जलवायु परिवर्तन के चलते बर्फ से ढके आर्कटिक महासागर के कुछ हिस्से पिघल जाने के कारण, चीन ने ‘ध्रुवीय रेशम मार्ग’ के निर्माण में अपनी रुचि दिखाई है, जिससे एक नए समुद्री मार्ग के उद्भव की संभावना बढ़ गई है। चीन इसे अपनी ‘बेल्ट एंड रोड पहल’ (BRI) के साथ एकीकृत करने की योजना बना रहा है।
यह ‘पारध्रुवीय समुद्री मार्ग’ (Transpolar Sea Route-TSR) आर्कटिक महासागर के केंद्र में उत्तरी ध्रुव के करीब से गुज़रते हुए अटलांटिक महासागर को प्रशांत महासागर से जोड़ेगा। साथ ही, यह चीन और यूरोप के मध्य ‘ब्लू इकॉनोमिक मार्ग’ का निर्माण करेगा, जो चीन के लिये कच्चे तेल व गैस की उपलब्धता सुनिश्चित करने में महत्त्वपूर्ण वैकल्पिक मार्ग होगा।
यद्यपि यह वैश्विक व्यापार के लिये दूरी को काफी कम कर सकता है, किंतु वर्ष भर बर्फ जमी रहने के कारण यह वर्तमान में उपलब्ध दो आर्कटिक शिपिंग मार्गों ‘उत्तरी सागर मार्ग’ तथा ‘उत्तर-पश्चिमी मार्ग’ की तुलना में अधिक कठिन होगा। ध्यातव्य है कि चीन एकमात्र ऐसा देश है, जिसने टी.एस.आर. सहित तीनों आर्कटिक शिपिंग मार्गों के आधिकारिक अभियान का नेतृत्व किया है।