‘कॉमर्शियल क्रू प्रोग्राम’ अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ‘नासा' (NASA) द्वारा भावी अंतरिक्ष मिशनों की तैयारी हेतु एक कार्यक्रम है, जिसके अंतर्गत अंतरिक्ष में ‘मानवरहित तथा मानवसहित अंतरिक्षयानों (Crewed & Uncrewed spacecraft) का परीक्षण करके, उनके आधार पर भविष्य में चंद्रमा एवं दूसरे ग्रहों पर खोजी मिशन भेजे जाएंगे।
- वर्ष 2010 में शुरू हुए इस कार्यक्रम का वित्तपोषण अमेरिकी सरकार द्वारा किया जाता है, जबकि इसका संचालन ‘नासा’ करता है। ‘कॉमर्शियल क्रू प्रोग्राम’ के तहत ‘नासा’ ने ‘स्पेसएक्स’ (SpaceX) तथा ‘बोइंग’ नामक निजी कम्पनियों को अंतरिक्षयान एवं रॉकेट निर्माण का कार्य सौंपा है।
- अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर ‘नासा’ के अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने के लिये, वर्ष 2019 में ‘स्पेसएक्स’ द्वारा निर्मित ‘क्रू ड्रेगन स्पेसक्राफ्ट’ के माध्यम से मानवरहित मिशन (डेमो-1) को आई.एस.एस. पर भेजा गया। डेमो-1 पूर्णतः सफल रहा, इसके द्वारा आई.एस.एस. से वापसी के बाद स्पेसक्राफ्ट को सफलतापूर्वक अटलांटिक महासागर में उतारा गया।
- डेमो-1 मिशन की सफलता के बाद 'नासा' 27 मई, 2020 को 'डेमो-2' के माध्यम से दो अंतरिक्ष यात्रियों (बेहकन एवं हर्ले) को आई.एस.एस. पर भेज रहा है। ये अंतरिक्ष यात्री एक लम्बे अरसे तक वहाँ रुककर भावी मिशनों के लिये शोध कार्य एवं स्पेसक्राफ्ट के विभिन्न तकनीकी पहलुओं का परीक्षण करेंगे।
- डेमो-2 द्वारा अंतरिक्ष यात्रियों को ले जाने के लिये ‘क्रू ड्रेगन एयरक्राफ्ट’ और ‘फाल्कन-9’ रॉकेट का उपयोग किया जाएगा। ध्यातव्य है कि वर्ष 2011 में ‘स्पेस शटल प्रोग्राम’ की कार्यावधि पूर्ण हो जाने के बाद आई.एस.एस. के लिये यह नासा का पहला मानव मिशन है।