'वैश्विक खाद्य संकट रिपोर्ट' ग्लोबल नेटवर्क अगेंस्ट फूड क्राइसिस द्वारा तैयार की जाती है, जबकि फूड सिक्योरिटी इन्फॉर्मेशन नेटवर्क (FSIN) द्वारा जारी की जाती है। इस रिपोर्ट में, विश्व में बढ़ती तीव्र भुखमरी (Acute hunger) को स्पष्ट किया गया है और इसके लिये उत्तरदायी कारकों की पहचान की गई है।
- रिपोर्ट के आँकड़े मुख्यतः दो मापदंडों- इंटीग्रेटेड फूड सिक्योरिटी फेज़ क्लासीफिकेशन (IPC) तथा काडर हॉर्मोनाइज़ (CH) पर आधारित हैं। रिपोर्ट में, 55 देशों में खाद्य असुरक्षा का आकलन, जबकि 27 देशों में गम्भीर खाद्य असुरक्षा के लिये उत्तरदायी कारकों का गहन विश्लेषण किया गया है।
- रिपोर्ट के मुताबिक, 'संघर्ष' (Conflict) खाद्य संकट का मुख्य वाहक है, इसके अतिरिक्त जलवायु परिवर्तन, आर्थिक उथल-पुथल तथा मरुस्थलीय टिड्डियों ने भी इसे बढ़ाने में भूमिका निभाई है। रिपोर्ट के अनुसार, 135 मिलियन लोग पहले से ही 'तीव्र खाद्य संकट' (IPC के चरण-3 या उससे ऊपर) का सामना कर रहे हैं। साथ ही, कोविड-19 महामारी के चलते विश्व में 'तीव्र भुखमरी' अधिक विकराल रूप धारण कर सकती है।
- खाद्य असुरक्षा से पीड़ित अधिकांश (लगभग 73 मिलियन) लोग अफ्रीका में, इसके बाद मध्य-पूर्व (43 मिलियन) और लैटिन अमेरिका व कैरेबियाई द्वीपों (18.5 मिलियन) में रहते हैं।
- सर्वाधिक गम्भीर खाद्य संकट वाले 10 देश हैं- यमन (सर्वाधिक), कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, अफगानिस्तान, वेनेज़ुएला, इथोपिया, दक्षिण सूडान, सीरिया, सूडान, नाइजीरिया तथा हैती।