प्रारंभिक परीक्षा – UGC की गाइडलाइन मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन, पेपर-2 |
चर्चा में क्यों
यूजीसी ने विदेशी विश्वविद्यालयों को भारत में कैंपस स्थापित करने के लिए दिशानिर्देश 8 नवंबर, 2023 को जारी की।
प्रमुख बिंदु
- भारत में विदेशी उच्च शैक्षणिक संस्थानों के परिसरों की स्थापना और संचालन विनियम, 2023 के अनुसार विदेशी विश्वविद्यालय भारत में परिसर स्थापित करने के लिए सहयोग कर सकते हैं, बशर्ते वे पात्रता मानदंडों को पूरा करते हों।
- इसका उद्देश्य नई शिक्षा नीति की सिफारिश के अनुरूप भारत में विदेशी उच्च शैक्षणिक संस्थानों के प्रवेश को सुविधाजनक बनाना व देश में उच्च शिक्षा को अंतरराष्ट्रीय आयाम प्रदान करना है।
यूजीसी के नियम
- भारत में विदेशी विश्वविद्यालयों के परिसरों को उनके भर्ती मानदंडों के अनुसार संकाय और कर्मचारियों की भर्ती करने की स्वायत्तता होगी।
- भारत में विदेशी विश्वविद्यालय परिसर ऑनलाइन पाठ्यक्रम, दूरस्थ शिक्षा प्रदान नहीं कर सकेंगे।
- भारत में कैंपस स्थापित करने वाले विदेशी विश्वविद्यालयों को नए पाठ्यक्रम शुरू करने से पहले यूजीसी से पूर्वानुमति लेनी होगी।
- विदेशी विश्वविद्यालय भारत में मूल इकाई के शिक्षण केंद्र, अध्ययन केंद्र या फ्रेंचाइजी नहीं खोल सकते।
- भारत में विदेशी योगदान प्राप्त करने उपयोग करने वाले विदेशी विश्वविद्यालय परिसरों को एफसीआरए(FCRA) के तहत पूर्व अनुमति प्राप्त करनी होगी।
- भारत में परिसर स्थापित करने का इच्छुक विदेशी उच्चतर शिक्षण संस्थान को आवेदन के समय पर आयोग द्वारा समय-समय पर निर्धारित वैश्विक रैंकिंग की समग्र श्रेणी में शीर्षस्थ 500 संस्थाओं के भीतर स्थान प्राप्त किया हो।
- यदि विदेशी उच्चतर शिक्षण संस्थान एक से अधिक परिसर स्थापित करने का इच्छुक है तो हर परिसर के लिए अलग आवेदन करना होगा।
- विदेशी उच्चतर शिक्षण संस्थान आयोग द्वारा समय-समय पर निर्णीत अप्रतिदेय प्रोसेसिंग शुल्क के साथ आयोग को ऑनलाइन आवेदन करेगा।
- विदेशी उच्चतर शिक्षण संस्थान आवेदन के साथ भारत में परिसर स्थापित करने के लिए अवसंरचनात्मक सुविधाओं, शुल्क संरचना, शैक्षणिक कार्यक्रमों तथा अन्य विवरण के दस्तावेजों को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के पोर्टल पर अपलोड करना होगा।
- इस संबंध में आशय का एक पत्र देना होगा कि उसके द्वारा भारतीय परिसर में प्रदान की जाने वाली शिक्षा की गुणवत्ता उसके मूल देश के मुख्य परिसर में प्रदान की जा रही शिक्षा के समान है और भारतीय परिसर में विद्यार्थियों को प्रदान की गई उपाधियों की मान्यता एवं दर्जा वही होगा।
- आयोग भारत में विदेशी उच्चतर शिक्षण संस्थानों के परिसरों की स्थापना और संचालन से संबंधित मामलों की जांच करने के लिए एक स्थायी समिति का गठन करेगा।
- विदेशी उच्चतर शिक्षण संस्थान प्रवेश शुरु होने से कम से कम 60 दिन पहले विभिन्न कार्यक्रमों की शुल्क संरचना, किसी कार्यक्रम में सीटों की संख्या, पात्रता योग्यताएं और प्रवेश प्रक्रिया सहित अपनी वेबसाइट पर पाठ्य- विवरणिका उपलब्ध कराएगा।
छात्रों को छात्रवृत्ति
- इसके अलावा मूल्यांकन प्रक्रिया के आधार पर विदेशी उच्चतर शिक्षण संस्थान अक्षयनिधि पूर्व छात्रों द्वारा दिए गये दान, ट्यूशन राजस्व और अन्य स्रोतों जैसी निधियों से पूर्ण या आंशिक योग्यता आधारित या आवश्यकता आधारित छात्रवृत्ति प्रदान कर सकेगा।
- विदेशी उच्चतर शिक्षण संस्थान उन छात्रों को ट्यूशन फीस में छूट दे सकता है जो भारतीय नागरिक हैं।
कर्मचारियों की नियुक्ति में स्वायत्तता
- विदेशी उच्चतर शिक्षण संस्थान को भारत और विदेशों में अपने भर्ती मानदंडों के अनुसार संकाय और कर्मचारियों की भर्ती करने की स्वायत्तता होगी।
- विदेशी उच्चतर शिक्षण संस्थान संकाय और कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए योग्यता, वेतन संरचना और सेवा की अन्य शर्तों का निर्णय कर सकता है।
- विदेशी उच्चतर शिक्षण संस्थान यह सुनिश्चित करेगा कि नियुक्त किए गए संकाय की योग्यता उसके मूल देश के मुख्य परिसर में नियुक्त संकाय के समकक्ष होगी।
- विदेशी उच्चतर शिक्षण संस्थान यह सुनिश्चित करेगा कि भारतीय परिसर में पढ़ाने के लिए नियुक्त अंतरराष्ट्रीय संकाय कम से कम एक सेमेस्टर के लिए भारत में रहेगा।
प्रश्न: निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
- यूजीसी ने विदेशी विश्वविद्यालयों को भारत में कैंपस स्थापित करने के लिए दिशानिर्देश 8 नवंबर, 2023 को जारी की।
- भारत में विदेशी विश्वविद्यालय परिसर ऑनलाइन पाठ्यक्रम, दूरस्थ शिक्षा प्रदान कर सकेंगे।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं ?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) कथन 1 और 2
(d) न तो 1, न ही 2
उत्तर: (a)
मुख्य परीक्षा प्रश्न : विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के विदेशी विश्वविद्यालयों के परिसरों की स्थापना के संबंधित दिशानिर्देशों के महत्व को रेखांकित कीजिए।
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स्रोत: NEWSONAIR