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मानवजनित आपदा के रूप में भगदड़

(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3 : आपदा एवं आपदा प्रबंधन)

संदर्भ 

उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक धार्मिक आयोजन के दौरान भगदड़ (Stampede) होने से कई लोगों की मृत्यु हो गई। ऐसे में इस मानवजनित आपदा पर व्यापक रूप से विचार करना आवश्यक हो जाता है। 

क्या है भगदड़ 

  • भगदड़ शब्द का अर्थ लोगों की भीड़ का अचानक से दिशाहीन होकर भागना है जिसके परिणामस्वरूप दम घुटने व कुचलने से चोटिल होने एवं मृत्यु की घटनाएँ होती हैं। 
  • भगदड़ में भीड़ शब्द का उपयोग लोगों के एक एकत्रित, सक्रिय, ध्रुवीकृत समूह को संदर्भित करने के लिए किया जाता है।
  • भीड़ की सबसे प्रमुख विशेषताओं में भीड़ में शामिल लोगों के बीच विचार एवं क्रिया की एकरूपता और उनकी आवेगपूर्ण व तर्कहीन क्रियाएं शामिल हैं। 

भगदड़ के लिए उत्तरदायी स्थितियाँ 

  • भगदड़ की घटनाएँ कई सामाजिक-सांस्कृतिक स्थितियों में हो सकती हैं। भगदड़ की इन घटनाओं को निम्न प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है :
    • मनोरंजन कार्यक्रम
    • एस्केलेटर और मूविंग वॉकवे
    • खाद्य वितरण
    • जुलूस
    • प्राकृतिक आपदाएँ
    • धार्मिक आयोजन
    • धार्मिक/अन्य आयोजनों के दौरान आग लगने की घटनाएँ
    • दंगे
    • खेल आयोजन
    • मौसम संबंधी घटनाएँ

भगदड़ के कारण 

संरचनात्मक कारण 

  • बैरिकेड्स, अवरोध, अस्थायी पुल, अस्थायी संरचनाएँ और पुल की रेलिंग का गिरना
  • दुर्गम क्षेत्र (पहाड़ियों की चोटी पर स्थित धार्मिक स्थल जहाँ पहुँचना मुश्किल है)
  • फिसलन युक्त या कीचड़ युक्त मार्ग
  • संकरी गलियाँ एवं संकरी सीढ़ियाँ
  • खराब सुरक्षा रेलिंग
  • कम रोशनी वाली सीढ़ियाँ
  • बिना खिड़की वाली संरचना
  • संकीर्ण एवं बहुत कम प्रवेश या निकास स्थान 
  • आपातकालीन निकास का अभाव

अप्रभावी भीड़ प्रबंधन

  • दर्शकों की संख्या को कम आंकना
  • स्टॉफिंग व सेवाओं की अपर्याप्तता
  • किसी कार्यक्रम के लिए क्षमता से अधिक लोगों को अनुमति देना
  • प्रवेश द्वार से पहले सीमित होल्डिंग क्षेत्र (रुकने का स्थान)
  • प्रवेश द्वार का अचानक खुलना
  • किसी एक प्रमुख निकास मार्ग पर निर्भरता 
  • उचित सार्वजनिक संबोधन प्रणाली का अभाव 

भीड़ का व्यवहार

  • भीड़ का अनियंत्रित एवं गैर-जिम्मेदार व्यवहार
  • अफवाहों के कारण उत्पन्न हुई घबराहट और बाहर निकलने के लिए लोगों की बेतहाशा भीड़
  • विपरीत दिशा में लोगों का अचानक प्रवाह
  • मॉल में सीमित अवधि के प्रचार कार्यक्रमों के कारण अपेक्षा से अधिक व प्रतिस्पर्धी भीड़ का एकत्र होना 

आग या बिजली का प्रसार 

  • अस्थायी सुविधा (तंबू आदि) या दुकान में आग लगना
  • अग्निशामक यंत्रों की अनुपलब्धता या उनका काम न करना
  • भवन एवं अग्नि संहिता का उल्लंघन
  •  सभा क्षेत्र व भीड़ द्वारा उपयोग किए जाने वाले रास्तों पर पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था का अभाव
  • बिजली आपूर्ति में विफलता के कारण घबराहट व अचानक पलायन
  • अवैध बिजली कनेक्शन
  • लिफ्ट में आग लगना 

