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श्रीलंका की ऋण उपचार योजना

प्रारंभिक परीक्षा- समसामयिकी, OCC, पेरिस क्लब
मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन, पेपर- 3

संदर्भ-

  • श्रीलंका ने 29 नवंबर, 2023 को ऋण पुनर्गठन पर भारत और जापान सहित लेनदारों के पेरिस समूह के साथ सैद्धांतिक रूप से एक समझौते पर पहुंच गया है, जो अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से 2.9 बिलियन डॉलर के बेलआउट पैकेज की दूसरी किस्त को अनलॉक करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। 

Sri-Lanka-Debt

मुख्य बिंदु-

  • आईएमएफ ने सितंबर,2023 में कहा था कि श्रीलंका की अर्थव्यवस्था ठीक हो रही है, लेकिन उसे अपने कर प्रशासन में सुधार करने, छूट खत्म करने और कर चोरी रोकने की जरूरत है।
  • श्रीलंका ने अप्रैल,2022 में 83 अरब डॉलर से अधिक के कर्ज के कारण स्वयं को दिवालिया घोषित कर दिया था. इसमें से आधे से अधिक कर्ज विदेशी ऋणदाताओं का है।
  • श्रीलंका की अर्थव्यवस्था भोजन, ईंधन और अन्य आवश्यकताओं की गंभीर कमी के कारण संकट में फंस गई थी। 
  • जनता के विरोध के कारण तत्कालीन राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को सत्ता से हटना पड़ा था। 
  • आईएमएफ ने मार्च,2023 में 2.9 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज पर सहमति जताई और इसके तुरंत बाद पहला भुगतान जारी किया।
  • दूसरी बेलआउट किस्त प्राप्त करने के लिए श्रीलंका को अपने द्विपक्षीय ऋणदाताओं से वित्तीय आश्वासन प्राप्त करने की आवश्यकता थी।
  • मंत्रालय ने कहा कि ऋण उपचार की शर्तों को श्रीलंका और ऋणदाता समिति के बीच एक समझौता ज्ञापन में और विस्तृत तथा औपचारिक रूप दिया जाएगा, जिसकी सह-अध्यक्षता भारत, जापान और फ्रांस द्वारा की जाती है तथा इसमें 17 देश शामिल हैं। 
  • समझौता ज्ञापन को "प्रत्येक ओसीसी सदस्य के साथ उनके कानूनों और विनियमों के अनुसार द्विपक्षीय समझौतों के माध्यम से लागू किया जाएगा"।

समझौता-

  • समझौते से श्रीलंका के आईएमएफ समर्थित कार्यक्रम की समीक्षा के लिए आईएमएफ कार्यकारी बोर्ड द्वारा त्वरित अनुमोदन की सुविधा मिलेगी, जिससे आईएमएफ वित्तपोषण की लगभग 334 मिलियन डॉलर की अगली किश्त दी जा सकेगी। 
  • पेरिस क्लब ने कहा, ओसीसी  और श्रीलंका आईएमएफ एवं श्रीलंका के बीच विस्तारित फंड सुविधा (ईएफएफ) व्यवस्था के अनुरूप ऋण उपचार के मुख्य मापदंडों पर सहमत हुए। 
  • यह समझौता सार्वजनिक ऋण स्थिरता हासिल करने और आर्थिक सुधार को बढ़ावा देने में श्रीलंका द्वारा किए जा रहे प्रयासों में एक मील का पत्थर है।
  • श्रीलंका का अगला कदम संप्रभु बांडधारकों के साथ समझौते पर बातचीत करना होगा।
  • श्रीलंका के वित्त मंत्रालय ने कहा कि वह अगला ध्यान 274 मिलियन डॉलर के ऋण के लिए अन्य द्विपक्षीय ऋणदाताओं के साथ इसी तरह के समझौते पर ध्यान केंद्रित करेगा।
  • श्रीलंका उन बांडधारकों के साथ समझौते पर पहुंचने का भी प्रयास करेगा, जिनके पास श्रीलंका के 12.5 अरब डॉलर मूल्य के अंतरराष्ट्रीय संप्रभु बांड का बड़ा हिस्सा है।

