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तंपारा झील 

प्रारम्भिक परीक्षा – पर्यावरण संरक्षण
मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन पेपर-3

सन्दर्भ 

  • राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण, पूर्वी क्षेत्र ने ओडिशा सरकार को निर्देश दिया है कि वह तंपारा झील के आसपास 'अवैध' निर्माण न करें, जो एक निर्दिष्ट रामसर स्थल और राज्य की सबसे बड़ी सुरम्य ताजे पानी की झीलों में से एक है। 

राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT):

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  • इसकी स्थापना 18.10.2010 को राष्ट्रीय हरित अधिकरण अधिनियम, 2010 के तहत पर्यावरण संरक्षण और वनों एवं अन्य प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण से संबंधित मामलों के प्रभावी और शीघ्र निपटान के लिए की गई है।
  • जिसमें पर्यावरण से संबंधित किसी भी कानूनी अधिकार को लागू करना और राहत देना शामिल है। 
  • यह बहु-विषयक मुद्दों से जुड़े पर्यावरणीय विवादों को संभालने के लिए आवश्यक विशेषज्ञता से सुसज्जित एक विशेष निकाय है। 
  • यह ट्रिब्यूनल सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 के तहत निर्धारित प्रक्रिया से बाध्य नहीं होगा, बल्कि प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों द्वारा निर्देशित होगा।
  • पर्यावरण मामलों में ट्रिब्यूनल का समर्पित क्षेत्राधिकार त्वरित पर्यावरणीय न्याय प्रदान करेगा और उच्च न्यायालयों में मुकदमेबाजी के बोझ को कम करने में मदद करेगा। ट्रिब्यूनल को आवेदनों या अपीलों को दाखिल करने के 6 महीने के भीतर अंतिम रूप से निपटाने का प्रयास करने का आदेश दिया गया है। 
  • प्रारंभ में, एनजीटी को पांच बैठक स्थानों पर स्थापित करने का प्रस्ताव है और यह खुद को और अधिक सुलभ बनाने के लिए सर्किट प्रक्रिया का पालन करेगा। 
  • ट्रिब्यूनल का मुख्यालय नई दिल्ली में है तथा चार क्षेत्रीय कार्यालय भोपाल, पुणे, कोलकाता एवं चेन्नई में है।

प्रमुख बिन्दु 

  • ग्रीन ट्रिब्यूनल ने पर्यावरण दबाव समूह, वाइल्डलाइफ सोसाइटी ऑफ उड़ीसा द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई के बाद आदेश जारी किया है, जिसमें आरोप लगाया गया था कि तंपारा झील में बड़े पैमाने पर चल रहा स्थायी निर्माण कार्य अवैध था।
  • इसमें कहा गया है कि जलाशय और उसके प्रभाव क्षेत्र के भीतर निर्माण अपेक्षित अनुमति प्राप्त किए बिना किया गया था। 

तंपारा झील

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  • तंपारा झील गंजम जिले में स्थित ओडिशा राज्य की सबसे प्रमुख मीठे पानी की झीलों में से एक है। 
  • यहां की भूमि का क्षेत्र धीरे-धीरे वर्षा जल के प्रवाह से भर गया और इसे अंग्रेजों द्वारा "टैम्प" कहा गया और बाद में स्थानीय लोगों द्वारा इसे "तंपारा" कहा गया। 
  • आर्द्रभूमि पक्षियों की कम से कम 60 प्रजातियों, मछलियों की 46 प्रजातियों, फाइटोप्लांकटन की कम से कम 48 प्रजातियों और स्थलीय पौधों और मैक्रोफाइट्स की सात से अधिक प्रजातियों का पालन करती है। 
  • आर्द्रभूमि दुर्लभ प्रजातियों जैसे कि साइप्रिनस कार्पियो, कॉमन पोचार्ड (अथ्या फेरिना), और रिवर टर्न (स्टर्ना औरंतिया) के लिए एक महत्वपूर्ण निवास स्थान है। 
  • प्रति वर्ष 12 टन की अनुमानित औसत मछली उपज के साथ, आर्द्रभूमि स्थानीय समुदायों के लिए आजीविका का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। 
  • यह आर्द्रभूमि मछलियों के साथ-साथ कृषि और घरेलू उपयोग के लिए पानी उपलब्‍ध कराती है और यह एक प्रसिद्ध पर्यटन और मनोरंजन स्थल भी है।

आर्द्रभूमि क्या है ?

