गोल्डन ब्लड मनुष्यों के शरीर में पाया जाने वाला एक दुर्लभ रक्त समूह है। इसे आरएच नल (Rh null) नाम से भी जाना जाता है।
विश्व के केवल 45 लोगों के शरीर में पाए जाने वाला यह रक्त किसी भी रक्त समूह वाले व्यक्तियों के शरीर में चढ़ाया जा सकता है। वर्तमान में इस रक्त समूह के केवल 9 व्यक्तियों ने रक्तदान के लिये सहमति व्यक्त की है।
ऐसे में इस रक्त समूह के एक बूंद की कीमत एक ग्राम सोने से भी ज्यादा मानी जाती है। इसी वजह से इसे गोल्डन ब्लड ग्रुप नाम दिया गया है।
गोल्डन ब्लड ग्रुप का कारण आनुवांशिक उत्परिवर्तन है जो एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में स्थानांतरित होता है। सर्वप्रथम यह रक्त समूह वर्ष 1961 में ऑस्ट्रेलिया की एक आदिवासी महिला के शरीर में पाया गया था।