लोसर उत्सव लद्दाखी नव वर्ष के अवसर पर मनाया जाने वाला एक प्रमुख सामाजिक-धार्मिक त्योहार है।
यह उत्सव 15 दिनों तक चलता है जिसमें देवी एवं देवताओं की प्रार्थना, आइबेक्स (एक विशेष प्रकार की बकरी) के सम्मान में नृत्य एवं गीत और कैलाश पर्वत की तीर्थयात्रा शामिल है।
इसके तहत नए वर्ष का स्वागत आटे से निर्मित आइबेक्स, सूर्य एवं चंद्रमा की प्रतिकृति व रसोई की दीवारों पर रंगीन शुभ संकेतों के साथ किया जाता है।
इसकी पूर्व संध्या पर मेथो नामक एक जुलूस निकाला जाता है ,जिसमें लोग जलती हुई मशालें लेकर पवित्र नारे लगाते हैं। मान्यता है कि इस जुलूस से सभी बुरी आत्माएँ भाग जाती हैं।