  • आर्द्रभूमि क्षेत्र या वेटलैंड्स धरती के उन स्थलों को कहा जाता है जो कि जल से ढ़के या अंशतः जल से घिरे होते हैं। 
  • सरल शब्दो में कहा जाए तो जल से घिरे दलदली स्थलों को आर्द्र भूमि कहा जाता है।जिसमें तालाब, जलाशय, झीलें, नदी -डेल्टा, डेल्टा क्षेत्र, पंकभूमि, बाढ़ के मैदान, दलदली भूमि, धान के खेत, बैराज भूमि और समुद्र के दलदली किनारे इत्यादि शामिल है।
  • मुख्यत जल एवं स्थल के मध्य भाग के संक्रमण क्षेत्र या जल से घिरी दलदली भूमि (पंकभूमि) को ही आर्द्र भूमि का दर्जा दिया जाता है।
  • आईयूसीएन (IUCN) की परिभाषा के अनुसार इसमें प्राकृतिक एवं कृत्रिम, स्थैतिक एवं बहते जल तथा स्थायी या अस्थायी आर्द्रभूमि को शामिल किया गया है।
  • यह पृथ्वी पर सबसे महत्वपूर्ण पारिस्थितिक तंत्र है जो की पर्यावरण संरक्षण, पारिस्थितिक संतुलन, ऑक्सीजन उत्पादन, कार्बन अवशोषक, मत्स्य पालन, सिंचाई, प्रवासी पक्षियों हेतु निवास, गैर-इमारती लकड़ी उत्पाद, आश्रित जीवों हेतु खाद्य, जल-आपूर्ति, बाढ़ रोकथाम एवं जैव विविधता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।
  • यही कारण है कि इन्हे संरक्षित करने हेतु रामसर संधि को लागू किया गया है। आर्द्रभूमि पारिस्थितिक तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।

भारत सरकार के द्वारा किन स्थलों को आर्द्रभूमि में शामिल नहीं किया जाता है? 

  • भारत सरकार की आर्द्रभूमि की परिभाषा में नदी, चैनल, धान के खेत और अन्य क्षेत्र शामिल नहीं हैं क्योंकि यहाँ वाणिज्यिक गतिविधि होती है।

भारत में आर्द्रभूमि के राज्य-वार वितरण 

  • भारत में 19 प्रकार की आर्द्रभूमियां पायी जाती है । आर्द्रभूमि के राज्य-वार वितरण में, गुजरात 34,700 वर्ग किमी (राज्य के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 17.56 %), देश के कुल आर्द्रभूमि क्षेत्रों का 22.7 प्रतिशत लंबी तटरेखा के कारण शीर्ष पर है।
  • इसके बाद आंध्र प्रदेश (14,500 वर्ग किमी), उत्तर प्रदेश (12,400 वर्ग किमी) और पश्चिम बंगाल (11,100 वर्ग किमी) का स्थान है।
  • 18 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों में 10,936 वर्ग किमी में फैले 49 नामित आर्द्रभूमियों के साथ दक्षिण एशिया में रामसर स्थलों का सबसे बड़ा तंत्र (नेटवर्क) है।
  • सर्वाधिक आर्द्रभूमियों वाले देशों में यूनाइटेड किंगडम (175) पहले और मैक्सिको (142) दूसरे स्थान पर है।

रामसर स्थल क्या है ?

  • आर्द्रभूमियों को संरक्षित करने के लिए 2 फरवरी 1971 को ईरान के रामसर शहर में दुनिया के विभिन देशों के मध्य अंतर्राष्ट्रीय संधि की गयी थी जिसके तहत पर्यावरण संरक्षण हेतु दुनिया के विभिन आर्द्र भूमि स्थलों को संरक्षित करने का संकल्प लिया गया था।
  • इस समझौते को ही रामसर समझौता के नाम से जाना जाता है। रामसर समझौते के तहत संरक्षित करने हेतु सम्मिलित की गयी आर्द्रभूमियों को ही रामसर स्थल का दर्जा दिया जाता है।
  • रामसर समझौता को सम्बंधित देशो के द्वारा 21 दिसंबर 1975 को पूर्णरूप से लागू किया गया था। भारत के द्वारा इस संधि पर 1 फरवरी 1982 को हस्ताक्षर किए गए थे।

विश्व आर्द्रभूमि दिवस , हर साल 2 फरवरी को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य लोगों और ग्रह के लिए आर्द्रभूमि की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में वैश्विक जागरूकता बढ़ाना है।

वर्ष 2023 की थीम "यह आर्द्रभूमि बहाली का समय है" है, जो आर्द्रभूमि बहाली को प्राथमिकता देने की तत्काल आवश्यकता पर प्रकाश डालती है। 

  • किसी भी भूमि के रामसर स्थल में शामिल होने पर सम्बंधित भूमि के संरक्षण की जिम्मेदारी आईयूसीएन (IUCN) द्वारा की जाती है साथ ही रामसर स्थल को पहचान एवं वित्तीय सहायता के अतिरिक्त अन्य प्रकार से भी सहायता प्रदान की जाती है।

