मारबर्ग वायरस मानव में एक गंभीर रक्तस्रावी बुखार का कारण बनता है। यह इबोला की तरह फिलोविरिडे परिवार (फिलोवायरस) का सदस्य है।
इसके प्राकृतिक परपोषी (Hosts) रूसेटस फ्रूट-बेट हैं, जबकि मानव में संक्रमण के स्रोत अफ्रीकन ग्रीन मंकी थे।
संक्रमित व्यक्तियों में तेज बुखार, माँसपेशियों में दर्द और गंभीर सिरदर्द के साथ ही पेट दर्द, उल्टी, दस्त व शरीर में ऐंठन के लक्षण पाए जाते हैं। बाद में नाक व मसूड़ों से अत्यधिक रक्तस्राव रोगी की मृत्यु का कारण बन जाता है।
इसका सर्वप्रथम प्रसार वर्ष 1967 में जर्मनी के मारबर्ग एवं फ्रैंकफर्ट के अतिरिक्त बेलग्रेड और सर्बिया में हुआ था। हाल में अफ्रीका के गिनी में इसके नए मामले पाए गए।