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ग्रीष्म अयनांत 2024 : उत्पत्ति, विज्ञान एवं महत्व

(प्रारंभिक परीक्षा: समसामयिक राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय घटनाक्रम)
(मुख्य परीक्षा: सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1; भूकम्प, सुनामी, ज्वालामुखीय हलचल, चक्रवात आदि जैसी महत्त्वपूर्ण भू-भौतिकीय घटनाएँएवंउनकी भौगोलिक विशेषताएँ)

चर्चा में क्यों

  • हाल ही में, 21 जून 2024 को ग्रीष्म अयनांत दिवस का आयोजन किया गया, जो वर्ष का सबसे लंबा दिन होता है।

ग्रीष्म अयनांत (Summer Solistice) के बारे में 

उत्पत्ति 

  • इसकी उत्पत्ति का पता लगाने के लिए लगभग 200 ईसा पूर्व में प्राचीन यूनानी विद्वान एराटोस्थनीज ने पृथ्वी की परिधि को मापने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रयोग किया था। 
  • उन्होंने देखा कि ग्रीष्म अयनांत पर, सूर्य का प्रकाश मिस्र के असवान क्षेत्र में एक कुएं से सीधे नीचे की ओर चमकता था जो दर्शाता था कि सूर्य सीधे सिर के ऊपर था।
  • दो शहरों के बीच छाया की लंबाई में अंतर और उनके बीच की दूरी की गणना करके, एराटोस्थनीज पृथ्वी की परिधि का एक प्रारंभिक, उल्लेखनीय रूप से सटीक अनुमान प्रदान करने में सक्षम था, जिससे ग्रीष्म अयनांत की उत्पत्ति का पता चला।

क्या है ग्रीष्म अयनांत 

  • ग्रीष्म अयनांत वर्ष का सबसे लंबा दिन होता है।
  • ग्रीष्म अयनांत को गर्मियों की शुरुआत या मध्य ग्रीष्मकाल के रूप में मनाया जाता है, जब पृथ्वी का एक ध्रुव सूर्य की ओर अधिकतम झुकाव पर होता है। 
    • इसके बाद दिन की अवधि  धीरे-धीरे छोटे होने लगती है।
  • उत्तरी गोलार्द्ध में ग्रीष्म अयनांत जून में होती है (जबकि इस दौरान दक्षिणी गोलार्द्ध में शीतकालीन अयनांत होता है) और दक्षिणी गोलार्द्धमें यह दिसंबर में होती है (जबकि इस दौरान उत्तरी गोलार्द्ध में शीतकालीन अयनांत होता है)।

तारीख और समय 

  • प्रतिवर्ष 21 जून को दुनिया के उत्तरी गोलार्ध में ग्रीष्म अयनांत के रूप में चिह्नित किया जाता है। 
  • नासा के अनुसार इस वर्ष वैश्विक स्तर पर ग्रीष्म अयनांत 20 जून को शाम 4:50 बजे EDT(Eastern Daylight Time)पर दिखाई दी। 
    • हालाँकि, भारत में यह 21 जून को रात 8:09 बजे IST(India Standard Time) पर हुई।

तिथि में परिवर्तन 

  • अयनांत हमेशा 20 से 22 जून के मध्य होता है जबकि  लीप वर्ष (जैसे 2024) के दौरान यह हमेशा 20 जून को होता है।
  • सटीक तिथि प्रत्येक वर्ष थोड़ी-सी बदल जाती है, क्योंकि कैलेंडर वर्ष, पृथ्वी द्वारा सूर्य की परिक्रमा करने में लगने वाले समय के एकदम सटीक नहीं होता।

वैज्ञानिक कारण 

  • पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमती है, जिसके कारण उत्तरी गोलार्द्ध को मार्च और सितंबर के बीच ज़्यादा सीधी धूप मिलती है। 
  • उत्तरी गोलार्द्ध में रहने वाले लोगों को इस समय गर्मी का अनुभव होता है क्योंकि पृथ्वी की धुरी लगभग 23.5 डिग्री झुकी हुई है। 
    • जिसके कारण उत्तरी ध्रुव सूर्य की ओर झुका हुआ होता है, जबकि दक्षिणी ध्रुव उससे दूर स्थित होता है।
  • परिणामस्वरूप, जब उत्तरी ध्रुव सूर्य की ओर सबसे सीधे दूरी को इंगित करता है तो वर्ष के लिए सबसे लंबे समय तक दिन के उजाले का अनुभव किया जाता है। 
  • नासा के अनुसार, यह 20, 21 या 22 जून को होता है, जो ग्रीष्म अयनांत को चिह्नित करता है, जिसका लैटिन में अर्थ है "सूर्य स्थिर रहता है"।

महत्व 

  • ग्रीष्म अयनांत को कई संस्कृतियों में वर्ष का एक महत्वपूर्ण समय माना जाता है और इसे दुनिया भर में त्यौहारों और अनुष्ठानों द्वारा चिह्नित किया जाता है। 
  • आध्यात्मिक रूप से ग्रीष्म अयनांत नवीनीकरण, विकास और प्राकृतिक दुनिया से जुड़ाव का समय दर्शाती है। 

यह भी जानें

अयनांत(Solistice) और विषुव (Equinox) में अंतर

  • दो अयनांत जून (20 या 21) और दिसंबर (21 या 22) में होती हैं। ये ऐसे दिन होते हैं जब आकाश में सूर्य का पथ भूमध्य रेखा से सबसे दूर उत्तर या दक्षिण में होता है। 
  • एक गोलार्द्ध का शीतकालीन अयनांत वर्ष का सबसे छोटा दिन होता है और इसका ग्रीष्मकालीन अयनांत वर्ष का सबसे लंबा दिन होता है। 
  • विषुव मार्च (लगभग 21 मार्च) और सितंबर (लगभग 23 सितंबर) में होते हैं। ये वो दिन होते हैं जब सूर्य भूमध्य रेखा के ठीक ऊपर होता है, जिससे दिन और रात बराबर अवधि के होते हैं।

EQUINOX

  • वसंत विषुव (लगभग 21 मार्च): दिन और रात की बराबर अवधि जो वसंत ऋतु के आरंभ का प्रतीक है। 
  • ग्रीष्म अयनांत (20 या 21 जून): वर्ष का सबसे लंबा दिन जो गर्मियों की शुरुआत का प्रतीक है। 
  • शरद विषुव (लगभग 23 सितंबर): दिन और रात की बराबर अवधि जो शरद ऋतु की शुरुआत को दर्शाती है। 
  • शीतकालीन अयनांत (21 या 22 दिसंबर): वर्ष का सबसे छोटा दिन जो सर्दियों की शुरुआत का प्रतीक है।
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