प्रारंभिक परीक्षा- समसामयिकी, सफेद फास्फोरस बम, एमनेस्टी इंटरनेशनल, ह्यूमन राइट्स वॉच, अंतरराष्ट्रीय मानवतावादी कानून, रसायनों के वर्गीकरण और लेबलिंग की विश्व स्तर पर सामंजस्यपूर्ण प्रणाली मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन, पेपर-3 |
चर्चा में क्यों-
वैश्विक मानवाधिकार संगठनों एमनेस्टी इंटरनेशनल और ह्यूमन राइट्स वॉच ने इज़राइल रक्षा बलों(IDF) पर अंतरराष्ट्रीय मानवतावादी कानून (IHL) का उल्लंघन करते हुए गाजा में सफेद फास्फोरस हथियारों का उपयोग करने का आरोप लगाया है। हालाँकि IDF ने आरोपों से इनकार किया है।
सफेद फास्फोरस-
- सफेद फास्फोरस एक पायरोफोरिक है, जो ऑक्सीजन के संपर्क में आने पर प्रज्वलित होता है।
- इसका इस्तेमाल आग लगाने, रोशनी करने और धुआं उत्पन्न करने वाले विस्फोटक की तरह होता है।
- सफेद फॉस्फोरस में रबड़ मिला दिया जाए तो इसे हथियार की तरह भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
- यह पदार्थ 815 डिग्री सेल्सियस की तीव्र गर्मी पैदा करता है।
नोट: पायरोफोरिक पदार्थ वे होते हैं जो हवा के संपर्क में आने पर स्वचालित रूप से प्रज्वलित हो जाते हैं।
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वैश्विक स्थिति-
रसायनों के वर्गीकरण और लेबलिंग की विश्व स्तर पर सामंजस्यपूर्ण प्रणाली के तहत, रासायनिक खतरों का वर्गीकरण करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहमत प्रणाली, सफेद फास्फोरस "पायरोफोरिक ठोस, श्रेणी-1" के अंतर्गत आता है , जिसमें ऐसे रसायन शामिल हैं जो वायु के संपर्क में आने पर आग पकड़ लेते हैं।
सफेद फास्फोरस का सैन्य उपयोग-
- इसका प्राथमिक सैन्य उपयोग एक स्मोकस्क्रीन के रूप में होता है - जिसका उपयोग जमीन पर सेना की गतिविधियों को छिपाने के लिए किया जाता है।
- सफेद फॉस्फोरस को इन्फ्रारेड ऑप्टिक्स और हथियार ट्रैकिंग सिस्टम के साथ गड़बड़ी करने के लिए भी जाना जाता है।
- इस प्रकार यह निर्देशित मिसाइलों से सैन्य बलों की रक्षा करता है।
- सफेद फास्फोरस का उपयोग आग लगाने वाले हथियार के रूप में भी किया जा सकता है।
सफेद फास्फोरस के जोखिम:
- संपर्क में आने पर सफेद फास्फोरस गंभीर जलन पैदा करता है, जो बेहद दर्दनाक होती है।
- सफेद फास्फोरस के कण जो शरीर में फंसे रहते हैं, हवा के संपर्क में आने पर फिर से जल उठते हैं।
- ह्यूमन राइट्स वॉच के अनुसार, शरीर के 10 फीसदी हिस्से पर भी सफेद फास्फोरस का जलना घातक हो सकता है।
- सफेद फास्फोरस बुनियादी ढांचे और संपत्ति को भी नष्ट कर सकता है।
इतिहास में इस सामग्री का उपयोग-
- 19वीं सदी के अंत में आयरिश राष्ट्रवादियों ने पहली बार सफेद फास्फोरस युद्ध सामग्री का इस्तेमाल किया, जिसे "फेनियन फायर" के रूप में जाना जाने लगा।
- प्रथम विश्व युद्ध में ब्रिटिश और राष्ट्रमंडल बलों द्वारा फॉस्फोरस ग्रेनेड, बम, गोले और रॉकेट में रसायन का व्यापक उपयोग देखा गया।
- द्वितीय विश्व युद्ध में नॉरमैंडी आक्रमण से लेकर 2004 में इराक पर अमेरिकी आक्रमण और लंबे समय तक चले नागोर्नो-काराबाख संघर्ष में इसका उपयोग हुआ था।
- हाल ही में, रूस द्वारा वर्ष 2022 यूक्रेन पर आक्रमण के दौरान सफेद फास्फोरस बम का उपयोग करने का आरोप लगा था।
सफेद फास्फोरस इस्तेमाल की कानूनी स्थिति-
- सफ़ेद फ़ॉस्फ़ोरस युद्ध सामग्री पूर्ण प्रतिबंध के अंतर्गत नहीं है।
- यह अंतरराष्ट्रीय मानवतावादी कानून के तहत विनियमित है।
- इसे रासायनिक हथियार नहीं माना जाता है।
- इसकी परिचालन उपयोगिता मुख्य रूप से विषाक्तता के बजाय गर्मी और धुएं के कारण होती है।
- इसका उपयोग पारंपरिक हथियारों पर कन्वेंशन (CCW) द्वारा नियंत्रित होता है। विशेषरूप से प्रोटोकॉल III लोगों के बीच में हवा से गिराए गए आग लगाने वाले हथियारों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाता है।
प्रश्न:- सफेद फास्फोरस के संबंध में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
- सैन्य उपयोग के लिए यह सामग्री पूर्ण प्रतिबंधित है।
- यह एक पायरोफोरिक रसायन है।
- इसका उपयोग स्मोकस्क्रीन के रूप में भी होता है।
उपर्युक्त में से कितना/कितने कथन सही है/हैं?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीनों
(d) कोई नहीं
उत्तर- (b)
मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न- चर्चा में रहे सफ़ेद फास्फोरस बम के जोखिम का उल्लेख करते हुए इसके इस्तेमाल पर कानूनी स्थिति का वर्णन करें।
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