New
July Offer: Upto 75% Discount on all UPSC & PCS Courses | Offer Valid : 5 - 12 July 2024 | Call: 9555124124

फ्लोरोसिस (Fluorosis)

  • फ्लोरोसिस रोग शरीर में फ्लोराइड, फ्लोरीन तथा हाइड्रोफ्लोरिक अम्ल की अधिकता के कारण होता है। इनमें से फ्लोराइड हड्डियों व दाँतों के लिये सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण है जो पेयजल, भोजन एवं फ्लोरीडेटेड दंत उत्पादों जैसे टूथपेस्ट, फ्लोरीनयुक्त दवाओं इत्यादि के प्रयोग से शरीर में प्रविष्ट होता है। वहीं, 'फ्लोरीन' एवं 'हाइड्रोफ्लोरिक' अम्ल औद्योगिक-स्थलों में प्रयुक्त रसायनों के कारण उत्पन्न होते हैं तथा श्वसन के माध्यम से शरीर में प्रवेश करते हैं।
  • भूजल में फ्लोराइड की अधिकता भारत में अस्वास्थ्यकर स्थिति को दर्शाती है। इसके चलते ऑस्टियोपोरोसिस, गठिया, कैंसर, अस्थि भंगुरता, अल्ज़ाइमर और थायरॉयड जैसी बीमारियाँ होती हैं। फ्लोरोसिस से प्रभावित व्यक्ति लम्बे समय तक शारीरिक श्रम नहीं कर सकता है।
  • फ्लोराइड एक तीव्र विष है, जिसकी तीव्रता सीसे से थोड़ी अधिक होती है। भारतीय मानक ब्यूरो के अनुसार, पानी में फ्लोराइड के लिये 1-1.5 मिलीग्राम/लीटर मानक निर्धारित किया गया है।
  • हाल ही में, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने ओडिसा के नुआपाड़ा ज़िले में फ्लोरोसिस से प्रभावित लोगों को सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराने के सम्बंध में ज़िला प्रशासन को रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR