डीप ब्रेन स्टिम्यूलेशन (DBS) एक न्यूरोसर्जिकल प्रक्रिया है, जिसमें न्यूरोस्टिम्यूलेटर चिकित्सा उपकरण का उपयोग किया जाता है। इस उपकरण को ब्रेन पेसमेकर के रूप में भी संदर्भित किया जाता है।
इस प्रक्रिया में मस्तिष्क में प्रत्यारोपित इलेक्ट्रोड के माध्यम से उत्पन्न विद्युत आवेग का उपयोग असामान्य मस्तिष्क गतिविधि को नियंत्रित करने के लिये किया जाता है। यह विद्युत आवेग मस्तिष्क के भीतर रासायनिक असंतुलन के लिये समायोजन का कार्य भी करता है, जो विभिन्न असामान्य स्थितियों का कारण होता है।
डी.बी.एस. प्रणाली के तीन घटक हैं- इलेक्ट्रोड या लीड, यह एक पतला कुचालक तार है जिसे मस्तिष्क के एक विशिष्ट क्षेत्र (मस्तिष्क नाभिक) में प्रत्यारोपित किया जाता है। एक्सटेंशन वायर का उपयोग इलेक्ट्रोड को इस प्रणाली के तीसरे घटक से जोड़ने के लिये किया जाता है, जो सिर, गर्दन व कंधे की त्वचा के नीचे से गुज़रता है। आंतरिक पल्स जनरेटर इस प्रणाली का तीसरा घटक है, जिसे सामान्यतः ऊपरी वक्ष में स्थापित किया जाता है।
परंपरागत डी.बी.एस. प्रणाली का उपयोग डायस्टोनिया, मिर्गी, आरंभिक ट्यूमर, नियंत्रित-बाध्यकारी विकार तथा पार्किंसंस जैसे रोगों के उपचार में किया जाता है। अवसाद के उपचार में डी.बी.एस. के माध्यम से किये गए नैदानिक परीक्षणों में सीमित सफलता प्राप्त हुई है, क्योंकि अधिकांश उपकरण केवल मस्तिष्क के एक निश्चित क्षेत्र में निरंतर विद्युत उत्तेजना उत्पन्न करने में सक्षम हैं।