हाल ही में, केंद्रीय कैबिनेट ने कृषि क्षेत्र के वित्तपोषण के लिये 'कृषि अवसंरचना कोष’ की शुरुआत की है। इसकी निगरानी व प्रबंधन ‘ऑनलाइन प्रबंधन सूचना प्रणाली प्लेटफॉर्म’ के माध्यम से किया जाएगा। इसकी समय-सीमा 10 वर्ष (2020-2029) होगी।
- इसका उद्देश्य, मध्यम व दीर्घावधिक सस्ते ऋण के माध्यम से फसल- कटाई के बाद बुनियादी ढाँचा प्रबंधन एवं सामुदायिक कृषि परिसम्पत्तियों की परियोजनाओं में निवेश को बढ़ावा देना है।
- इस योजना के अंतर्गत, बैंकों व वित्तीय संस्थानों द्वारा प्राथमिक कृषि ऋण समितियों, विपणन सहकारी समितियों, किसान उत्पादक संगठनों, स्वयं सहायता समूहों, किसानों व कृषि उद्यमियों के साथ-साथ स्टार्टअप और केंद्रीय/राज्य एजेंसियों या स्थानीय निकायों द्वारा प्रायोजित सार्वजनिक-निजी भागीदारी परियोजनाओं को एक लाख करोड़ रुपए की धनराशि केंद्रीय योजना ऋण के रूप में उपलब्ध कराई जाएगी।
- ऋण का वितरण चार वर्षों में (वर्तमान वित्त वर्ष में ₹10,000 करोड़, जबकि आगामी 3 वित्त वर्षों में ₹30,000 करोड़ प्रति वर्ष) किया जाना है। इसके अलावा, पुनर्भुगतान हेतु ऋण स्थगन न्यूनतम 6 माह व अधिकतम 2 वर्ष के लिये हो सकता है।
- इसके अंतर्गत सभी प्रकार के ऋणों के लिये, प्रतिवर्ष 2 करोड़ रुपए तक के ऋण पर अधिकतम 7 वर्षों के लिये ब्याज में 3% की छूट प्रदान की जाएगी। इसके अलावा, 2 करोड़ रुपए तक के ऋण हेतु क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट फॉर माइक्रो एंड स्मॉल एंटरप्राइजेज़ योजना के द्वारा पात्र उधारकर्ताओं हेतु क्रेडिट गारंटी कवरेज भी उपलब्ध होगा।