New
July Offer: Upto 75% Discount on all UPSC & PCS Courses | Offer Valid : 5 - 12 July 2024 | Call: 9555124124

स्वास्थ्य प्रणाली को सशक्त बनाने की राह

(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र : 2- स्वास्थ्य)

संदर्भ

  • कोविड महामारी के बाद से देश में लगातार सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली को मज़बूत करने की माँग की जा रही है।
  • हाल ही में, प्रस्तुत किये गए वर्ष 2021 के बजट में सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं के लिये लगभग 2 लाख करोड़ रुपए की व्यवस्था की है। साथ ही, लगभग 35 हज़ार करोड़ रुपए कोविड वैक्सीन से जुड़े शोध के लिये आवंटित किये गए हैं।
  • वित्तमंत्री ने ‘राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन’ के तहत लगभग 64 हज़ार करोड़ रुपए की लागत से नई केंद्र प्रायोजित योजना ‘प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना’ की घोषणा भी की है।
  • इसके अलावा पोषण योजना के द्वितीय चरण ‘पोषण 2.0’ की शुरुआत भी की जाएगी।

मुख्य बिंदु

  • सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली की प्रभावकारिता हमेशा से प्रश्नों के दायरे में रही है। चूँकि ये राज्य सूची का विषय है, अतः अक्सर राज्य इससे जुड़ी वितीय दिक्कतों की बात करते रहते हैं।
  • उच्चतम न्यायलय ने हाल ही में, देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिये ‘हेल्थ मास्टरप्लान’ बनाना अनिवार्य कर दिया था देश में सुलभ, सस्ती और मज़बूत स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली स्थापित करने की दिशा में यह बेहद महत्त्वपूर्ण कदम है
  • न्यायलय ने देश के निजी अस्पतालों में मरीज़ों से वसूली जाने वाली भारी-भरकम राशि और सार्वजनिक अस्पतालों में बिस्तरों की कमी की शिकायतों के बाद यह आदेश दिया था
  • ध्यातव्य है कि कोविड-19 के बाद की अव्यवस्था ने देश में स्वास्थ्य प्रणालियों में व्याप्त अव्यवस्था को प्रश्नों के दायरे में ला दिया था

चिंताजनक स्थिति

  • देश में जनसंख्या के हिसाब से अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या बेहद कम है वर्तमान में प्रति 1000 लोगों पर 0.55 बिस्तर ही उपलब्ध हैं
  • अभी तक के बजटों को यदि देखा जाय तो स्वास्थ्य सुविधाओं पर सरकार जी.डी.पी. का मात्र 3% ही ख़र्च करती है
  • अतः वर्तमान बजटीय व्यवस्था में स्वास्थ्य क्षेत्र में वित्तीय सेवाओं को बढ़ा कर स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली को नए सिरे से खड़ा करने और इसका विस्तार करने का यह उपयुक्त समय है

किस दिशा में हों प्रयास?

  • प्राथमिक (प्राइमरी), मझोले (सेकेंडरी) और बड़े (टर्शियरी) रेफरल अस्पतालों से जुड़ी स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में सरकार को सभी स्तरों पर ज़िम्मेदारियों का बंटवारा करना होगा। इसके तहत नगरपालिकाओं और महानगर निगमों को सिर्फ प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं का प्रबंधन करना चाहिये।
  • यह शहरी क्षेत्र (भौगोलिक नियोजन के मामले में) के सूक्ष्म नियोजन (माइक्रो प्लानिंग) करने और स्वास्थ्य सुविधाओं की योजना में स्थानीय क्षेत्र की प्लानिंग को शामिल करने का अच्छा मौका साबित हो सकता है।
  • कई नगर निकाय अलग-अलग सेक्टर के हिसाब से योजनाएँ तैयार करते रहे हैं। जैसे- शहरी स्वच्छता योजना, समग्र मोबिलिटी योजना आदि। ऐसे में स्वास्थ्य सुविधाएँ भी ऐसी ही ‘सेक्टोरल माइक्रो प्लानिंग’ का हिस्सा बन सकती हैं।

