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वोट फ्रॉम एनी वेयर प्रोजेक्ट

(प्रारंभिक परीक्षा- राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ, भारतीय राज्यतंत्र और शासन)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2: चुनाव सुधार, जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, ई-गवर्नेंस)

संदर्भ 

मुख्य चुनाव आयुक्त ने वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में 'रिमोट वोटिंग फैसिलिटी' (आर.वी.एफ.) को शामिल करने का प्रस्ताव दिया है। हालाँकि, इसकी सफलता ‘रिमोट वोटिंग’ के लिये सक्षम बुनियादी ढाँचे के निर्माण सहित कई अन्य मुद्दों पर निर्भर करती है।

क्या है रिमोट वोटिंग सुविधा (आर.वी.एफ.)?

  • इससे मतदाता देश के किसी भी मतदान केंद्र से मतदान कर सकेंगे (वोट फ्रॉम एनी वेयर), जिससे मतदान प्रतिशत में सुधार होगा।
  • इस सुविधा से पंजीकृत अधिवास (निवास स्थान) केंद्र पर ही मतदान की बाध्यता को समाप्त किया जा सकेगा। 
  • आई.आई.टी.-मद्रास इस परियोजना को ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग करके विकसित कर रहा है।

आर.वी.एफ. का महत्व

  • उच्च मतदान प्रतिशत : आर.वी.एफ. से आगामी चुनावों (लोकसभा) के मतदान प्रतिशत में वृद्धि हो सकती है, क्योंकि इससे अपने अधिवास से दूर स्थित मतदाता भी मतदान करने में सक्षम होंगे।
  • समावेशिता को बढ़ावा : छात्र, मरीज, प्रवासी मजदूर, आवश्यक सेवा प्रदाता जैसे अन्य समूह भी चुनावी प्रक्रिया का हिस्सा बन पाएँगे।
  • लचीलापन : आर.वी.एफ. मतदाताओं को अधिक लचीलापन प्रदान करता है। कोई व्यक्ति केवल एक पंजीकृत मतदान केंद्र से ही नहीं बल्कि अन्य स्थानों से भी मतदान सकता है।
  • वृहद् राजनैतिक उत्तरदायित्व : आर.वी.एफ. के प्रयोग से अधिक-से-अधिक संख्या में मतदान प्रक्रिया में हिस्सा लेने के कारण सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक रूप से वंचित समुदायों के प्रति राजनैतिक उत्तरदायित्व में वृद्धि होगी।
  • प्रतिनिधि लोकतंत्र की मज़बूती : आर.वी.एफ. यह सुनिश्चित करेगा कि अधिक योग्य मतदाता (जैसे- केंद्रीय कर्मचारी, व्यापारी, छात्र आदि आवागमन असुविधा के कारण मतदान नहीं करते) मतदान में हिस्सा ले सकें, जिससे प्रतिनिधि लोकतंत्र को मज़बूती मिलेगी।
  • संवैधानिक जनादेश की पूर्ति : अनुच्छेद 326 में ‘सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार’ का प्रावधान है अर्थात् 18 वर्ष से ऊपर के प्रत्येक व्यक्ति को मतदान का अधिकार प्राप्त है। आर.वी.एफ. सार्वभौमिक मतदान सुनिश्चित करने में मदद कर सकता है।

रिमोट वोटिंग सुविधा के समक्ष चुनौतियाँ

  • साइबर सुरक्षा : आर.वी.एफ. ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित है, अत: हैकर्स इस पर साइबर हमला कर सकते हैं, जिससे अंतिम परिणाम प्रभावित हो सकता है।
  • गोपनीयता की चिंता : इस प्रक्रिया में सम्बंधित अधिकारियों या हैकर्स द्वारा उपयोगकर्ता के बायोमेट्रिक एवं चेहरे से सम्बंधित डाटा का दुरुपयोग निजता के अधिकार को प्रभावित करेगा।
  • हितधारक का विश्वास : वर्तमान में, राजनीतिक दल और उम्मीदवार ई.वी.एम. की विश्वसनीयता पर सवाल उठा रहे हैं, अत: आर.वी.एफ. को लेकर जनमानस में विश्वास पैदा करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है।
  • मतदान की गोपनीयता : आर.वी.एफ. सुविधा का प्रयोग किसी अधिकृत अधिकारी के समक्ष किये जाने के कारण मतदान प्रक्रिया की गोपनीयता भंग हो सकती है।
  • चुनावों में राजनीतिक दलों की सक्रिय भागीदारी लोकतंत्र की एक बुनियादी विशेषता है किंतु ‘वोट फ्रॉम एनी वेयर’ से उम्मीदवारों को चुनाव प्रचार के दौरान निर्वाचन क्षेत्रों से दूर स्थित मतदाताओं तक अपनी बात पहुँचाने में समस्या होगी।   

निष्कर्ष

दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की चुनावी प्रक्रिया को मजबूत करने में ई.वी.एम., वी.वी.पी.ए.टी. मशीन, सी-विजिल ऐप जैसी तकनीकों के विकास ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आर.वी.एफ. का शुभारंभ इस प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। हालाँकि, इसके लिये पहले इसके समक्ष उपस्थित स्पष्ट चुनौतियों को हल करना होगा, जिससे रिमोट वोटिंग को एक सुरक्षित, भरोसेमंद और पारदर्शी प्रक्रिया बनाया जा सके।

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