अपर्याप्त सुरक्षा एवं निगरानी उपाय

  • भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा कर्मियों की कम तैनाती
  • भीड़ से निपटने के लिए पर्याप्त वैज्ञानिक योजना की कमी
  • वास्तविक तैनाती से पहले पर्याप्त ड्रेस रिहर्सल का अभाव 
  • आवश्यकतानुसार निगरानी एवं मार्गदर्शन करने के लिए सी.सी.टी.वी. निगरानी का अभाव  

हितधारकों के बीच समन्वय का अभाव 

  • पुलिस प्रशासन, अग्निशमन सेवा, चिकित्सा सेवा एजेंसियों और आयोजक प्रबंधन के बीच समन्वय की कमी
  • सौंपे गए कर्तव्यों की सीमा की समझ की कमी
  • संचार में देरी
  • प्रमुख कर्मियों की रिक्ति या विलंबित पोस्टिंग 

भगदड़ प्रबंधन

भीड़ प्रबंधन को लोगों के व्यवस्थित आवागमन और एकत्र होने के लिए व्यवस्थित योजना एवं पर्यवेक्षण के रूप में परिभाषित किया जाता है। भीड़ नियंत्रण समूह के व्यवहार पर प्रतिबंध या सीमा है।

भगदड़ की स्थिति में कार्यवाई

वैकल्पिक निकास पर ध्यान 

ऐसी परिस्थितियों में सर्वप्रथम निकास मार्ग ज्ञात होना चाहिए। कार्यक्रम स्थल की भौगोलिक स्थिति को जानने की कोशिश करना चाहिए। इससे बाहर निकलने का मार्ग खोजने में मदद मिलेगी। 

हाथों को अपनी छाती के पास रखना

हाथ छाती के पास होना चाहिए। इससे हिलने-डुलने में आसानी होती है। यह पसलियों को दोनों तरफ की भीड़ से कुचलने से भी रोकता है। भीड़ के धक्का देते समय यह मुद्रा घुटन से निपटने में सहायक होती है। 

संचलन मुद्रा

चलती भीड़ के बीच में स्थिर खड़े होकर या बैठकर प्रवाह का विरोध न करें। शांति होने पर लोगों के समूहों के बीच तिरछे चलते रहें। बाहर निकलने की ओर बढ़ने की कोशिश करने के साथ ही गिरने से बचने के लिए भीड़ के साथ चलते रहें।

गिरने की स्थिति में 

गिरने की स्थिति में अपने सिर को अपने हाथों से ढक लें और भ्रूण की मुद्रा में बने रहे। यह मुद्रा फेफड़ों को आघात से सुरक्षित रख सकती है। साथ ही, उठने का अवसर ढूँढ़ते रहें।

संवाद कौशल का उपयोग 

भीड़ में फंसने पर सांकेतिक भाषा का उपयोग करें, जैसे- अपने हाथों को एक के बाद एक ऊपर की ओर हिलाना ताकि आप थक न जाएं।

शारीरिक ऊर्जा को बचाएँ

भगदड़ की स्थिति में शांत रहें और चीखने की कोशिश न करें क्योंकि इससे केवल घबराहट ही बढ़ेगी।

मिलने की जगह तय करें

यदि आप अपने परिजन या समूह से बिछड़ गए हैं तो पूर्व निर्धारित स्थान पर मिलनें का प्रयास करें। यदि कोई मददगार है तो उसका भी सहारा लें।

भीड़ प्रबंधन पर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के दिशानिर्देश

आगंतुकों एवं हितधारकों को समझना

  • आयोजन या स्थल नियोजन का मूल तत्व आगंतुकों को समझना है। इसके मुख्य तत्व हैं : 
    • आयोजन का प्रकार (धार्मिक, युवा उत्सव, स्कूल/विश्वविद्यालय कार्यक्रम, क्रिकेट/खेल आयोजन, संगीत समारोह, राजनीतिक सभा) 
    • आयोजन क्षेत्र का मौसम
    • आयोजन स्थल का प्रकार एवं स्थान (अस्थायी/स्थायी, खुला/सीमित स्थान, बस स्टैंड, रेल/मेट्रो स्टेशन, समतल/पहाड़ी इलाका)
    • अपेक्षित भीड़ का  प्रकार (आयु, लिंग, क्षेत्र, स्थानीय लोग/आगंतुक, विशेष आवश्यकता वाले लोग आदि) 
    • आगंतुकों की अनुमानित संख्या 

