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अफ्रीकी स्वाइन फीवर (African Swine Fever)

'अफ्रीकी स्वाइन फीवर' (ASF) घरेलू व जंगली सुअरों में पाया जाने वाला एक गम्भीर संक्रामक रोग है। यह रोग एक डीएनए वायरस के कारण होता है, जो एसफरविरिडे (Asfarviridae) परिवार का सदस्य है।

  • इस रोग के प्रमुख लक्षण हैं- तेज़ बुखार के साथ कभी-कभी रक्तस्राव, त्वचा पर अल्सर, वज़न व भूख में कमी इत्यादि। ध्यातव्य है कि इस रोग का अभी कोई प्रभावी उपचार नहीं है, अतः इसमें मृत्यु दर सौ फीसदी है।
  • यह वायरस संक्रमित भोजन, कूड़ा-कचरा व मल खाने, एक संक्रमित सुअर के अन्य सुअरों के सम्पर्क में आने तथा इस रोग के वाहकों (मक्खी व टिक) के सम्पर्क में आने से फैलता है।
  • भारत में ए.एस.एफ. का पहला मामला, फरवरी 2020 में देखा गया। यहाँ इस रोग का प्रसार, तिब्बत से अरुणाचल प्रदेश में और वहाँ से असम (सर्वाधिक प्रभावित) में पहुँचा है। विश्व में इस रोग का पहला मामला वर्ष 1920 में केन्या में दर्ज किया गया था। सामान्यतः इसका प्रसार अफ्रीका (उप-सहारा क्षेत्र), यूरोप, एशिया, दक्षिण अमेरिका तथा कैरेबियाई देशों तक है।
  • उल्लेखनीय है कि ए.एस.एफ. मनुष्य के लिये खतरा नहीं है। इसका संक्रमण सिर्फ जानवरों से जानवरों में होता है। भोपाल स्थित 'राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान' (NIHSAD) ने भारत में इस रोग की पुष्टि की है।
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