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'भगवद गीता' पर पूरक पाठ्यपुस्तक लॉन्च

प्रारंभिक परीक्षा- समसामयिकी
मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन, पेपर- 2

संदर्भ-

  • गुजरात सरकार ने 22 दिसंबर, 2023 को 'भगवद गीता' पर एक पूरक पाठ्यपुस्तक लॉन्च की, जिसे शैक्षणिक वर्ष 2024- 25 से कक्षा 6 से 8 तक के पाठ्यक्रम में जोड़ा जाएगा। 

मुख्य बिंदु-

  • गुजरात सरकार ने मार्च, 2022 में राज्य विधानसभा में घोषणा की थी कि भगवद गीता राज्य भर में छठी से बारहवीं कक्षा के लिए स्कूल पाठ्यक्रम का हिस्सा होगी।
  • पाठ्यपुस्तक को गीता जयंती के अवसर पर लॉन्च किया गया।
  • गीता जयंती एक हिंदू उत्सव है।
  • गीता जयंती के दिन पांडव और योद्धा राजकुमार अर्जुन और भगवान कृष्ण के बीच कुरुक्षेत्र के युद्ध के मैदान में भगवद गीता वार्तालाप हुआ था।
  • इस कदम का उद्देश्य छात्रों को भारत की समृद्ध, विविध और प्राचीन संस्कृति एवं ज्ञान प्रणालियों से जोड़ना है।
  • राज्य सरकार द्वारा यह निर्णय केंद्र द्वारा तैयार की गई नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप लिया गया है।
  • इस ग्रंथ पर पूरक पाठ्यपुस्तक, जो महाकाव्य महाभारत का हिस्सा है, छात्रों के बीच नैतिक मूल्यों को स्थापित करेगी।
  • पाठ्यपुस्तक का पहला भाग कक्षा 6 से 8 तक के छात्रों के लिए है।
  • कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों के लिए दो और भाग जल्द ही उपलब्ध कराए जाएंगे।
  • एक PIL के माध्यम से जमीयत उलमा-ए-हिंद ने संवैधानिक वैधता के आधार पर प्रस्ताव को गुजरात उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी और दावा किया था कि यह NEP का उल्लंघन है।
  • याचिकाकर्ता का कहना है कि भारतीय संस्कृति और ज्ञान प्रणालियों के मूल्यों और सिद्धांतों को निश्चित रूप से स्कूली पाठ्यक्रम में लागू किया जा सकता है, लेकिन "सवाल यह है कि क्या यह केवल एक धर्म की पवित्र पुस्तक के मूल्यों और सिद्धांतों को प्रधानता देकर किया जाना चाहिए।" 
  • उच्च न्यायालय ने प्रस्ताव पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था और मामला अभी भी न्यायालय में लंबित है।

प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रश्न-

प्रश्न- हाल ही में किस राज्य के कक्षा 6 से 8 तक के पाठ्यक्रम में ‘भगवद गीता' पर एक पूरक पाठ्यपुस्तक लॉन्च की गई।

(a) उत्तर प्रदेश

(b) उत्तराखंड

(c) मध्य प्रदेश

(d) गुजरात

उत्तर- (d)

मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न-

प्रश्न- भारतीय संस्कृति और ज्ञान प्रणालियों के मूल्यों एवं सिद्धांतों को निश्चित रूप से स्कूली पाठ्यक्रम में लागू किया जा सकता है, लेकिन केवल धर्म विशेष के आधार पर नहीं। समीक्षा कीजिए।

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