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16वें वित्त आयोग के लिए संदर्भ शर्तों को मंजूरी 

प्रारंभिक परीक्षा:  समसामयिकी, वित्त आयोग(15वां एवं 16वां)
मुख्य परीक्षा:  सामान्य अध्ययन, पेपर-3 

संदर्भ:

कैबिनेट ने राज्य और स्थानीय सरकारों के साथ केंद्र द्वारा निर्दिष्ट संसाधनों को साझा करने के लिए 16वें वित्त आयोग के लिए संदर्भ की शर्तों को मंजूरी दे दी है।

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प्रमुख बिंदु:

  • 16वां वित्त आयोग 31 अक्टूबर 2025 तक अपनी रिपोर्ट सौंपेगा।
  • इसकी सिफारिशों पर 1 अप्रैल 2026 से अगले 5 वर्षों तक अमल किया जाएगा।

16वें वित्त आयोग के लिए संदर्भ शर्तें:

  • संविधान के अध्याय I, भाग XII के तहत केंद्र सरकार और राज्यों के बीच करों के वितरण की सिफारिश करना
  • संविधान के अनुच्छेद 275 के तहत भारत की संचित निधि से राज्यों को सहायता अनुदान को नियंत्रित करने वाले सिद्धांतों की स्थापना करना
  • राज्य के अपने वित्त आयोग द्वारा की गई सिफारिशों के आधार पर, राज्य के भीतर पंचायतों और नगर पालिकाओं के लिये उपलब्ध संसाधनों को पूरक बनाना
  • इसमें आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत बनाए गए फंड की समीक्षा करना और सुधार के लिए उपयुक्त सिफारिशें प्रस्तुत करना

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वित्त आयोग:

  • वित्त आयोग एक संवैधानिक निकाय है।
  • इसका गठन संविधान के अनुच्छेद 280 के तहत किया जाता है।
  • इसका गठन राष्ट्रपति द्वारा हर पांचवें वर्ष या आवश्यकतानुसार उससे पहले किया जाता है।
  • प्रथम वित्त आयोग 1951 में गठित किया गया था।
  • अब तक पंद्रह वित्त आयोग गठित किए जा चुके हैं।

वित्त आयोग की संरचना:

  • वित्त आयोग में एक अध्यक्ष और चार अन्य सदस्य होते हैं। 
  • इनकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। 
  • उनका कार्यकाल राष्ट्रपति के आदेश के तहत तय होता है।  

संसद ने आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों की विशेष योग्यताओं का निर्धारण किया है-

1. अध्यक्ष:

सार्वजनिक मामलों का अनुभवी होना चाहिए

2. अन्य चार सदस्य:  

    • किसी उच्च न्यायालय का न्यायाधीश या इस पद के लिए योग्य व्यक्ति
    • ऐसा व्यक्ति जिसे भारत के लेखा एवं वित्त मामलों का विशेष ज्ञान हो
    • ऐसा व्यक्ति, जिसे प्रशासन और वित्तीय मामलों का व्यापक अनुभव हो
    • ऐसा व्यक्ति, जो अर्थशास्त्र का विशेष ज्ञाता हो

करों का बटवारा:

  1. ऊर्ध्वाधर (वर्टिकल) हिस्सेदारी: केंद्र और राज्यों के बीच करों का विभाजन
  2. हारिजेंटल हिस्सेदारी: राज्यों के बीच कर का विभाजन

वित्त आयोग के कार्य:

  • संघ व राज्यों बीच करों के बटवारे की संस्तुति करना
  • राज्यों के बीच करों के वितरण हेतु सिद्धांतो का निर्धारण करना
  • संघ व राज्यों की वित्तीय स्थितियों का मूल्यांकन करना
  • राज्य वित्त आयोग की सिफारिश पर राज्य में पंचायतों और नगर पालिकाओं आदि के लिए उपलब्ध संसाधनों को बढ़ाने के तरीके सुझाना 

पंद्रहवें वित्त आयोग:

  • इसका गठन 27 नवंबर, 2017 को किया गया था।
  • इसकी सिफारिशें वर्ष 2021-22 से वर्ष 2025-26 तक पाँच वर्ष की अवधि के लिये मान्य हैं।

 प्रश्न:- वित्त आयोग के सम्बन्ध में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

  1. भारतीय संविधान का अनुच्छेद 280  इससे संबंधित है।
  2. इसमें एक अध्यक्ष और छः अन्य सदस्य होते हैं।
  3. 16वें वित्त आयोग की सिफारिशेंवर्ष 2026 तक मानी हैं।

उपर्युक्त में से कितना/कितने कथन सही है/हैं?

(a) केवल एक

(b) केवल दो

(c) सभी  तीनों

(d) कोई नहीं

उत्तर- (a)

प्रश्न-  वित्तीय संघवाद के मूल वित्त आयोग की संरचना बताते हुए इसके कार्य-क्षेत्र का उल्लेख करें।

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