राष्ट्रीय अनुप्रयुक्त आर्थिक अनुसंधान परिषद् रिपोर्ट (National Council of Applied Economic Research Report)/h1>
हाल ही में, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय मानसून मिशन (NMM) और उच्च निष्पादन कम्प्यूटिंग सुविधाओं में निवेश के आर्थिक लाभों का अनुमान लगाने हेतु ‘राष्ट्रीय अनुप्रयुक्त आर्थिक अनुसंधान परिषद् रिपोर्ट’ (NCAER) जारी की गई है।
यह रिपोर्ट किसानों, समुद्री मछुआरों और पशुपालकों के फेस-टू-फेस सर्वेक्षण पर आधारित है, जिसके लिये इंटरैक्टिव वॉयस रिस्पांस सिस्टम (IVRS) के माध्यम से 2 लाख उत्तरदाता किसानों की प्रतिक्रियाएँ एकत्रित की गई हैं। रिपोर्ट के अनुसार उच्च प्रदर्शन वाली कम्प्यूटिंग सुविधाओं ने एन.एम.एम. के मौसम परिचालन व जलवायु मॉडलिंग में पूर्वानुमान के लिये एक आदर्श बदलाव प्राप्त करने में मदद की है।
ध्यातव्य है कि वर्ष 2012 में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा एन.एम.एम. को गतिशील मानसून पूर्वानुमान प्रणाली विकसित करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य, ऋतुकालिक और अंतर ऋतुकालिक मानसून पूर्वानुमान में सुधार करने के साथ-साथ मध्यावधिक पूर्वानुमान में सुधार करना है।
रिपोर्ट के अनुसार, एन.एम.एम. और उच्च निष्पादन कम्प्यूटिंग (HPC) सुविधाओं को स्थापित करने के लिये भारत सरकार द्वारा 1000 करोड़ रुपए का निवेश किया गया है। साथ ही, रिपोर्ट देश में किसानों, पशुपालकों और मछुआरों को होने वाले मौद्रिक लाभ को भी संदर्भित करती है।
एन.एम.एम. के निष्पादन और समन्वय की ज़िम्मेदारी भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (IITM), पुणे की है। इसका क्रियान्वयन भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान, नेशनल सेंटर फॉर इंवायरमेंटल प्रिडिक्शन (NCEP-USA) और एम.ओ.ई.एस. जैसे संगठनों के आपसी समन्वय से किया जा रहा है।