कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने बसवकल्याण (Basavakalyan) में नए ‘अनुभव मंटपा’ (Anubhava Mantapa) परियोजना की समीक्षा की। इस परियोजना का शिलान्यास वर्ष 2021 में किया गया था। इसके अंतर्गत ‘अनुभव मंटपा’ को प्रदर्शित किया जाएगा।
अनुभव मंटपा’ वह स्थान है, जहाँ बसवेश्वर (बसवन्ना) ने अपने जीवन का अधिकांश समय व्यतीत किया था। यहाँ दार्शनिकों और समाज सुधारकों द्वारा विभिन्न विषयों पर बहस की जाती थी।
इसे प्रायः विश्व की प्रथम संसद भी कहा जाता है। नए अनुभव मंटपा को कल्याण-चालुक्य वास्तु शैली के आधार पर निर्मित किया जा रहा है।
बसवेश्वर 12वीं शताब्दी के कवि, दार्शनिक एवं समाज सुधारक थे। इन्होंने जाति तथा धार्मिक भेदभाव को समाप्त करने के लिये अथक प्रयास किया। इन्हें लिंगायत संप्रदाय का संस्थापक भी माना जाता है।
बसवेश्वर द्वारा प्रतिपादित दर्शन अरिवु (सत्य ज्ञान), आचार (सही आचरण), और अनुभव (दिव्य अनुभव) के सिद्धांतों पर आधारित था, जिससे तत्कालीन समय में सामाजिक, धार्मिक एवं आर्थिक क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव परिलक्षित हुए।