट करना और उन्हें लागू करना।
  • सदस्यों की गतिविधियों की प्रकृति के आधार पर उनके लिए अनुकूलित आचार संहिता तैयार करना।

निरीक्षण और प्रवर्तन

  • निरीक्षण और प्रवर्तन कार्यों के लिए संरचित ढांचे की स्थापना करना।
  • फिनटेक क्षेत्र की निगरानी करने, अपवादों का पता लगाने तथा अखंडता और अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए निगरानी तंत्र की तैनाती करना।

विकास कार्य 

  • वैधानिक और नियामक आवश्यकताओं की समझ को बढ़ावा देना और अनुपालन की संस्कृति को बढ़ावा देना।
  • सदस्यों के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न चैनलों के माध्यम से क्षेत्र-विशिष्ट जानकारी का प्रसार करना।
  • अध्ययन, सर्वेक्षण और चर्चा आयोजित करके क्षेत्र में अनुसंधान और विकास को प्रोत्साहित करना।

शिकायत निवारण और विवाद समाधान

  • सदस्यों की शिकायत निवारण और विवाद समाधान के लिए कुशल, निष्पक्ष और पारदर्शी ढांचे की स्थापना करना।
  • उद्योग उत्पादों और सेवाओं के संबंध में ग्राहक शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करना।

आर.बी.आई. द्वारा जारी मसौदे के प्रावधान

  • यह मसौदा रूपरेखा SRO-FT की विशेषताओं, संचालन, पात्रता और सदस्यता के साथ-साथ शासन और प्रबंधन रूपरेखा को परिभाषित करती है।
  • मसौदे के अनुसार, SRO-FT में आरबीआई द्वारा विनियमित फिनटेक सदस्यों में से बैंकों को छोड़कर गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां-खाता एग्रीगेटर (एनबीएफसी-एए), एनबीएफसी-पीयर-टू-पीयर (P2P) ऋण देने वाले प्लेटफॉर्म आदि शामिल हो सकते हैं। 
  • आर.बी.आई. द्वारा SRO-FT के लिए निम्नलिखित बुनियादी मानदंड निर्धारित किए गए हैं :

EASY

    • कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 8 के तहत पंजीकृत गैर-लाभकारी कंपनी।
    • इसकी शेयरधारिता पर्याप्त रूप से विविध होनी चाहिए, जिसमें किसी भी इकाई के पास शेयर पूंजी का 10% या उससे अधिक हिस्सा नहीं होना चाहिए।
    • अध्यक्ष सहित बोर्ड के कम से कम एक-तिहाई सदस्य स्वतंत्र होने चाहिए और किसी फिनटेक इकाई के साथ उनका कोई सक्रिय संबंध नहीं होना चाहिए।
    • आवेदन वर्ष में कंपनी की निवल संपत्ति न्यूनतम 2 करोड़ रुपये होनी चाहिए।
    • एक मजबूत आईटी बुनियादी ढाँचा और उचित समय सीमा के भीतर तकनीकी समाधान तैनात करने की क्षमता होनी चाहिए।
    • अपने सदस्यों को विनियामक प्राथमिकताओं के साथ तालमेल स्थापित करने के लिए, प्रेरित करने में सक्षम होना चाहिए।
    • इसे फिनटेक क्षेत्र के स्वस्थ और सतत विकास की दिशा में प्रयास करना चाहिए और यदि आवश्यक हो, तो चरणबद्ध विनियामक और पर्यवेक्षी अनुपालन के लिए एक मार्ग की पहचान करनी चाहिए।

स्व-विनियामक तंत्र के गठन से लाभ

  • स्व-विनियमन का दृष्टिकोण नए उभरते फिनटेक क्षेत्र को औपचारिक विनियमन की अनुपस्थिति में भी जिम्मेदार आचरण और नवाचार के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करने के लिए सशक्त बना सकता है।
  • इससे भारत में फिनटेक की निरंतर सफलता सुनिश्चित करने के लिए उद्योग हितधारकों और नियामक निकायों के बीच सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।
  • फिनटेक क्षेत्र आपसी सहयोग के माध्यम से सामूहिक रूप से चुनौतियों की पहचान कर सकता है और उनका समाधान कर सकता है। 
  • इससे एक नवाचार उन्मुख वातावरण विकसित होगा और नैतिक व्यावसायिक प्रथाओं के लिए साझा प्रतिबद्धता को बढ़ावा मिलेगा।
  • पारदर्शिता, जवाबदेही, अखंडता, निष्पक्षता और प्रासंगिक कानूनों और विनियमों के अनुपालन को सुनिश्चित किया जा सकेगा। 
  • यदि यह स्व-विनियामक ढाँचा प्रभावी तरीके से लागू किया जाता है, तो SRO-FT मौजूदा क्षेत्रीय नियामकों पर विनियामक बोझ को कम करने, नियामकों द्वारा अत्यधिक विनियमन से बचने और नवाचार और विनियमन के बीच एक आदर्श संतुलन प्राप्त करने में एक प्रमुख भूमिका निभाएगा।

निष्कर्ष

फिनटेक क्षेत्र में स्व-नियामक संगठनों के लिए मसौदा ढाँचा एक मजबूत विनियामक वातावरण बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाता है, जो न केवल उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करता है बल्कि इस गतिशील उद्योग में नवाचार और विकास को भी बढ़ावा देता है।

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