मॉन्ट्रोक्स रिकॉर्ड 

  • यह रिकॉर्ड अन्तर्राष्ट्रीय महत्व के आर्द्रभूमियों की सूची में आर्द्रभूमि स्थलों का एक रजिस्टर है। मॉन्ट्रोक्स रिकॉर्ड को रामसर सूची के हिस्से के रूप में बनाए रखा जाता है।
  • यह पारिस्थितिकीय तंत्र में परिवर्तन हुए हैं या हो रहे हैं, या तकनीकी विकास, प्रदूषण या अन्य मानवीय हस्तक्षेप के परिणामस्वरूप होने की संभावनाओं को रिकॉर्ड करता है। 
  • वर्तमान में केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान (राजस्थान) और लोकटक झील(मणिपुर) इसके अंतर्गत सूचीबद्ध दो भारतीय स्थल हैं।
  • 1993 में, गाद की समस्या के कारण चिल्का झील को मॉन्ट्रोक्स रिकॉर्ड में भी सूचीबद्ध किया गया था । बाद में 2002 में, इसे सूची से हटा दिया गया क्योंकि भारत सरकार द्वारा गाद की समस्या का समाधान कर लिया गया था।

रामसर स्थलों का महत्व 

  • यह आर्द्रभूमियों के संरक्षण, और उनके संसाधनों के कुशलतम और स्थायी उपयोग के संबंध में राष्ट्रीय कार्यवाई तथा अंतर्राष्ट्रीय सहयोग प्रदान करता है।
  • आर्द्रभूमि प्रबंधन का महत्त्व : एक आर्द्रभूमि को वैश्विक महत्व की आर्द्रभूमि के रूप में घोषित करने से वैश्विक निकाय द्वारा कोई अतिरिक्त वित्तीय सहायता प्रदान नहीं की जाती परन्तु प्रबंधन की दृष्टि से इसका महत्व बढ़ जाता है। यह आईएसओ सर्टिफिकेशन की तरह है जिसका उद्देश्य जागरूकता बढ़ाना हैI
  • रामसर स्थल की सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करना : एक रामसर स्थल की सुरक्षा व्यवस्था को सुनिश्चित करना वहां के प्राधिकरण पर निर्भर करता है जो आर्द्रभूमियों के अतिक्रमण आदि के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है।
  • प्रवासी पक्षियों का आवास : मध्य एशियाई फ्लाईवे (सीएएफ) नौ वैश्विक जलपक्षी फ्लाईवे में से एक हैI सीएएफ के लगभग 71% प्रवासी जलपक्षी भारत को एक अस्थायी प्रवास केंद्र (स्टॉपओवर साइट) के रूप में उपयोग करते हैं। उदाहरण के लिए राजस्थान स्थित सांभर झील में नवंबर से फरवरी तक उत्तरी एशिया और साइबेरिया से हज़ारों की संख्या में फ्लेमिंगो एवं अन्य प्रवासी पक्षी आते हैं। 
  • इस प्रकार फ्लाईवे के भीतर जलपक्षी आबादी को बनाए रखने के लिए भारत की आर्द्रभूमियों के स्वास्थ्य को बनाए रखना महत्वपूर्ण है।

भारत में आर्द्रभूमियों का सामजिक, आर्थिक,सांस्कृतिक तथा पर्यावरणीय महत्त्व

  • आर्द्रभूमियों का भारतीय लोकपरंपराओं तथा संस्कृति से गहरा संबंध है । जैसे -मणिपुर में लोकटक झील को स्थानीय लोगों द्वारा "इमा" (मां) के रूप में पूजा जाता है।  
  • सिक्किम की खेचोपलरी झील "इच्छा पूरी करने वाली झील" के रूप में लोकप्रिय है। 
  • आर्द्रभूमियों के आर्थिक, सामजिक, पर्यावरणीय महत्व के कारण भारत सरकार आर्द्रभूमि संरक्षण को अत्यधिक महत्व देते हुए, विकास योजनाओं और निर्णयन प्रक्रिया के सभी स्तरों पर इसके मूल्यों की श्रृंखला को मुख्यधारा में लाना चाहती है।

प्रारम्भिक परीक्षा  

प्रश्न : निम्नलिखित आर्द्रभूमि में से कौन-सा आर्द्रभूमि ओडिशा में स्थित है?

(a) लोनार झील 

(b) नंदा झील 

(c) तंपारा झील 

(d) कंजली झील

उत्तर (c)

मुख्य परीक्षा 

प्रश्न: भारत में आर्द्रभूमि के महत्त्व एवं इनसे होने वाले लाभों की व्याख्या कीजिए।

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