डायड्रोमस मछलियाँ मीठे पानी और खारे पानी के बीच प्रवास करती हैं।
ब्रिटिश इकोलॉजिकल सोसायटी के जर्नल ऑफ एप्लाइड इकोलॉजी में इन मछलियों पर एक अध्ययन प्रकाशित हुआ।
इन मछलियों के 62% समुद्री संरक्षित क्षेत्र उनके मूल आवासों के अनुरूप नहीं हैं।
इन मछलियों के कोर आवासों में से केवल 55% ही समुद्री संरक्षित क्षेत्र के अंतर्गत हैं।
वैज्ञानिकों ने 11 डायड्रोमस मछलियों पर अध्ययन किया; जिसमें शमिल हैं-
एलिस शैड, ट्वाइट शैड, भूमध्यसागरीय ट्वाइट शैड, यूरोपीय ईल, यूरोपीय फ्लाउंडर, नदी लैम्प्रे, समुद्री लैम्प्रे, अटलांटिक सैल्मन, समुद्री ट्राउट, थिनलिप मलेट और स्मेल्ट।
वर्ष 2024 की लिविंग प्लैनेट इंडेक्स में इन मछलियों की संख्या में तीव्र गिरावट दर्ज हुई है।