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जीरो शैडो डे (ZERO SHADOW DAY)

प्रारम्भिक परीक्षा: जीरो शैडो डे।
मुख्य परीक्षा: सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 - विश्व के भौतिक भूगोल की मुख्य विशेषताएँ।

सुर्खियों में क्यों ?

हाल ही में, भारत के कई शहरों में जीरो शैडो डे का अनुभव किया गया।

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जीरो शैडो डे क्या है?

  • किसी वस्तु के ठीक ऊपर सूर्य की किरणें लम्बवत पड़ने से उस वस्तु की छाया तो बनती है , परंतु दिखाई नहीं पड़ती है , ऐसी घटना को जीरो शैडो डे कहते हैं। 
  • जीरो शैडो डे की घटना वर्ष में दो बार होती है और यह विशेष तौर पर उन स्थानों पर घटित होती है, जो कर्क और मकर रेखा के बीच स्थित होते हैं।
  • चेन्नई, मुंबई और पुणे जैसे शहर कर्क और मकर रेखा के बीच में स्थित हैं , इसलिए यहाँ जीरो शैडो डे की संभावना होती है। 
  • वैसे तो यह घटना केवल एक या दो सेकेंड या इससे भी कम समय के लिए होती है, लेकिन इसका प्रभाव डेढ़ से दो मिनट तक रह सकता है।  

छाया क्यों दिखाई नहीं देती है ?

  • दरअसल, जब सूर्य ठीक हमारे सिर के ऊपर होता है, तो उसकी किरणें  हम पर लंबवत पड़ती हैं, जिस वजह से हमारी परछाई थोड़ा इधर-उधर न बनकर बिल्कुल हमारे पैरों के नीचे बनती है और यही वजह है कि सीधे खड़े रहने पर कोई परछाई दिखाई नहीं देती है। 

ऐसा क्यों होता है?

  • यह उत्तरायण के दौरान दक्षिण से उत्तर की ओर और दक्षिणायन के दौरान उत्तर से दक्षिण की ओर सूर्य की गति के कारण होता है।
  • यह गति पृथ्वी के घूर्णन अक्ष के सूर्य के चारों ओर क्रांति के अक्ष पर लगभग 23.5° के कोण पर झुके होने के कारण होती है।
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