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व्हाइट लेबल ए.टी.एम.

(प्रारंभिक परीक्षा: राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ)

संदर्भ

हाल ही में, इंडिया1 पेमेंट्स लिमिटेड (पूर्व में बी. टी. आई. पेमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड) ने 10,000 ‘व्हाइट लेबल ए.टी.एम.’ (WLA) लगाने का लक्ष्य प्राप्त कर लिया है। इसी के साथ यह कंपनी भारत के अर्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में व्हाइट लेबल ए.टी.एम. का दूसरा सबसे बड़ा ब्रांड बन गया है।

क्या होते हैं व्हाइट लेबल ए.टी.एम.?

  • गैर-बैंकों (वित्तीय संस्थाओं) द्वारा स्थापित, उनके स्वामित्वाधीन एवं उनके द्वारा संचालित किये जाने वाले ए.टी.एम. को ‘डब्ल्यू.एल.ए.’ कहते है। किसी ग्राहक के लिये डब्ल्यू.एल.ए. का प्रयोग अन्य बैंकों के ए.टी.एम. सुविधा के लगभग समान ही होता है।
  • देश में डब्ल्यू.एल.ए. स्थापित करने के लिये भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा अधिकृत पहली कंपनी ‘टाटा कम्युनिकेशंस पेमेंट सॉल्यूशंस लिमिटेड’ थी, जिसने इसे 'इंडिकैश' नाम से लॉन्च किया था।

उद्देश्य

  • गैर-बैंक ए.टी.एम. परिचालक भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा ‘भुगतान एवं निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007’ के तहत प्राधिकृत होते हैं।
  • डब्ल्यू.एल.ए. की स्थापना का मुख्य उद्देश्य ए.टी.एम. के भौतिक व भौगोलिक विस्तार को बढ़ावा देना है, ताकि वित्तीय समावेशन के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके।
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