आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सहयोग से रेहड़ी-पटरी वालों को डिजिटल ऑनबोर्डिंग तथा प्रशिक्षण प्रदान करने के उद्देश्य से ‘मैं भी डिज़िटल 3.0’ अभियान का शुभारंभ किया है। इसे प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत देश के 223 शहरों में पायलट परियोजना के रूप में प्रारंभ किया गया है।
यू.पी.आई. आईडी., क्यू.आर. कोड जारी करने तथा डिज़िटल प्रशिक्षण प्रदान करने के लिये भारतपे, एमस्वाइप, फोनपे, पेटीएम, एसवेयर इस अभियान में भाग लेंगे। रेहड़ी-पटरी वालों को डिज़िटल लेन-देन तथा व्यवहार में बदलाव को अपनाने के लिये डिज़िटल भुगतान एग्रीगेटर द्वारा सहयोग प्रदान किया जाएगा।
डिज़िटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिये ऋणदाता संस्थानों को निर्देश जारी किया गया है, जिसके तहत वे लाभार्थियों को एक टिकाऊ क्यू.आर. कोड सौंपने तथा संवितरण के एक सप्ताह के भीतर डिजिटल रसीद प्राप्त करने एवं भुगतान लेन-देन के लिये प्रशिक्षित करने का कार्य करेंगे। 'सिडबी' को योजना प्रशासन के लिये कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में नियुक्त किया गया है।
पी.एम. स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि (पी.एम. स्वानिधि) योजना को 1 जून, 2020 को केंद्रीय क्षेत्र की योजना के रूप में प्रारंभ किया गया था। यह योजना नियमित पुनर्भुगतान पर 7% की दर से ब्याज सब्सिडी के साथ ₹10,000 तक के किफायती कार्यशील पूँजी ऋण की सुविधा प्रदान करती है।
इसके तहत ऋण प्राप्त करने के लिये कोई संपार्श्विक भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है। यह योजना ऋणदात्री संस्थाओं को पोर्टफोलियो के आधार पर ग्रेडेड गारंटी कवर प्रदान करती है। इसका लक्ष्य 24 मार्च, 2020 को या उससे पूर्व वेंडिंग कार्य में संलग्न 50 लाख स्ट्रीट वेंडर्स को कवर करना है।