जोखिम विश्लेषण एवं तैयारी

  • किसी भी भीड़ प्रबंधन प्रक्रिया का पहला उद्देश्य गंभीर स्थिति को विकसित होने से रोकना है।
  • आपदाओं के कारणों/खतरों की सावधानीपूर्वक पहचान और उनसे उत्पन्न जोखिमों का आकलन करके इसे घटित होने से रोका जा सकता है।

BHAGDAD

सूचना प्रबंधन एवं प्रसार

  • आवश्यक सूचना के अभाव में लोग घबरा सकते हैं। ऐसे में उचित सूचना और उसका प्रसार भीड़ प्रबंधन में एक उपयोगी हथियार हो सकता है।
  • आगंतुकों के लिए सूचना प्रणाली, जैसे- निषिद्ध वस्तुओं की पहचान, महत्वपूर्ण स्थानों के साथ मानचित्र, प्रवेश/निकास बिंदुओं के साथ कार्यक्रम मार्ग का मानचित्र, लॉकर रूम आदि की व्यवस्था होनी चाहिए।
  • स्थल/कार्यक्रम आयोजकों और प्रशासकों के पास निम्नलिखित डाटा या सूचना होनी चाहिए : 
    • आगंतुकों की संख्या
    • पैटर्न
    • संभावित आगमन समय
    • आगमन के साधन और आवश्यकताओं पर पिछला डाटा
  • सूचना व डाटा के लिए सुरक्षा कर्मियों के पास निम्नलिखित जानकारी होनी चाहिए :
    • प्रवेश/निकास मार्ग
    • होल्डिंग क्षेत्र
    • आपातकालीन सेवाओं का स्थान आदि दिखाने वाला विस्तृत मानचित्र
    • आगंतुकों के बारे में खुफिया जानकारी
    • संभावित समस्याग्रस्त आगंतुक
    • चरम गतिविधियों का समय
    • मार्ग एवं स्थल का विवरण
    • महत्वपूर्ण नियंत्रण बिंदु, निकासी एवं प्रतिक्रिया योजनाएँ

सुरक्षा एवं संरक्षा उपाय

  • समस्या की स्थिति में सहायता के लिए वायरलेस संचार नेटवर्क के साथ सभी सुविधाजनक स्थानों पर वॉच टावर, मुख्य नियंत्रण कक्ष में पूरे क्षेत्र की सी.सी.टी.वी. निगरानी, ​​भीड़ के बहुत अधिक होने की स्थिति में समग्र भीड़ का निरीक्षण करने के लिए मिनी ड्रोन की तैनाती आदि।
  • आयोजकों को अग्नि शमन यंत्रों और अन्य व्यवस्थाओं का अधिकृत उपयोग सुनिश्चित करना चाहिए।

बैरियर की तैनाती

  • लक्ष्य क्षेत्रों में बैरिकेड, रोडब्लॉक एवं बाड़ लगाई जा सकती है।
  • इनका उपयोग पैदल यात्रियों, विद्रोही समूहों व वाहनों के प्रवाह को नियंत्रित करने के लिए किया जा सकता है।
  • बैरियर का प्रकार एवं सामग्री इच्छित उद्देश्य, भीड़ के घनत्व और अपेक्षित बल के अनुरूप होनी चाहिए। 
  • बैरियर मजबूत व सुरक्षित होने चाहिए ताकि वे भीड़ का दबाव एवं बल को सहन कर सकें।

सुविधाएँ और आपातकालीन चिकित्सा सेवाएँ

  • प्रमुख आयोजनों/त्योहारों के मौसम के दौरान आयोजन स्थल पर सभी जीवन रक्षक सुविधाओं के साथ एक पूरी तरह सुसज्जित चिकित्सा इकाई तैनात की जा सकती है।
  • एम्बुलेंस के निकलने के लिए पर्याप्त मार्ग होना चाहिए।
  • सभी स्थानीय अस्पतालों, निजी नर्सिंग होम सहित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों व मोबाइल अस्पतालों की उनकी क्षमताओं के साथ अद्यतन सूची रखनी चाहिए।

परिवहन एवं यातायात प्रबंधन

  • सार्वजनिक परिवहन का अधिकतम संभव उपयोग करना ।
  • अवांछित भीड़ और यातायात के दबाब को कम करना ।
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