आधिकारिक ऋणदाता समिति (OCC)-

  • ओसीसी के साथ समझौते में लगभग 5.9 बिलियन डॉलर का बकाया सार्वजनिक ऋण शामिल है और इसमें दीर्घकालिक परिपक्वता विस्तार और ब्याज दरों में कमी शामिल है।
  • श्रीलंका के वित्त मंत्रालय ने कहा कि ऋण उपचार की शर्तों को श्रीलंका और ऋणदाता समिति के बीच एक समझौता ज्ञापन में विस्तृत एवं औपचारिक रूप दिया जाएगा। 
  • समझौता ज्ञापन को "प्रत्येक ओसीसी सदस्य के साथ उनके कानूनों और विनियमों के अनुसार द्विपक्षीय समझौतों के माध्यम से लागू किया जाएगा।“ 
  • श्रीलंका के ऋण उपचार के अनुरोध पर प्रमुख ऋणदाताओं ने मई,2023 में ओसीसी का गठन किया था। 
  • भारत, जापान और फ्रांस ओसीसी की सह-अध्यक्षता करते हैं। 
  • समिति ने श्रीलंकाई अधिकारियों के साथ कई चर्चाएं की, जिसमें कोलंबो के बकाया ऋण की भरपाई के लिए संभावित विकल्पों का मूल्यांकन किया गया; जैसे कि ब्याज भुगतान या ऋण की शर्तों में बदलाव किस प्रकार किया जाए? 
  • जापान और भारत, श्रीलंका के अन्य दो प्रमुख ऋणदाताओं ने ऋणदाताओं समानता और पारदर्शिता की आवश्यकता पर बल दिया है। 
  • श्रीलंका के सबसे बड़े द्विपक्षीय ऋणदाता चीन ने मंच से बाहर रहने का विकल्प चुना है, लेकिन एक पर्यवेक्षक के रूप में बैठकों में भाग लिया है।
  • ओसीसी ने कहा अन्य द्विपक्षीय देनदार भी अपने द्विपक्षीय समझौते के संबंध में उपचार की तुलनीयता का मूल्यांकन करने के लिए ओसीसी के लिए आवश्यक जानकारी को पारदर्शी तरीके से साझा करने के लिए सहमति देंगे।
  • ओसीसी ने श्रीलंका से कहा कि वह अपने निजी ऋणदाताओं के साथ संबंध जारी रखे और तेजी से ओसीसी द्वारा प्रस्तावित शर्तों के समान अनुकूल शर्तों पर एक समझौता करे।
  • चीन ने श्रीलंका को ऋण पुनर्गठन प्रक्रिया में सहयोग का आश्वासन दिया है और श्रीलंका ने अन्य लेनदारों को चीन की पारदर्शी भागीदारी का आश्वासन दिया है, लेकिन संभावित ऋण उपचार योजना की बारीकियों की प्रतीक्षा है।

पेरिस क्लब-

  • पेरिस क्लब प्रमुख कर्ज देने वाले देशों का एक औपचारिक समूह है। 
  • इस समूह का गठन 1956 में किया गया और पेरिस (फ्रांस) में इसकी पहली बैठक आयोजित होने के कारण इसका नाम पेरिस समूह रखा गया।
  • पहली बैठक में अर्जेंटीना पेरिस में अपने सार्वजनिक कर्जदाताओं से मिलने हेतु सहमत हुआ था। 
  • पेरिस क्लब अपने सदस्यों को देनदार देशों के साथ संप्रभु ऋण पुनर्निर्धारण समझौतों की शर्तों पर बातचीत और समन्वय करने के लिए एक मंच प्रदान करता है।
  • पेरिस क्लब का मुख्य उद्देश्य विकासशील देशों की ऋण समस्याओं का समन्वित और स्थायी समाधान खोजना है।
  • पेरिस क्लब देनदार देशों और उसके सदस्यों के बीच ऋण पुनर्निर्धारण वार्ता के लिए एक रूपरेखा प्रदान करता है, और किए गए समझौते दोनों पक्षों के लिए कानूनी रूप से बाध्यकारी हैं। 
  • पेरिस क्लब की गतिविधियों में ऋण प्रबंधन और वित्तीय प्रशासन के क्षेत्रों में विकासशील देशों को तकनीकी सहायता प्रदान करना भी शामिल है।
  • इसका सचिवालय पेरिस में स्थित है।
  • पेरिस क्लब के सदस्यों में शामिल हैं- ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, कनाडा, डेनमार्क, फिनलैंड, फ्राँस, जर्मनी, आयरलैंड, इज़रायल, जापान, नीदरलैंड, नॉर्वे, रूस, दक्षिण कोरिया, स्पेन, स्वीडन, स्विट्ज़रलैंड, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य।
  • ये सभी 22 सदस्यीय आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (OECD) के सदस्य हैं।

प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रश्न-

प्रश्न- पेरिस क्लब के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।

  1. पेरिस क्लब प्रमुख कर्ज लेने वाले देशों का एक औपचारिक समूह है। 
  2. इस समूह का गठन 1991 में किया गया था।
  3. इसका सचिवालय कोलंबो में स्थित है।

उपर्युक्त में से कितना/कितनें कथन सही है/हैं

(a) केवल एक

(b) केवल दो

(c) सभी तीनों

(d) कोई नहीं

उत्तर- (d)

मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न-

प्रश्न- श्रीलंका का पेरिस समूह के साथ समझौता सार्वजनिक ऋण स्थिरता हासिल करने और आर्थिक सुधार को बढ़ावा देने में श्रीलंका द्वारा किए जा रहे प्रयासों में एक मील का पत्थर है। समीक्षा कीजिए।

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