वैश्विक स्थिति

  • दुनिया भर के कई देशों में ‘हेल्थ मास्टरप्लान’ तैयार करने का चलन है। सिंगापुर, श्रीलंका, नाइजीरिया और अफगानिस्तान इसके उदाहरण हैं। सिंगापुर किफायती स्वास्थ्य देखभाल सेवा और इस दिशा में कार्यबल के विकास में लगा है।
  • सिंगापुर के ‘2020 का हेल्थ मास्टरप्लान’ में किफायती स्वास्थ्य देखभाल सेवा देने पर ज़ोर है। इस योजना के मुताबिक यह सुनिश्चित किया जाएगा कि लोगों को सार्वजनिक अस्पतालों में विशेषज्ञ सेवाएँ पहले के मुकाबले 40% सस्ती मिलें।
  • नए मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर खड़े करने से रोज़गार के मौके पैदा होते हैं। सिंगापुर में हेल्थ मास्टरप्लान की वजह से वर्ष 2015 तक नर्सों की भर्तियाँ 15% बढ़ गईं वहीं पूरे मेडिकल स्टाफ में 29% की वृद्धि देखी गई।
  • श्रीलंका ‘ज्योग्राफिक इन्फॉरमेशन सिस्टम’ (GIS) के ज़रिये जनसंख्या की मैपिंग और उस तक पहुँच के मामले में आगे रहा है। हेल्थ मास्टरप्लान के नए संस्करण के सिद्धांतों में ह्यूमन रिसोर्सेज मैनेजमेंट, वित्तीयन और स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़ी जानकारियाँ हासिल करना शामिल है। इस मास्टर प्लान में मुद्दों की पहचान के साथ ही ‘गैप एनालिसिस और VMOSA टूलकिट’ भी शामिल हैं। हेल्थ सेक्टर में जी.आई.एस. (GIS) तकनीक का फ्यूजन (मेल) बीमारियों की मैपिंग और महामारी के ट्रेंड के विश्लेषण में सहायक हो सकता है। यह श्रीलंका के हेल्थकेयर मास्टर प्लान की एक और ख़ासियत है।
  • नाइजीरिया ने एक ‘नेशनल हेल्थ इनफॉरमेशन सिस्टम’ तैयार किया है। इसके तहत बीमारियों और मेडिकल सुविधा की उपलब्धता के विश्लेषण की व्यवस्था है। ऐसे सिस्टम के तहत हासिल जानकारी से इस बात का विश्लेषण आसान हो जाता है कि स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं के किस क्षेत्र में सुधार की ज़रूरत है।
  • अपने हेल्थ मास्टरप्लान के तहत अफगानिस्तान स्वास्थ्य योजनाओं के असर का मूल्यांकन करता है। यह मॉडल देश के विकास पर असर डालता है क्योंकि इस मास्टर प्लान में क्षेत्रीय एकीकरण और फार्मास्यूटिकल्स और मेडिकल टूरिज्म जैसे सेक्टर के कामकाज़ से जुड़े क्षेत्रीय कानूनों में सामंजस्य कायम करने के लिये सहयोग के तरीकों की बात की गई है।

आगे की राह

  • भारत में दुनिया के कुछ बेहतरीन ‘हेल्थकेयर पेशेवर’ मौज़ूद हैं- अच्छे मेडिकल विशेषज्ञों से लेकर डॉक्टर, नर्सें और यहाँ तक कि पैरामेडिकल कर्मियों की यहाँ कमी नहीं है।
  • स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र भारत का ‘सनशाइन सेक्टर’ बन सकता है। लेकिन यहाँ स्वास्थ्य देखभाल से जुड़ी बुनियादी सुविधाओं का अभाव है।
  • भारत को स्वास्थ्य सुविधाओं को विकसित करने के लिये दुनिया के बेहतरीन उदाहरणों से सीखने और इस कोशिश में क्षेत्रीय चुनौतियों को देखते हुए योजना तैयार करने की ज़रूरत है। इसी तरीके से हम बेहतर स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली बनाने की ओर आगे बढ़ सकते हैं।
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR