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स्ट्रोमेटोलाइट्स

(प्रारंभिक परीक्षा : भारत एवं विश्व का भूगोल : भारत एवं विश्व का प्राकृतिक, सामाजिक, आर्थिक भूगोल)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 1 : वनस्पति एवं प्राणिजगत में परिवर्तन और इस प्रकार के परिवर्तनों के प्रभाव।)

संदर्भ

हाल ही में, वैज्ञानिकों ने सऊदी अरब में लाल सागर के उत्तर-पूर्वी शेल्फ पर स्थित शेबाराह द्वीप पर जीवित स्ट्रोमेटोलाइट्स (Stromatolites) का पता लगाया है। इसका अध्ययन करके वैज्ञानिक अन्य ग्रहों पर जीवन के संभावित संकेतों को पहचानने के लिए मॉडल विकसित कर सकते हैं।

स्ट्रोमेटोलाइट्स के बारे में

  • क्या हैं : स्ट्रोमेटोलाइट्स या स्ट्रोमेटोलिथ्स स्तरित अभिवृद्धि संरचनाएँ  
  • निर्माण : सूक्ष्मजीवों, विशेष रूप से साइनोबैक्टीरिया (जिन्हें सामान्यतः नील-हरित शैवाल के रूप में जाना जाता है) के बायोफिल्म द्वारा तलछटी कणों को फंसाने, बांधने एवं सीमेंटीकरण द्वारा उथले पानी में
  • स्ट्रोमेटोलाइट का शाब्दिक अर्थ : स्तरित चट्टान 
  • इतिहास : प्रीकैम्ब्रियन अवधि (542 मिलियन वर्ष से अधिक पहले) में 
  • जीवित जीवाश्म के रूप में ये हमारे ग्रह पर सबसे पुराने जीवित जीव हैं। 
  • प्रमुख प्राप्ति स्थल : पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में शार्क बे में सर्वाधिक मात्रा में 
    • हालाँकि, स्ट्रोमेटोलाइट्स वर्तमान में भी दुनिया के कुछ क्षेत्रों में बनते रहते हैं।
    • नील-हरित शैवाल की एक चटाई जैसी परत उथले पानी में तलछट की सतह पर उगने में सक्षम है क्योंकि वहां वाष्पीकरण के कारण लवण की सांद्रता उच्च होती है जो घोंघे और अन्य जीवों को नील-हरित शैवाल खाने से हतोत्साहित करती है।

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स्ट्रोमेटोलाइट्स का महत्त्व

  • रिकॉर्ड प्रदानकर्ता : स्ट्रोमेटोलाइट्स जीवाश्म अवशेष पृथ्वी पर जीवन के कुछ सबसे प्राचीन रिकॉर्ड प्रदान करते हैं जो 3.5 अरब वर्ष से भी पहले के हैं।
  • ऑक्सीजनेशन में भूमिका : इन जैविक संरचनाओं ने दो अरब वर्ष पूर्व वृहत ऑक्सीजनेशन घटना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इससे वायुमंडल में ऑक्सीजन पहुंची और ग्रह पर रहने की क्षमता में बदलाव आया।
  • जीवन की उत्पत्तिकर्ता : इस बड़े बदलाव ने अगले विकासवादी कदम यूकैरियोटिक कोशिका (नाभिक वाली कोशिका) पर आधारित जीवन की उपस्थिति का मार्ग प्रशस्त किया।
  • गौरतलब है कि प्रकाश संश्लेषक होने के कारण सायनोबैक्टीरिया उप-उत्पाद के रूप में ऑक्सीजन का उत्पादन करते हैं और प्रकाश संश्लेषण वायुमंडल में मुक्त ऑक्सीजन गैस का एकमात्र प्रमुख स्रोत है।
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