वर्ष 2020 की शुरुआत में केंद्र सरकार द्वारा देशभर में तीन बल्क ड्रग पार्क स्थापित करने की घोषणा की गई थी। इसी के तहत हिमाचल प्रदेश ने ऊना में ड्रग पार्क स्थापित करने हेतु अनुदान के लिये केंद्र को प्रस्ताव भेजा है। हिमाचल प्रदेश, एशिया का सबसे बड़ा फार्मा मैन्युफैक्चरिंग हब है और भारत के कुल दवा निर्माण में लगभग 50% का भागीदार है।
केंद्र सरकार चयनित ड्रग पार्कों में बुनियादी सुविधाओं के निर्माण के लिये एकमुश्त सहायता प्रदान करके देश में थोक दवाओं की विनिर्माण लागत में कमी और घरेलू थोक दवा उद्योग में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने का प्रयास कर रही है। इसके लिये केंद्र द्वारा 70% अनुदान (पहाड़ी राज्यों के मामले में 90%) प्रदान किया जाएगा। इसके लिये केंद्र द्वारा प्रति पार्क अधिकतम 1,000 करोड़ रुपए की राशि प्रदान की जाएगी।
भारत विश्व के सबसे बड़े फार्मास्युटिकल उद्योगों में से एक है, लेकिन यह उद्योग ए.पी.आई. एवं अन्य बुनियादी सामग्रियों के आयात हेतु बड़े पैमाने पर अन्य देशों, विशेष रूप से चीन पर निर्भर करता है।
ध्यातव्य है कि बल्क ड्रग को सक्रिय दवा सामग्री (Active Pharmaceutical Ingredient - API) भी कहा जाता है। ये किसी दवा या ड्रग के प्रमुख घटक होते हैं तथा दवाओं के वांछित चिकित्सकीय प्रभाव हेतु उत्तरदायी होते हैं।