‘कोकोलिथोफोर्स’ विश्व भर के महासागरों की ऊपरी परतों में पाया जाने वाला एक-कोशिकीय शैवाल है, जो वर्षों से समुद्री पारिस्थितिक तंत्र व वैश्विक कार्बन चक्र में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
- कोकोलिथोफोर्स समुद्री फाइटोप्लैंकटन को कैल्सिफ़ाई करते हैं, जो 40% तक खुले महासागरीय कैल्शियम कार्बोनेट का उत्पादन करने के साथ वैश्विक निवल समुद्री प्राथमिक उत्पादकता के 20% के लिये उत्तरदायी है।
- कोकोलिथोफोर्स द्वारा उत्पादित कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा उसके द्वारा अवशोषित कार्बन डाइऑक्साइड से कम होती है, जो महासागरीय पारिस्थितिकी तंत्र के लिये लाभकारी है। अतः यह एक ‘कार्बन सिंक’ की तरह कार्य करता है।
- कोकोलिथोफोर्स में कमी विभिन्न पर्यावरणीय कारकों जैसे- सिलिकेट व कैल्शियम कार्बोनेट की सांद्रता, डायटम शैवाल में वृद्धि, प्रकाश की तीव्रता और सूक्ष्म पोषक तत्त्वों की सांद्रता की उपलब्धता पर निर्भर करती है।
- उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय ध्रुवीय एवं महासागर अनुसंधान केंद्र (NCPOR) के नेतृत्व में सूक्ष्म प्राचीन समुद्री शैवाल (Coccolithophores) के एक हालिया अध्ययन में पाया गया है कि दक्षिण भारतीय महासागर में सागरीय कैल्शियम कार्बोनेट (CaCO3) की सांद्रता में कमी आई है।