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सफेद सांभर हिरण

प्रारम्भिक परीक्षा – पर्यावरण संरक्षण, राष्ट्रीय उद्यान  एवं  वन्यजीव अभयारण्य-अंतर एवं महत्त्व, कावेरी वन्यजीव अभयारण्य, बांदीपुर टाइगर रिज़र्व
मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर-3

संदर्भ

  • सफेद सांभर हिरण कावेरी वन्यजीव अभयारण्य में देखा गया। यह पहली बार है जब इस वन क्षेत्र में ल्यूसिस्टिक सांभर हिरण देखा गया है। ऐसा ही एक हिरण 2014 में बांदीपुर टाइगर रिजर्व में देखा गया था।

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प्रमुख बिंदु 

  • चामराजनगर जिले में कावेरी वन्यजीव अभयारण्य सीमा पर एक दुर्लभ सफेद सांभर हिरण को कैमरा ट्रैप में देखा गया।

कावेरी वन्यजीव अभयारण्य (Cauvery Wildlife Sanctuary) : 

  • यह भारत के कर्नाटक राज्य के मांडया, चामराजनगर और रामनगर ज़िलों में स्थित एक वन्य अभयारण्य है। कावेरी नदी इस अभयारण्य से गुजरती है इसलिए उसी के नाम पर इसका नाम रखा गया है। 
  • इसकी स्थापना 14 जनवरी 1987 को की गई थी। यह अभयारण्य पूर्व में तमिलनाडु राज्य के धर्मपुरी वन विभाग से सटा हुआ है।
  • मादा सांभर हिरण को पर्यावरणविद् संजय गुब्बी और टीम ने तेंदुओं का अध्ययन करने के लिए लगाए गए कैमरों की मदद से देखा था। यह पहली बार है जब इस वन क्षेत्र में ल्यूसिस्टिक सांभर हिरण देखा गया है। 
  • टीम ने कहा, इसी तरह का एक हिरण 2014 में बांदीपुर टाइगर रिजर्व में देखा गया था। पूरे शरीर या उसके कुछ हिस्सों में बॉडी पिगमेंट मेलेनिन की कमी के कारण इस स्थिति को ल्यूसिस्टिक के रूप में पहचाना जाता है। 

बांदीपुर टाइगर रिज़र्व: 

  • इस रिज़र्व को वर्ष 1974 में प्रोजेक्ट टाइगर के तहत स्थापित किया गया था। 
  • यह दक्षिणी कर्नाटक के ज़िलों अर्थात् मैसूर और चामराजनगर में फैले सन्निहित परिदृश्य में स्थित है। 
  • यह कर्नाटक, तमिलनाडु एवं केरल राज्यों के ट्राइजंक्शन क्षेत्र में स्थित एक विशिष्ट भू-भाग है। 
  • इस रिजर्व में जीव-जंतुओं की जैवविविधता अत्यधिक पायी जाती है। यहाँ पर तेंदुआ, रॉयल बंगाल टाइगर, जंगली बिल्ली, स्लॉथ बीयर, एशियाई हाथी, जंगली सुअर, ग्रे हेरॉन, शाहीन बाज़, लिटिल बस्टर्ड क्वेल, कोबरा, ग्रीन वाइन स्नेक आदि शामिल हैं।
  • ऐल्बिनिज़म की स्थिति में आंखें गुलाबी या लाल हो जाती हैं। लेकिन ल्यूसिस्टिक जानवरों में, आंखों का रंग सामान्य होता है । 
  • चूंकि सांभर हिरणों की संख्या घट रही है, इसलिए ऐसे जानवरों पर विस्तृत अध्ययन करने की जरूरत है।
  • डीएच से बात करते हुए , संजय गुब्बी ने कहा, “वन्यजीव अभयारण्य ने कई नई प्रजातियों की खोज की है। यहां राज्य में पहली बार हनी बेजर रिकॉर्ड किया गया था। अब, एक सफेद सांभर हिरण देखा गया है। पिछले वर्ष इसी क्षेत्र में एक सफेद ढोल मिला था। वन विभाग के कर्मियों ने यहां एक सफेद मोर भी देखा है।"
  • वन्य जीवों की सुरक्षा और संरक्षण के उद्देश्य से वन्यजीव अभयारण्य एवं राष्ट्रीय उद्यान का गठन किया जाता है जो निम्नलिखित हैं _

राष्ट्रीय उद्यान 

  • राष्ट्रीय उद्यान को वन्यजीव के संरक्षण के लिए बनाया जाता है। जिसमे कुछ नियम के अंतर्गत जानवरों को रखा जाता है और इसमें पर्यटकों को आने की अनुमति नहीं दी जाती है। 
  • ये पूरी तरह से सरकार के द्वारा चलाया जाता है इसमें किसी भी व्यक्ति का कोई निजी भागीदारी नहीं होती है।

