अग्नि जाँच एवं नियंत्रण प्रणाली (Fire Detection and Suppression System)/h1>
9 नवंबर, 2020 को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के दिल्ली स्थित अग्नि, विस्फोटक एवं पर्यावरण सुरक्षा केंद्र (CFEES) द्वारा यात्री बसों में आग का पता लगाकर उस पर नियंत्रण करने के लिये 'फायर डिटेक्शन एंड सप्रेशन सिस्टम' (FDSS) नामक प्रणाली विकसित की गई है। इससे बड़े पैमाने पर जान- माल की सुरक्षा होगी।
यह प्रणाली यात्री कम्पार्टमेंट में लगने वाली आग पर नियंत्रण करने हेतु जल आधारित तकनीक पर कार्य करेगी, जिसके लिये बस में 80 लीटर पानी की क्षमता वाले टैंक के साथ 6.8 किलोग्राम का नाइट्रोजन सिलेंडर (200 बार दबाव क्षमता वाला) उपयुक्त स्थान पर लगाया गया है, जो 16 स्वचालित बिंदुओं वाले ट्यूब से जुड़ा रहेगा।
इंजन में अग्नि नियंत्रण के लिये ऐरोसॉल पर आधारित तकनीक का प्रयोग किया जाएगा, जो सक्रिय होने के महज़ 5 सेकेंड के भीतर ही आग को बुझाने में सक्षम होगा। ध्यातव्य है कि अभी तक वाहनों के इंजन में लगने वाली आग को ही अग्नि सुरक्षा नियामक के दायरे में शामिल किया जाता है।
सी.एफ.ई.ई.एस. प्रयोगशाला आग से जुड़े जोखिमों का आकलन करने व आग बुझाने के लिये विभिन्न तकनीकों के सम्बंध में कार्य करता है। इस प्रयोगशाला द्वारा युद्धक टैंक, जलपोतों और पनडुब्बियों के लिये भी अग्निशमन यंत्र विकसित किये गए हैं।