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सिंट्रिचिया कैनिनेर्विस

(प्रारंभिक परीक्षा : पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी, सामान्य विज्ञान)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3 : विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- विकास एवं अनुप्रयोग, अंतरिक्ष, पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी)

संदर्भ

वैज्ञानिकों ने सिंट्रिचिया कैनिनेर्विस (Syntrichia caninervis : S. caninervis) नामक एक ऐसी रेगिस्तानी काई या शैवाल (Desert Moss) की खोज की है जो मंगल ग्रह जैसी पर्यावरणीय परिस्थितियों में भी जीवित रहने में सक्षम है। यह टेराफॉर्मिंग में सहायक हो सकता है। 

सिंट्रिचिया कैनिनेर्विस (Syntrichia caninervis) के बारे में 

  • क्या है : ब्रायोफाइटा संघ (Division Bryophytes) से संबंधित छोटी व अवाहिनीवंत वनस्पति (Non-vascular Plants)
  • भौतिक स्वरुप : वैज्ञानिक रूप से वस्तुतः जड़, तना व पत्तियों का आभाव
    • इसके बजाए ये अपनी तने जैसी संरचना के ज़रिए पानी व पोषक तत्वों  को अवशोषित करती हैं।

SINTRICHIYA

  • उपस्थिति : तिब्बत से अंटार्कटिका तक के अत्यंत रेगिस्तानी वातावरण एवं मोजावे रेगिस्तान 
    • इसे मंगल ग्रह पर कॉलोनी (जीवन) स्थापित करने के लिए एक संभावित अग्रणी पौधा (Pioneer Plant) माना जाता है।
    • सामान्य रूप से मॉस दुनिया भर में नम व छायादार वातावरण में पाए जाते हैं, जैसे- जंगल, दलदल और चट्टानें।

सिंट्रिचिया कैनिनेर्विस की विशेषताएँ

  • इसकी मुड़ी हुई पत्तियां सतह क्षेत्र को कम करके वाष्पोत्सर्जन में कमी लाकर जल संरक्षण करती हैं और तीव्र यूवी विकिरण, अत्यधिक तापमान एवं जल की हानि से फोटोप्रोटेक्शन (Photoprotection) प्रदान करते हैं। 
    • फोटोप्रोटेक्शन एक जैव रासायनिक प्रक्रिया है जो जीवों को सूर्य के प्रकाश से होने वाली आणविक क्षति से निपटने में मदद करती है। 
  • इसकी कोशिका भित्ति, कोशिका झिल्ली व क्लोरोप्लास्ट और झिल्ली संरचना पूरी तरह से निर्जल अवस्था में भी बरकरार रहती है।
  • यह अपने जल की मात्रा का 98% से अधिक खो देने के बाद भी कुछ सेकंड के भीतर वापस उग आते हैं। 
  • पौधे की क्षमता ठीक होने और नई शाखाएं उगने की स्थिति में ये आश्चर्यजनक रूप से पांच वर्षों तक -80 डिग्री सेल्सियस (-112 डिग्री फ़ारेनहाइट) या एक महीने के लिए तरल नाइट्रोजन (-195.8 डिग्री सेल्सियस या -320.44 डिग्री फ़ारेनहाइट) पर फ्रीजर में संग्रहीत होने में सक्षम हैं।

सिंट्रिचिया कैनिनेर्विस के प्रमुख लाभ 

  • तनाव सहनशीलता 
    • तनाव की स्थिति में यह ‘चयनात्मक चयापचय निष्क्रियता’ की स्थिति में प्रवेश करता है, जो प्रमुख मेटाबोलाइट्स को संरक्षित करता है। 
    • सिंट्रिचिया कैनिनर्विस पौधे तनाव के बाद सुक्रोज व माल्टोज के उच्च स्तर को बनाए रखते हैं। ये शर्करा ऑस्मोटिक एजेंट एवं संरक्षक के रूप में काम करते हैं जो कोशिकीय संरचना को संरक्षित व स्थिर करने में मदद करते हैं। 
  • फोटोऑटोट्रॉफ़िक विकास की उच्च क्षमता 
    • फोटोऑटोट्रॉफ़ (Photoautotroph) ऐसे जीव होते हैं जो अपने स्वयं के चयापचय को बनाए रखने के लिए आवश्यक कार्बनिक पदार्थों का उत्पादन करने के लिए सूर्य के प्रकाश से प्रकाश ऊर्जा और अकार्बनिक यौगिकों के तत्वों का उपयोग कर सकते हैं।
  • चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में पर्याप्त मात्रा में बायोमास का उत्पादन करने की क्षमता
  • ग्रह की चट्टानी सतह को समृद्ध करके अन्य पौधों की वृद्धि में सहायक 

टेराफॉर्मिंग (Terraforming)

टेराफॉर्मिंग से तात्पर्य अन्य ग्रहों या उपग्रहों के पारिस्थितिक तंत्र को आंशिक अथवा पूर्णता संशोधित करने की काल्पनिक प्रक्रिया से है जिससे वह पृथ्वी के समान जीवन का समर्थन कर सकें। इसे 'अर्थ-शेपिंग' भी कहते हैं। 

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