वन्य जीव अभयारण्य 

  • अभयारण्य शब्द की उतपत्ति अभय + अरण्य से हुई है जिसमे दो शब्द के उपयोग किये गए हैं, अभय जिसका तात्पर्य जानवरों का एक जगह से दूसरी जगह घूमाना और अरण्य का तात्पर्य वन से है। अर्थात वनों में जानवरों के घूमने का स्थान ही अभयारण्य कहा जाता है। जो कि एक प्रकार का सरकार और अन्य किसी संस्था द्वारा संरक्षित वन, पशु-विहार या पक्षी विहार होता है, उसे हम वन्यजीव अभयारण्य कहते हैं।
  • इसे बनाने का मुख्य उद्देश्य जीव-जंतु, पक्षी या फिर वन संपदा को संरक्षित करना होता है।

राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अभयारण्य में अंतर 

  • राष्ट्रीय उद्यान (National Park) और वन्यजीव अभयारण्य (Wildlife Sanctuary) दोनों को जीव-जंतुओं के संरक्षण के लिए बनाया गया है। जिसमे जीव-जंतुओं के जान-माल का ख्याल रखा जाता है। 
  • राष्ट्रीय उद्यान में जीव-जंतुओं जैसे- गाय, बकरी, भैंस, भेड़ आदि को चराया नहीं जा सकता है जबकि वन्यजीव अभयारण्य में कुछ समय के लिए इन्हे चराया जा सकता है।
  • राष्ट्रीय उद्यान (National Park) में कोई पर्यटक न जा सकता है न रह सकता है जबकि वन्यजीव अभयारण्य (Wildlife Sanctuary) में लोग रह नहीं सकते लेकिन कुछ समय के लिए घूमने जा सकते हैं लेकिन किसी प्रकार का शिकार नहीं कर सकते।
  • राष्ट्रीय उद्यान ज्यादा सुरक्षित होता है जबकि वन्यजीव अभयारण्य उतना अधिक सुरक्षित नहीं होता है ।
  • वन्यजीव अभयारण्य को राष्ट्रीय उद्यान में बदला जा सकता है लेकिन राष्ट्रीय उद्यान को वन्यजीव अभयारण्य में नहीं बदला जा सकता।
  • वन्यजीव अभयारण्य में लकड़ी आदि को लेने के लिए गांव के लोग जा सकते हैं जबकि राष्ट्रीय उद्यान में नहीं जा सकते।
  • राष्ट्रीय उद्यान में किसी एक विशेष प्रकार के जीव-जंतुओं के लिए नहीं बनाया जाता है इसमें हर प्रकार के जीव-जंतु रहते हैं जबकि वन्यजीव अभयारण्य में अलग किसी भी विशेष जानवर/ जीव-जंतुओं के लिए बनाया जा सकता है। 

वन्यजीव अभ्यारण्य एवं राष्ट्रीय उद्यान का महत्व

  • जंगली जीव-जंतुओं को उनके शेष जीवन के लिए वन्यजीव अभयारण्यों में पाला और संरक्षित किया जाता है जब तक कि उनकी स्वाभाविक रूप से मृत्यु न हो जाए। 
  • देश की जैव विविधता या प्राकृतिक पर्यावरण की रक्षा के लक्ष्य से एक वन्यजीव अभयारण्य का गठन किया गया। 
  • अभयारण्य परित्यक्त और घायल जानवरों को संरक्षित करता है और उनकी तब तक देखभाल करता है जब तक वे सही न हो जायं । 
  • अभयारण्य में लुप्तप्राय जानवरों को प्राकृतिक घर प्रदान करके उनके संरक्षण और पुनरुत्पादन में सहायता किया जाता है। साथ ही कुछ प्रजातियों के विलुप्त होने को भी रोका जा जाता है।
  • राष्ट्रीय उद्यान की भू-आकृतियाँ विकास, प्रदूषण और वनों की कटाई से सुरक्षित हैं, और वे वन्यजीवों के लिए प्राकृतिक आवास के रूप में काम करते हैं। 
  • राष्ट्रीय उद्यानों में ऐतिहासिक संरचनाएँ संरक्षित की जाती हैं। 
  • राष्ट्रीय उद्यान न केवल वन्य प्राणियों बल्कि जनजातीय लोगों और उनकी संस्कृतियों की भी रक्षा करते हैं।

प्रारम्भिक परीक्षा प्रश्न : निम्नलिखित में से कौन से वन्यजीव अभयारण्य में सफेद सांभर हिरण देखा गया है?  

(a) नागार्जुनसागर वन्यजीव अभयारण्य

(b) वायनाड वन्यजीव अभयारण्य 

(c) कावेरी वन्यजीव अभयारण्य

(d) पाखाल वन्यजीव अभयारण्य

उत्तर (c)

मुख्य परीक्षा प्रश्न: वन्यजीव संरक्षण के संदर्भ में वन्यजीव अभयारण्य एवं राष्ट्रीय उद्यान के महत्व पर प्रकाश डाले।

स्रोत: डेक्कन हेराल्ड

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